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Wednesday, August 21, 2024

#The Udai News -34

21 अगस्त 2024

✍️ दिलीप कुमार उदय

धार्मिक एवं पर्यटन स्थल पुष्कर में भारत बंद का दिखा सफल असर

आरक्षण में उप-वर्गीकरण के फैसले के खिलाफ दलित वर्ग का विरोध

पुष्कर में एससी एसटी आरक्षण में उप -वर्गीकरण फैसले के विरुद्ध पुष्कर के दलित वर्ग के कांग्रेस एवं भाजपा पार्टी के सभी नेतागण, सामजिक कार्यकर्ता  एवं पुष्कर के दलित समाज द्वारा अंबेडकर सर्किल पुष्कर से उपखण्ड कार्यालय पुष्कर तक नीले झंडे लेकर शांतिपूर्वक जुलुस निकालकर दलित वर्ग ने राष्ट्रपति के नाम उपखण्ड अधिकारी निखिल कुमार को ज्ञापन सौंपा।

पुष्कर में सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर पुलिस बल साथ में रहा तैनाता।

व्यपारियों ने स्वैच्छा से तय समय तक बंद रखे अपने प्रतिष्टान।

शांतिपूर्वक भारत बंद का सफल असर दिखा पुष्कर में।

आखिर क्या हे मामला इस पर एक नजर :-

सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी कोटे के भीतर नए कोटे की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट के 6:1 बहुमत के फैसले ने ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य के 2004 के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि आरक्षण के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का उप-वर्गीकरण नहीं किया जा सकता है, सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को एक फैसला सुनाया जिसमे कहा गया की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में उप-वर्गीकरण या सब-क्लासिफिकेशन  किया जा सकता है

उक्त फैसले के बाद समर्थन के साथ विरोध के स्वर भी देखे गए...

विरोध के कारण दलित समुदाय द्वारा भारत बंद का 21 अगस्त  2024  को आह्वान किया गया, इस बंद के क्या परिणाम आएंगे सरकार की इस पर क्या रुपरेखा रहेगी अभी स्पष्ट होना बाकी है। 

यह फेसला दलित और आदिवासी वर्ग में राजनीतिक फूट पैदा करेगा यह आरक्षण के मूल सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है ऐसा आलोचकों का कहना है।

एक अहम एवं विधारणीय मुद्दा जो बनने वाला है कि इस वर्गीकरण को यदि लागू किया जाता हे तो कैसे किया जाएगा?

 कोर्ट ने कहा है कि ये उप -वर्गीकरण आंकड़ों के आधार पर होगा पर इस पर ज़्यादा विवरण नहीं दिया गया है... 

वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने कोर्ट के फ़ैसले की आलोचना करते हुए कहा, “कोर्ट ने ये नहीं बताया है कि किस आधार पर पिछड़ापन तय किया जाएगा.”

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहां की आरक्षण को जिस तरीके से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जो प्रावधान बनाए हैं वही प्रावधान वैसे ही लागू रहेंगे।

उन्होंने कहा कि जब तक समाज में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के खिलाफ छुआछूत जैसी प्रथा है तब तक एससी/एसटी श्रेणियों को सब-कैटेगरी में आरक्षण और क्रीमीलेयर जैसे प्रावधान नहीं होने देंगे।

अरविंद कुमार - असिस्टेंट प्रोफेसर यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन (पॉलिटिकल साइंटिस्ट) उन्होंने इस फ़ैसले का विरोध करते हुए कहाँ  “सरकारें अपने समर्थकों और विरोधियों के हिसाब से जाति को चुन सकती हैं. इससे द्वेष बढ़ सकता है, जैसा हमने मणिपुर में देखा.” (स्रोत्र बीबीसी न्यूज़)

कोर्ट ने आरक्षण की कुछ नीतियों को पूर्व में कई मुद्दों पर खारिज भी किया  हैं. 

ओबीसी रिजर्वेशन में उप-वर्गीकरण, सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण,  स्थानीय निकाय चुनाव में औबीसी रिजर्वेशन आदि पहले ऐसा कई बार हुआ है कि कोर्ट ने पर्याप्त आंकड़ा न होने का हवाला देते हुए सरकार द्वारा पारित आरक्षण को नकारा भी है।

आंकड़ों को इकट्ठा करने में भी वक़्त लग सकता है. जैसे, ओबीसी आरक्षण में वर्गीकरण के लिए भाजपा सरकार ने 2017 में जस्टिस रोहिणी कमेटी का गठन किया था, जिनकी रिपोर्ट 2023 में पूरी हुई. पर ये रिपोर्ट अब ठंडे बस्ते में है।

लेख सामग्री में विचार मेरे निजी है।

धन्यवाद।

 🙏🙏

 Dilip Kumar Udai

(Bachelor of Journalism & LL.B.)


