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Friday, February 21, 2025

✍️ दिलीप कुमार उदय - ब्लॉग 35 

17  फरवरी 2025 

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद जागी सरकार

 नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर CRPF की तैनाती  एवं

 26 फरवरी तक काउंटर प्लेटफार्म टिकट बंद होगा 

 60 स्टेशनों पर भीड़ कंट्रोल के लिए होल्डिंग क्षेत्र विकसित किये जायेंगे 

घटना से सबक लेते हुए रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण को लेकर किये जायेंगे कड़े सुरक्षा इंतजाम चूँकि देश में जब कोई बड़ी घटना घटित होती हे तभी सरकार प्रशासन से करवाती हे नए सिरे से कड़े सुरक्षा इंतजाम!

शनिवार रात को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की दर्दनाक मौत  जिसमें पांच मासूम बच्चे भी शामिल थे एवं 13 लोगो के घायल होने की खबरे प्रकाशित हुई है,  यह हादसा तब हुआ जब बड़ी संख्या में यात्री प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में जाने के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पर एकत्रित हुए थे। भारी भीड़ और अव्यवस्था के कारण अचानक भगदड़ मच गई, जिससे कई लोगों की जान चली गई और अनेक यात्री घायल हो गए। भगदड़ मचने के कारण को  लेकर अलग अलग सरकारी दावे किये गए  हे - केंद्र सरकार , रेलवे एवं पुलिस तीनो ने भगदड होने के अलग -अलग बयान  क्रमशः फेक न्यूज़ से भगदड़ मची , फुटओवर ब्रिज से एक व्यक्ति के फिसलने से भगदड़, एक जैसे नाम वाली ट्रेन से भृमित

जो भी कारण रहे सरकार हमेशा की तरह घटना की उच्च स्तरीय जाँच करेगी और जाँच पता नहीं कब तक आएगी!

तकनीकी द्वारा चंद मिनटों में महाकुम्भ में आये करोडो लोगो की गिनती करने का दमखम रखने वाली सरकारो ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ के दवाब की गिनती करने में नकारा साबित हुई है यदि गिनती कर ली जाती तो शायद घटना को टाला जा सकता था अत्याधिक भीड़ को नियंत्रित करने का इंतजाम हो जाता पर क्या करे आदत से मजबूर है कोई घटना घटने के बाद ही बेहतर इंतजाम करने की लत पड़ी  हुई है।

सरकार द्वारा आमजन की सुरक्षा को लेकर क्यों किया जा रहा हे बार बार खिलवाड़ जो इस त्रासदी का शिकार होकर दिवंगत एवं घायल हो चुके हे उनके आश्रित परिवार वालो को सरकार कुछ चंद रुपयों की मरहम देकर इतिश्री कर लेगी और कहेगी जाँच जारी है दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी!

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है। 

सत्ता और विपक्ष ने इस घटना पर शोक जताया और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं है। 

उक्त घटना को लेकर विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरने का कार्य निभाकर अपना कर्त्यव्य निभा लेगा और सत्ता पक्ष उनके यानि विपक्ष के तात्कालीन कार्यकाल की घटनाओ को याद दिलाकर अपना  कर्त्यव्य निभा लेगा दोनों अपने अपने कार्यकाल की विफलताओं को दबाकर सफलताओ का गुणगान करके मुख़्यधारा के मीडिया में तर्क वितर्क करके अपनी -अपनी पार्टियो के प्रवक्ता उन तर्क वितर्क के कुछ अंश को सोशल मीडिया प्लेटफार्म मुताबिक कंटेंट बनाकर एक राजनीतिक पार्टी  इस नाकामी पर धुआधार जवाब तलब करके ओर दूसरी पार्टी ओर उसके अनुयायी इस घटनाक्रम का बचाव करके अपने अपने प्रशंषको द्वारा लाइक और शेयर वाला यह कंटेंट सोशल मीडिया के बाजार पर वायरल करके एक दूसरे को लताड़ कर अपनी अपनी पार्टी में खुद का नंबर बढ़ाने का जतन करेंगे कुछ दिनों बाद यह मामला ठंडा पड़ जायेगा और जनता के सामने ऐसी तस्वीर पेश कर दी जायेगी की कुछ हुवा ही नहीं यह तो सामन्य घटना थी सरकार क्या करे इतनी भीड़ थी! या फिर किसी राजनीतिक नफा नुकसान के मुताबिक इस घटनाक्रम का    ठीकरा.................पता नही किस पर फोड़ दिया जायेगा!

सत्ता पक्ष के प्रशंषको का कुम्भ में हुई त्रासदी और हाल ही में हुई नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ वाली त्रासदी को लेकर उनका जवाब सामन्यतः यही रहेगा की क्या करे भीड़ ही इतनी हे सरकार कैसे क्या करेगी!

जब प्रशंशा करनी हो तो वर्तमान सत्ता पक्ष जैसी कोई सरकार नहीं कितने बेहतरार इंतजाम किया हे करोडो लोगो के लिए!!

जब त्रासदी हो जाती हे तो कहा जाता हे की सरकार क्या करे इतनी भीड़ को कैसे करे मैनेज!

वैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ का दवाब बढ़ रहा था तब व्यवस्था देखने वाला तंत्र किसके आदेश का इंतेजार कर रहा था कि व्यवस्था दुरस्त करनी है या नही यह एक बड़ा ही अहम सवाल है???

जब प्रशंसा करनी हो तो सरकार में कितनी इच्छा शक्ति दमखम हे और जब नाकामी हो तो सरकार क्या करे कैसे करे ..........आदि आदि यह दोहरापन वाला व्यवहार स्वच्छ आलोचना भी नहीं करने देता यदि कोई स्वच्छ रूप से किसी घटनाक्रम पर सवाल या आलोचना कर भी देगा तो उसे धर्मविरोधी , देशविरोधी करार कर दिया जायेगा !

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई यह घटना  एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती है कि भीड़ नियंत्रण और यात्री सुरक्षा की ओर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रशासन और रेलवे को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी को टाला जा सके। 

वैसे ध्यान आकर्षित करने का प्रथम जिम्मा मीडिया का होता ही है परन्तु  पिछले कई सालो से मुख्यधारा के मीडिया ने ध्यान आकर्षित करने  वाला कार्य  काफी कम कर दिया है, सरकार से सवाल पूछने की प्रवृति भारतीय मुख्यधारा के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विलुप्त होने जैसा आभास कराती है, साथ ही मीडिया द्वारा विभिन समस्याओं के पहलुओं ओर घटनाक्रम पर पक्ष -विपक्ष के तर्क वितर्क में यह मीडिया सत्ता पक्ष के समक्ष खड़े होने की प्रवृति का आभास भी करा रहा है, जिससे सरकार की नाकामियां जनता के समक्ष पूर्ण रूप से नहीं आ पा रही है!

खेर.....

इस त्रासदी में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस विषय पर जल्द से जल्द आवश्यक एवं ओर बेहत्तर कदम उठाएगी।

लेख सामग्री में विचार मेरे निजी है।

धन्यवाद।

 🙏🙏

 Dilip Kumar Udai

(Bachelor of Journalism & LL.B.)

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✍️ दिलीप कुमार उदय - ब्लॉग 35  17  फरवरी 2025  नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद जागी सरकार  नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर CRPF की तैनाती  ...