#TheUdai News - 33
22 जून - 2024
✍दिलीप कुमार उदय
''पुष्कर कॉरिडोर" बनाम
पुष्कर की मुख्य समस्याए एवं आवश्यकताएं
तीर्थ नगरी पुष्कर के विकास एवं सौंदर्यकरण के नाम पर प्रस्तावित पुष्कर कॉरिडोर एवं पाथवे बनाने की कवायद शुरू होते ही यह विवाद एवं विरोध की भेट चढ़ गया है।
अयोध्या, काशी और उज्जैन की तर्ज पर कॉरिडोर बनाने हेतु, वहाँ पर हुईं तोड़फोड़ को देखते हुए पुष्कर वासियो को भी डर सताने लगा है की यदि तोड़फोड़ हुई तो हमारे घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठानो पर भी आंच गिरेगी इसलिए इस प्रस्तावित कॉरिडोर का जमकर विरोध किया जा रहा है।
लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है।....... राहत इन्दोरी की यह शायरी तो आपने सुनी ही होगी।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावो में यूपी के अयोध्या मंडल में भाजपा की हार और इंडिया की जीत के बाद से ही अयोध्या के निवासियों को सोशल मीडिया पर एक पार्टी विशेष समर्थक लोगो द्वारा जमकर ट्रोल किया गया उनका बहिष्कार, आलोचना करते हुए उन्हें गद्दार करार देते हुए गालियां तक दी गई... गौरतलब यह है कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपरान्त भाजपा को यहाँ से प्रचंड जीत मिलने की पूरी उम्मीद थी परन्तु अयोध्या की जनता ने भाजपा की उम्मीदो पर पानी फेर दिया।
सोशल मीडिया पर अयोध्यावासियो को ट्रोल करने वाले लोगो की जमात में शामिल लोगो को पुष्कर कॉरिडोर को लेकर उत्पन्न हुए विरोध से शायद समझ आ गया होगा या आ जायेगा की बुनियादी जरूरतो को कुचल कर धर्म की राजनीति नहीं चल सकती। इसलिए बिना सोचे समझे किसी को भी ट्रोल न करे धर्म एवं आस्था व्यक्ति का व्यक्तिगत विषय होता है।
भव्य कॉरिडोर बनाने के साथ -साथ यहाँ के नगरवासियों की जिंदगी को भी भव्य बनाने के प्रयास होने चाहिए, करोड़ो रूपये के कॉरिडोर से पूर्व कुछ करोड़ का बजट यहाँ की स्थानीय समस्याओं एवं आवश्यकताओं हेतु खर्च होने चाहिये।
तीर्थनगरी पुष्कर श्रद्धा, भक्ति,आस्था, आध्यात्मिक एवं पौरोणिकता के स्वरूप से बना हुवा है इसे सिर्फ पर्यटन की दृष्टि से न देखे। विकास सौन्दर्यकरण के नाम पर तीर्थ नगरी के आध्यात्मिक, व्यवसायिक एवं पर्यटन सभी पहलुओं को समझते हुए पुष्कर तीर्थ का प्राचीन स्वरूप सुरक्षित रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन करने की रूपरेखा तैयार की जाए।
खेर असल मुद्दे की बात यह है कि पुष्कर कॉरिडोर बनाम पुष्कर की मूल समस्याएं
भव्य कॉरिडोर में करोड़ों रुपये खर्च करने से पहले
पुष्कर की आवश्यकताओं एवं समस्याओ पर खर्च किया जाना चाहिए। प्रथम दृष्टि में पहले समस्याओ और आवश्यकताओं का निवारण होना चाहिए उसके उपरांत कॉरिडोर जैसी योजना वो भी पुष्कर के प्राचीन स्वरुप को बरक़रार रखते हुए पुष्कर वासियो को भरोसे में रखते हुये स्थानीय सुझावों को मध्येनजर रखते हुए निर्णय लिया जाकर।
पुष्कर की कुछ मुख्य समस्याओं एवं आवश्यकताओं की सूची निम्न प्रकार से पेश है.....
1.सरोवर में जाने वाले दूषित पानी एवं प्रतिबंध के बावजूद खाद्य सामग्री बेचने वाली समस्या।
2.पुष्कर में कई स्थानों पर बरसाती पानी के भराव की समस्या।
3.पब्लिक टॉयलेट की कमी की समस्या।
4.आवारा पशुओं की समस्या।5.साफ-सफाई की समस्या।
6.ऊंचाई वाले बस स्टैंड पर बसों के ठहराव वाली समस्या।
7.प्रमुख मार्गों पर स्थानीय एवं यात्रियों हेतु जो पैदल पाथवे बने हुए है उनपर अतिक्रमण की समस्या।
8.ब्रह्मा मंदिर परिसर की मरम्मत की आवश्यकता।
9.पब्लिक गार्डन की आवश्यकता।
10.खेल मैदान की आवश्यकता।
11.नवीन हॉस्पिटल की आवश्यकता।
12.राजकीय चिकित्सालय के सामने नेहरू उद्यान की दुर्दशा सुधारने की आवश्यकता।
समस्याओ एवं आवश्यकताओं का पिटारा बहुत लंबा बन सकता है फिलहाल राज्य-केंद्र तक पहुँच रखने वाले स्थानीय नेतागण एवं प्रशासन इन समस्याओं एवं आवश्यकताओं का ही समाधान कर दीजिए, उसके बाद ही कॉरिडोर के बारे में सोचिये।
नगर पालिका, विधायक (केबिनेट मंत्री) , सांसद (केंद्रीय मंत्री) से लेकर राज्य और केंद्र तक एक ही पार्टी सत्ता की चेन से जुडी हे तो इस चेन का इस्तेमाल करते हुए पुष्कर के हित को देखते हुए विकास की गंगा की धार को तीर्थ नगरी में लेकर आने का सामर्थ्य जुटाए।
धन्यवाद।
🙏🙏
Dilip Kumar Udai
(Bachelor of Journalism & LL.B.)
The Udai News
M: 9828782469
Blog:- https://dilipudai.blogspot.com
Facebook:- https://www.facebook.com/theudai
Twitter :- https://twitter.com/dilipudai
Youtube : - https://www.youtube.com/theudai