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Saturday, June 27, 2020

#बाबा साहेब की प्रतिमा पर राजनीतिक घमासान

#07 The Udai

पुष्कर में बाबा साहेब की प्रतिमा को प्लास्टिक थैली से ढक दिया गया! प्लास्टिक थैली को हटाने के लिए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्नी देवी उदय के नेतृत्व में दलित समुदाय द्वारा सोमवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों को दिया जाएगा ज्ञापन।

✍️दिलीप कुमार उदय

करीबन 2-3 वर्ष पूर्व असामाजिक तत्वों द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर साहब की प्रतिमा की अंगुली को तोड़ दिया गया तब टूटी हुई अंगुली का प्राथमिक उपचार कर दिया गया यानी टूटी अंगुली को चिपका दिया गया। परन्तु अंगुली तोड़ने वाले किस मानसिकता या किस उद्देश्य से  कोन लोग थे जिन्होंने यह घिनोना कृत्य किया उसकी जांच कहा तक पहुँची या नही हुई इस पर फिर से जांच प्रक्रियाधीन है।

घटनाक्रम पर एक नजर...

अंबेडकर सर्किल पुष्कर में स्थित भीमराव अंबेडकर साहब की प्रतिमा की मरम्मत को लेकर हुए विवाद के बाद प्रतिमा को प्लास्टिक की थैली से ढक दिया है। प्रशासन के आग्रह पर आए मूर्तिकारों का दलित लोगो द्वारा घेराव किया गया जिस कारण फिर से विवाद उत्पन्न हो गया कुछ दलित लोग खंडित प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगाने हेतु बार बार ज्ञापन ओर विरोध दर्ज करवाकर बाबा साहेब की प्रतिमा को हटाकर नई प्रतिमा लगाने की गुजारिश प्रशासन से कर रहे है , अब प्रशासन ने लोगो की गुजारिश पर कार्यवाही करते हुए मौजूदा स्थिति क्या है किस तरह से है यह जानने हेतु प्रशासनिक दिशानिर्देश दिए गए उसके बाद मूर्तिकार अम्बेडकर सर्कल पर आये थे। मूर्तिकार अवलोकन करने आये थे या उस टूटी अंगुली को फिर से दुरस्त करने आये या कुछ और करने आये विवाद के बाद जांच का विषय बन गया है!

अम्बेडकर सर्कल पर अम्बेडकर प्रतिमा का अनावरण 14 अप्रैल 2000 को तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अन्नी देवी उदय की अध्यक्षता में किया गया था। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्नी देवी जी उदय एवं इनके पति चाँदमल जी उदय भी तत्कालीन समय नगर पालिका बोर्ड में पार्षद थे।
जब दोनों से हुई मेरी वार्ता से उन्होंने मुझे कुछ तथ्यों से अवगत कराया है। ब्लॉग के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत है....

उक्त घटनाक्रम के बाद बाबा साहेब की प्रतिमा को प्लास्टिक थैली से ढक दिया गया है, प्रतिमा को अभी किस कारणवश ढक दिया गया जब की प्रतिमा तो पिछले 2-3 वर्षों  से खंडित है, अभी क्यो ढका गया है? उक्त प्लास्टिक थैली को हटाने के लिए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्नी देवी उदय के नेतृत्व में दलित समुदाय द्वारा प्रशाशनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा साथ ही यह भी कहा है कि नगर पालिका पुष्कर के स्वामित्व में कई वर्षों से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की प्रतिमा भी खंडित है एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ज़ी की भी प्रतिमा भी खंडित है क्या बाबा साहब अंबेडकर जी की प्रतिमा को जिस प्रकार ढका गया है इसी प्रकार अन्य दोनों खंडित प्रतिमाओं को भी प्रशासन द्वारा ढका जाएगा क्या?

फ़ोटो ब्लॉग में सलंग्न है



धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Saturday, June 6, 2020

#06 The Udai
#कोरोना भय / डर

पहले डराया फिर पुचकारा फिर  आत्मनिर्भर......

व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है......

