#The Udai -20
01 अगस्त 2021
*दिलीप कुमार उदय*✍️
*प्रशासन की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती*
पर वंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है!
*पुष्कर - अंधेर नगरी चोपट राजा*
*मानसून की पहली अच्छी बारिश से पुष्कर सरोवर में पानी की आवक से खुशनुमा हुवा माहौल पर साथ ही पुष्कर के विकास की खोखली बाते हुई बेनकाब*
*पुष्कर की बेतरीब भूमिगत विधुत लाइन से आये दिन मूकप्राणियो के करंट लगने से मौत हो जाने की खबरे....जगह जगह टूटी फूटी सडके और गंदगी के अम्बार......रही सही कसर मानसून की पहली बारिश ने विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटक नगरी पुष्कर के करोड़ो रूपये के विकास कार्य की पोल खोलकर रख दी है। बारिश के कारण निचली बस्तियों में हर वर्ष की भांति पानी भरने कि समस्या जस की तस और बारिश के पानी के साथ सीवरलाइन का दूषित पानी भी सरोवर में जाता है... सरकार और जनप्रतिनिधियों के दावो में लाखो करोड़ो खर्च होने के बाद भी कोई ठोस समाधान नही।*
*बेतरीब विधुत लाइन से ऐसा प्रतीत होता है कि जब कोई बड़ा हादसा होगा तब जाके जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी निद्रासन से बाहर निकलेंगे !!*
*पुष्कर के कई लोगो की जमात अपने आपको जागरूक बहुत अक्लबन्द, होशियार, आधुनिक, ऊपर तक शीर्ष नेताओं तक पहुंच और प्रशासनिक अधिकारियों से सीधा संवाद करने के दावे करने वाली पुष्कर की तमाम जमात केवल खोखली बाते करके इतिश्री करने में माहिर है।*
*यहाँ के जनप्रतिनिधि सत्ता पक्ष या विपक्ष दोनों ही राजनीतिक नफे नुकसान के मुताबिक रुख तय करते हुए हो हल्ला मचाकर जनता को दिखाने के लिए थोड़ा सा विरोध करके इतिश्री कर लेते है पंरतु समस्या जस की तस कोई समाधान नही होता है। जनता समस्याओं को लेकर केवल ढोल पिटती रहेगी।*
पुष्करवासियो का गुस्सा कभी फूटता ही नही है यहाँ के लोग नेताओ और प्रशासनिक अधिकारियों के संग फ़ोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर प्रेषित करने में व्यस्त रहते है। सरकारी अधिकारी, कर्मचारीयो के आने और जाने पर उनके स्वागत -सत्कार- सम्मान के लिए पलक पावड़े बिछाए रहते है। कोंन नया आया कौन गया उसके साथ तालमेल मेलजोल बढ़ाने का सबसे बढ़िया आसान तरीका स्वागत सम्मान आदि में सबसे आगे होते है। पुष्कर की मूल समस्याओं से कोई सरोकार नही ऐसे ही है पुष्करवासी!!
जय हो पुष्करराज महाराज और पुष्करवासियो की!!
*वार्ड पार्षद की नाक के नीचे गलत बेतरीब तरीक़े से विधुत लाइन डाल दी जाती है पार्षद मूकदर्शक बनकर खुलकर विरोध करने की हिमाकत भी नही कर सकता। भूमिगत विधुत लाइन सम्बंधित तय नियम की नियमावली क्या है किसी जनप्रतिनिधि पार्षद को शायद पता ही नही होगी। बेतरीब अव्यस्थित धीमी गति से डाली जा रही विधुत लाइन, गंदगी का अंबार और टूटी फूटी सडके साफ नजर आ रही है फिर भी आंख वाले अंधे बने हुए जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को लानत भेजिए इसके अलावा और किया भी क्या जा सकता है।*
धन्यवाद।🙏
✍️
Dilip Kumar Udai
*B.J., B.A., M.A.*
Independent Journalist,
IT Professional &
Entrepreneur
*The Udai News*
Pushkar
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