The Udai News

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Saturday, June 22, 2024

#TheUdai News - 33   

22 जून - 2024 
✍दिलीप कुमार उदय

''पुष्कर कॉरिडोर" बनाम
पुष्कर की मुख्य समस्याए एवं आवश्यकताएं

तीर्थ नगरी पुष्कर के विकास एवं सौंदर्यकरण के नाम पर प्रस्तावित पुष्कर कॉरिडोर एवं पाथवे बनाने की कवायद शुरू होते ही यह विवाद एवं विरोध की भेट चढ़ गया है।

अयोध्या, काशी और उज्जैन की तर्ज पर कॉरिडोर बनाने हेतु, वहाँ पर हुईं तोड़फोड़ को देखते हुए पुष्कर वासियो को भी डर सताने लगा है की यदि तोड़फोड़ हुई तो हमारे घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठानो पर भी आंच गिरेगी इसलिए इस प्रस्तावित कॉरिडोर का जमकर विरोध किया जा रहा है।

लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में 
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है।....... राहत इन्दोरी की यह शायरी तो आपने सुनी ही होगी।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावो में यूपी के अयोध्या मंडल में  भाजपा की हार और इंडिया की जीत के बाद से ही अयोध्या के निवासियों को सोशल मीडिया पर एक पार्टी विशेष समर्थक लोगो द्वारा जमकर ट्रोल किया गया उनका बहिष्कार, आलोचना करते हुए उन्हें गद्दार करार देते हुए गालियां तक दी गई... गौरतलब यह है कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपरान्त भाजपा को यहाँ से प्रचंड जीत मिलने की पूरी उम्मीद थी परन्तु अयोध्या की जनता ने भाजपा की उम्मीदो पर पानी फेर दिया।

सोशल मीडिया पर अयोध्यावासियो को ट्रोल करने वाले लोगो की जमात में शामिल लोगो को पुष्कर कॉरिडोर को लेकर उत्पन्न हुए विरोध से शायद समझ आ गया होगा या आ जायेगा की बुनियादी जरूरतो को कुचल कर धर्म की राजनीति नहीं चल सकती।  इसलिए बिना सोचे समझे किसी को भी ट्रोल न करे धर्म एवं आस्था व्यक्ति का व्यक्तिगत विषय होता है।

भव्य कॉरिडोर बनाने के साथ -साथ यहाँ के नगरवासियों की जिंदगी को भी भव्य बनाने के प्रयास होने चाहिए, करोड़ो रूपये के कॉरिडोर से पूर्व कुछ करोड़ का बजट यहाँ की स्थानीय समस्याओं एवं आवश्यकताओं हेतु खर्च होने चाहिये

तीर्थनगरी पुष्कर श्रद्धा, भक्ति,आस्था, आध्यात्मिक एवं पौरोणिकता के स्वरूप से बना हुवा है इसे सिर्फ पर्यटन की दृष्टि से न देखे। विकास सौन्दर्यकरण के नाम पर तीर्थ नगरी के आध्यात्मिक, व्यवसायिक एवं पर्यटन सभी पहलुओं को समझते हुए पुष्कर तीर्थ का प्राचीन स्वरूप सुरक्षित रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन करने की रूपरेखा तैयार की जाए।

खेर असल मुद्दे की बात यह है कि  पुष्कर कॉरिडोर बनाम पुष्कर की मूल समस्याएं
भव्य कॉरिडोर में करोड़ों रुपये खर्च करने से पहले
पुष्कर की आवश्यकताओं एवं समस्याओ पर खर्च किया जाना चाहिए।  प्रथम दृष्टि में पहले समस्याओ और आवश्यकताओं का निवारण होना चाहिए उसके उपरांत  कॉरिडोर जैसी योजना वो भी पुष्कर के प्राचीन स्वरुप को बरक़रार रखते हुए पुष्कर वासियो को भरोसे में रखते हुये स्थानीय सुझावों को मध्येनजर रखते हुए निर्णय लिया जाकर।

पुष्कर की कुछ मुख्य समस्याओं एवं आवश्यकताओं की सूची निम्न प्रकार से पेश है.....

1.सरोवर में जाने वाले दूषित पानी एवं प्रतिबंध के बावजूद खाद्य सामग्री बेचने वाली समस्या। 
2.पुष्कर में कई स्थानों पर  बरसाती पानी के भराव की समस्या।
3.पब्लिक टॉयलेट की कमी की समस्या।
4.आवारा पशुओं की समस्या।5.साफ-सफाई की समस्या।
6.ऊंचाई वाले बस स्टैंड पर बसों के ठहराव वाली समस्या।
7.प्रमुख मार्गों पर स्थानीय एवं यात्रियों हेतु जो पैदल पाथवे बने हुए है उनपर अतिक्रमण की समस्या।


8.ब्रह्मा मंदिर परिसर की मरम्मत की आवश्यकता।
9.पब्लिक गार्डन की आवश्यकता।
10.खेल मैदान की आवश्यकता।
11.नवीन हॉस्पिटल की आवश्यकता।
12.राजकीय चिकित्सालय के सामने नेहरू उद्यान की दुर्दशा सुधारने की आवश्यकता।

समस्याओ एवं आवश्यकताओं का पिटारा बहुत लंबा बन सकता  है फिलहाल राज्य-केंद्र तक पहुँच रखने वाले स्थानीय नेतागण एवं प्रशासन इन समस्याओं एवं आवश्यकताओं का ही समाधान कर दीजिए, उसके बाद ही कॉरिडोर के बारे में सोचिये।

नगर पालिका, विधायक (केबिनेट मंत्री) , सांसद (केंद्रीय मंत्री)  से लेकर राज्य और केंद्र तक एक ही पार्टी सत्ता की चेन से जुडी हे तो इस चेन का इस्तेमाल करते हुए पुष्कर के हित को देखते हुए विकास की गंगा की धार को तीर्थ नगरी में लेकर आने का सामर्थ्य जुटाए।

धन्यवाद।
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 Dilip Kumar Udai
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