दिलीप कुमार उदय

आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी अनुसार दिनांक 6 जून 2020 प्रातः 9:00 बजे तक 45,24,317 कोरोनावायरस सैंपल टेस्ट हो चुके है। 24 घंटे में सेम्पल टेस्ट की संख्या 1,37,938 है।

दिनांक 6 जून 2020 - मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी अनुसार पूरे देश में

एक्टिव केस - 115942
ठीक हो गए/डिस्चार्ज - 114072
टोटल कन्फर्म केस - 236657
*मृत्यु - 6642
**(more than 70% cases due to comorbidities)

अब थोड़ा गणित का जितना जिसको ज्ञान है उसके मुताबिक गणना कीजिये कि पूरे देश का कोरोना वायरस टेस्ट करना हो तो कितने दिन या माह या वर्ष लग सकते है जिस रफ्तार से टेस्ट हुए है या हो रहे है या होंगे??

गणना कीजिये उपलब्ध डेटा अनुसार कोरोना वायरस से मृत्यु दर कितनी है??

उक्त गणना हेतु जानकारी जो सभी को पता है : देश की आबादी लगभग एक अरब 37 करोड़ है

कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु से थोड़ा सा ध्यान हटाकर हम देखे तो उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक दशक में ही भारत मे लगभग 13 से 14 लाख के बीच लोग सड़क दुर्घटना में मारे गए है। एवं लगभग 50 लाख से अधिक गंभीर घायल हुए है। कोरोना बीमारी के बाद से सरकारी डंडा यानी चालान ओर बीमारी के संक्रमित होने के डर से लोग मास्क पहन रहे है। वाहन चलाते समय भी मास्क पहन रहे है परन्तु दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने में अभी भी दिलचस्पी नही दिखाते है। सोचिए डर का प्रतिशत सर्वाधिक कहाँ है ??

फिर से कोरोना पर आते है :- तमाम सूचना तंत्र और उनको क्रियान्वित करने वाली मीडिया और सरकार बार बार आगाह ओर सतर्क कर रही थी और कर रही है कि कोरोना वायरस महामारी है। उक्त महामारी से पूरी दुनिया मे डर का माहौल पैदा हो गया इसलिए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया लोगो को 68 दिन घरों में कैद रहना पड़ा। स्वास्थ्य की दृष्टि से सामाजिक प्राणी को सामाजिक दूरी का पाठ पढ़ाया गया। मास्क परम्परा को ईजाद कर दिया गया जिसका सर्वाधिक व्यंग्यात्मक समर्थन रूढ़िवादिता की मज़बूरी से ग्रसित महिलायें कर रही है और कह रही हैं की हमारा तो पूरा जीवन ही घूंघट/बुर्के में निकलता है और आप लोग इतने से मास्क से क्यो हाय तौबा मचा रहे हो !!

प्रथम लॉकडाउन में प्रधानसेवक जी ने महाभारत युद्ध का जिक्र करते हुए कहा था कि महाभारत युद्ध 18 दिन में जीता गया था जिसमे श्री कृष्ण युद्ध में सारथी थे और इस कोरोना युद्ध में हम सभी 130 करोड़ लोग कोरोना से जंग लड़ेंगे हमारा प्रयास रहेगा कि 21 दिन में  कोरोना को हरा देंगे। उक्त संदर्भ से प्रधानसेवक जी ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं को श्री कृष्ण/अर्जुन से सुशोभित करना चाहा था। वर्तमान हालात में श्री....जी की छत्र छाया में सारी जनता बर्बाद हो गई हैअब स्थितियां हर तरह से ज्यादा बिगड़ गई तो अब श्री...... जी कह रहे हैकहलाया जा रहा है की कोरोना वायरस बीमारी के साथ जीना सीखना होगा ! यानी कोरोना के साथ ही जिओ ओर मरो !

तमाम घटनाक्रम के फलस्वरुप परिणाम यह आया कि पहले से ही चरमराई देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार और अधिक हो गया। उद्योग धंधे सब चौपट हो गए मजदूरों का एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन हो गया हे हो रहा हे,  मजदुर सरकार एवं मीडिया के लिए प्रवासी और -गेर प्रवासी हो गए हे। केंद्र और राज्य के आपसी समन्वय की कमी के कारण कई मजदूरों की जिंदगियां तबाह हो गई अकाल मृत्यु हो गई। करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए। पढ़े लिखे नौजवान को मनरेगा में मजदूरी करनी पड़ रही है। जबकि दूसरी ओर देश के सबसे बड़े उद्योगपति को हजारों करोड़ का विदेशी निवेश मिल गया ओर अन्य बड़े उद्योगपतियो को देश के सरकारी संसाधनो में भागीदारी मिलने का ओर अधिक सुनहरा मौका मिल गया तो कई राजनेताओ को राजनीतिक रोटिया सेखने का मौका मिल गया।

देश के गरीब तबके को थोड़ा सा राशन थोड़ी सी सहानुभूति मिली!

मिडलक्लास को श्री..... जी का लच्छेदार भाषण मिला !!

सभी तबके को इस त्रासद्दी से राहत प्रदान करने हेतु पहले से चल रही कुछ योजनाओं को शामिल करते हुए 20 लाख करोड़ का झुनझुना मिल गया जिसे मिडलक्लास रोज झुनझुनाकर आत्मनिर्भर बनकर अपना जीवन यापन करेगा।

पहले कार्यकाल में मेक इन इंडिया अभियान सफल नही हुआ इसलिए अब दूसरे कार्यकाल में मेक इन इंडिया का हिंदी अनुवाद स्वदेशी अभियान के तहत आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान। वेसे भारत सरकार की स्वयं की कई आत्मनिर्भर इकाइयां है जिन्हें अब श्री....... जी के कुछ चेहते आत्मनिर्भर उद्योगपति अपने मुताबिक फिर से आत्मनिर्भर बनाएंगे।

कोरोना से डरे नहीं मुकाबला करेसतर्क रहे साथ ही तार्किक बनकर सोचे और समझे।

कोरोना कहर के दौरान स्वास्थ्यकर्मीपुलिसकर्मीसफाईकर्मी एवं तमाम प्रशासन के अधिकारीकर्मचारीसेवाभावी लोग संघठन आदि आप अपने कर्त्यव ओर जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे है आप सभी का आभार और धन्यवाद।

स्वस्थ रहिये। मस्त रहिये।

उक्त व्यंग्यात्मक लेख मेरे निजी विचार है।

धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Tuesday, May 19, 2020

#05 The Udai

आज प्यार और स्नेह के अल्फाज प्रस्तुत है......
दिलीप कुमार उदय
19-05-2020

क्वारंटाइन सेंटर में पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स ने बच्ची का जन्मदिन मनाकर बच्चो के प्रति प्यार और स्नेह  के खास अंदाज से जीत लिया लोगो का दिल 

कोरोना  त्रासदी  की जंग में लॉकडाउन की  व्यवस्था की जिम्मेदारी को संभालने  की बात हो या जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने  की बात हो अपनी जिन्दगी दांव पर लगाकर पुलिसकर्मी अहम भूमिका निभा रहे  है।
इस  कोरोना त्रासदी से बचाव के लिए दिनरात हमारे लिए सुरक्षा कवच बनकर अपना कर्त्यव्य को बखूबी निभाने वाले तमाम  डॉक्टर्स , पुलिसकर्मी, नर्सिंगकर्मी, सफाईकर्मी, प्रशाशनिक अधिकारी, कर्मचारी एवं कोरोना वालेंटियर आप सभी के अथक प्रयास से हम इस कोरोना जंग को जितने में कामयाब हो जायेंगे ।


इन सबके बीच पुष्कर पुलिस थाना अधिकारी राजेश जी मीणा एवं चिकित्साधिकारी अभिजीत जी सोनी ने लोगों का दिल जीतने वाला काम किया है इन्होने बच्चो के प्रति प्यार और स्नेह के खास अंदाज की सोगात पेश की ।

पिछले दिनों राजश्री होटल के पीछे पाए गए कोरोना पोजेटिव युवक के सम्पर्क में आने के कारण 8 वर्षीय राधिका की जाँच की गई जाँच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद  क्वारंटीन सेन्टर  - जाट विश्राम स्थली पुष्कर में यह बच्ची अपने मातापिता के साथ रह रही हे इस बच्ची के जन्मदिन के बारे में थाना अधिकारी राजेश जी मीणा को पता चलने पर इस छोटी बच्ची के लिए प्यार , स्नेह एवं मानवता की मिसाल पेश करते हुए क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना वाली सोशल डिस्टेंसिंग (फिजिकल डिस्टेंसिंग) की पालना करते हुए  8 वर्षीय बच्ची राधिका का जन्मदिन  केक काटकर मनाया गया  बच्ची को चोकलेट दी गयी, बच्ची की दीर्घायु की कामना के साथ बर्थडे विश किया तो बच्ची और उसके पिता की  खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

बच्ची के पिता ने थाना अधिकारी राजेश जी  मीणा एवं चिकत्साधिकारी  अभिजीत जी सोनी  एवं साथी पुलिसकर्मी एवं स्टाफ का आभार व्यक्त किया और धन्यवाद प्रेषित किया।

स्वस्थ रहिये। मस्त रहिये। 
धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Saturday, May 9, 2020

UICT IT Gyan Kendra, Pushkar - 13th Anniversary 09-05-2020

UICT IT Gyan Kendra, Pushkar - 13th Anniversary 09-05-2020
ब्रह्मनगरी पुष्करराज की असीम कृपा से पुष्करवासियों और आसपास के गांववासियों के प्यार, स्नेह, विश्वास, और आशीर्वाद से UICT IT Gyan Kendra, Pushkar ने पूरे किये 13 वर्ष.........केंद्र पर लगभग 6000 स्टूडेंट्स ने जताया भरोसा और प्राप्त किया कंप्यूटर व आई टी ज्ञान, इनमें से कई स्टूडेंट्स पुष्कर व आसपास के गाँवों में और अन्य शहरो में कर रहे हे स्वयं का व्यवसाय, जॉब्स और ईमित्र का संचालन, समस्त UICT Students केंद्र के निदेशक दिलीप कुमार उदय आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।

पुष्कर के सभी जनप्रतिनिधि, गणमान्य लोग, समस्त पत्रकार एवं समस्त मित्रों आप सभी का भी UICT IT Gyan Kendra आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करता है।
वर्ष 2007 से हमारे ज्ञान केंद्र पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार के कई सरकारी संघटनों (RKCL , NIELIT, CSC, Emitra , NSDC, Skill India, Digital India, ) के साथ मिलकर आईटी और कंप्यूटर के क्षेत्र में Digital Literacy Course, Certificate & Diploma Course, Skill Course & Short Term Course (Offline & Online Course) आदि के साथ-साथ भारत सरकार और राज्य सरकार की डिजिटल सेवायें भी आमजन तक दी जा रही हें।
हमारे केंद्र में आधुनिक वातानुकूलित लेब जिसमें 35 कंप्यूटर सिस्टम सहित सभी सुविधायें उपलब्ध है। ई लर्निंग से घर बेठे ऑनलाइन कोर्स की भी सुविधा उपलब्ध है
निदेशक - दिलीप कुमार उदय
उप-निदेशक - मयंक उदय
केंद्र के मार्ग निर्देशन व सलाहकार :-
चाँदमल उदय - पूर्व पार्षद, पुष्कर, अन्नी देवी उदय - पूर्व अध्यक्ष, नगर पालिका पुष्कर, स्व. श्री केलाशचंद उदय, भागचंद उदय, हेमलता उदय, हेमन्त बाघ एवं उदय परिवार।
हमें मिलकर *COVID -19* (नोवल कोरोना वायरस रोग) से लड़ना है। फिलहाल घर पर रहे और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखे।
लॉकडाउन में अपने कीमती समय का उपयोग UICT IT Gyan Kendra के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन कंटेंट के साथ RS-CIT व अन्य IT कोर्स हेतु संपर्क करे।
Dilip Kumar Udai
UICT IT Gyan Kendra
Opp. Govt. Hospital, Pushkar - 305022 (Ajmer)
M: 9828782469
Ph. 0145 -2773717
E-mail : uictpushkar@gmail.com
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Wednesday, May 6, 2020

#04 The Udai
व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है......

कोरोना त्रासदी में मध्यमवर्गीय परिवार का जीर्णोद्धार होगा??

🔏  दिलीप कुमार उदय

इस कोरोना त्रासदी से होने वाले परिदृश्य की विवेचना विश्लेषण को व्यंग्यात्मक तरीके से थोड़ा सा समझने की कोशिश करते है :-

वर्ष 2020 इस साल मे कोरोना वायरस की त्रासदी ने पूरी दुनिया के लोगो को घरों में बंद कर दिया हैं। सामाजिक प्राणी को सामाजिक दूरी का पाठ पढ़ा दिया गया है। इस कोरोना त्रासदी ने ऐसा कोहराम मचाया है जिसने सारी मानव जाति को लपेटे में ले लिया है। सभी लोग इस संकट के दौर में संघर्षरत है। मजदूर से लेकर उद्योगपति तक और आम से खास तक तमाम लोगो को आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक,  धार्मिक आदि क्रियाकलाप करने के तौरतरीकों के नए विकल्प तलाशने पड़ेंगे!

अपना भारत विभिन्न संस्कृति, धर्म, नस्ल, भाषा का देश है और यही हमारी विविधता में एकता है। जो हमे भारतीय कहलाने का गौरव प्रदान करती है। प्रायः भारतीय समाज को निम्न तीन वर्गों में बांटा जाकर देखा जाता है।
1 उच्च वर्ग
2 मध्यम वर्ग
3 निम्न वर्ग
इस कोरोना त्रासदी ने इन तीनो वर्गों को ऐसी चोट (घाव,जख्म) दिया है जिस पर मरहम का फिलहाल कोई खास असर दिखाई नही पड़ रहा है। जबकि उच्च वर्ग के पास जो आर्थिक साम्राज्य है उसमें से वह अपने सामाजिक, राजनीतिक हितार्थ ओर पहुंच से वह अपने स्तर से मरहम बना लेगा और इस कोरोना त्रासदी वाले घाव का उपचार भी कर लेगा।

परन्तु मध्यमवर्गीय परिवार और निम्नवर्गीय परिवार पर यह कोरोना त्रासदी वाला जो घाव है, बहुत गहरा, दुखदाई है इस घाव पर दोनों वर्ग कितनी भी मरहम लगा ले यह धीरे धीरे समय लगाएगा सब कुछ ठीकठाक होने में क्योकि इनके पास उच्च वर्ग जैसा आर्थिक साम्राज्य नही है।

त्रासदी,आपदा या कोई भी दौर हो हम सरकारो पर भरोसा,विश्वास और उम्मीद लगाए इसी आशा में रहते है कि सरकार मध्यवर्गीय  परिवार के लोगो के लिए इस बार तो कुछ बेहतर करेगी परन्तु हर बार की तरह छलावा, बेबसी ओर निराशा ही नजर आती दिख रही है।

इस बेबसी, निराशा और छलावे के बावजूद मध्यमवर्गीय परिवार के पालनहार आशावादी छवि के कारण सेतु के रूप में तटस्थ, अडिग और निर्भीक खड़े है जिसकी नीव ओर स्तम्भ बहुत शक्तिशाली तो है लेकिन साथ ही समय समय पर मरम्मत और रखरखाव की भी परम आवश्यकता पड़ती रहती है। मध्यमवर्गीय सेतु पर जो मार्ग है यह आवक जावक का व्यस्तम मार्ग है इस मार्ग पर सरकारे ओर जनप्रीतिनिधि आदि लोग बड़ी रफ्तार से निकलते हैं। इनकी रफ्तार केवल चुनावी मौसम में जरूर थोड़ी धीमी होती है, तब यह लोग मार्ग पर रुकना पसंद करते है और विकास की गंगा बहा देने का आश्वासन देकर चलते बनते है। फिर से आएंगे और विकास की गंगा बहायेंगे तब तक 5 वर्ष पूर्ण हो जाते है।

ऐसा नही है कि सरकार कुछ नही कर रही है कर रही है बहुत कुछ कर रही है करोड़ो रूपये के राहत की घोषणा के साथ उसका कुछ प्रतिशत खर्च भी कर रही है जो निम्न वर्ग के कुछ तबके तक राहत भी प्रदान कर रहा है जो उनके लिए भी नाकाफी है।

कोरोना राहत पैकेज और सहायता के नाम पर सभी सरकारे ढिंढोरा पिट कर अपनी अपनी पीठ थपथपा रहे है, सोशल मीडिया के सहयोग से एवं पार्टी के नुमाइंदों और आईटी सेल से भविष्य की चुनावी चौसर वाली राजनीति को मजबूत करने में लगे हुए है। खेर यह सब तो होता रहेगा इनके बिना इनकी गाड़ी आगे सरकती भी नही है।

उक्त व्यंग्यात्मक लेख से सरकार से सिर्फ इतनी सी गुजारिश है कि मध्यम वर्गीय परिवार जिसे मिडलक्लास कहा जाता है उनका भी जीर्णोद्धार करने का श्रम करे ताकि इस मिडिल क्लास की हाइक्लास तक पहुँचने की लालसा बरकरार रह सके।

एक छोटी सी गुजारिश :-
सोशल डिस्टेंसिंग.....
भविष्य में यह अवधारणा बरक़रार न रहे और न ही मजबूत हो इसलिए मेरा यह निजी विचार हे की हमें सोशल डिस्टेंसिंग की जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए!

स्वस्थ रहिये। फिलहाल घर मे व्यस्त रहिये। मस्त रहिये।

उपरोक्त व्यंग्यात्मक लेख मेरे निजी विचार है।

धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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