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Friday, February 25, 2022

राजस्थान के 2022-23 बजट में पुष्कर सरोवर के लिए अलग से नही हुई बजट घोषणा !!

 #The Udai -24
25 फरवरी 2022

✍️दिलीप कुमार उदय

व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है :-

*राजस्थान के 2022-23 बजट* में  पुष्कर सरोवर के लिए अलग से नही हुई बजट घोषणा !!

*अलग से बजट घोषणा नही हुई तो क्या पुष्कर सरोवर का विकास रुक जायेगा समस्याओं का निवारण नही होगा???*

*सत्ता पक्ष के एवं विपक्ष के नेता पुष्कर सरोवर के इर्द गिर्द परिक्रमा करते रहते है इनकी परिक्रमा पिछले कई सालों से पूरी नही हो पा रही है !*

*पूर्व शिक्षा मंत्री नसीम मेडम पुष्कर को लेकर सदैव चिंतित रहती है* इनका चिंतित रहना स्वाभाविक भी है पुष्करराज एवं जनता के आशीर्वाद से विधायक रहते हुये शिक्षा मंत्री का पदभार मिला था। *वो अलग बात है कि पिछले 2 चुनावो में जनता का आशीर्वाद नही मिल पाया परन्तु पुष्करराज का आशीर्वाद बरकरार रहा जिसके तहत वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष पद पर है।* खेर लोकतंत्र में किसी को जीत और किसी को हार नसीब होनी है।

 मेडम ने अपने अथक  प्रयास से सरोवर के लिए मीटिंग्स आयोजित की डीपीआर को बजट में शामिल करवाने हेतु जद्दोजहद भी की, जब बजट में डीपीआर शामिल नही हुई तो *ठीकरा अधिकारियों के माथे डाल दिया गया। अधिकारियों को दोषी करार देकर उन्हें लापरवाह घोषित करते हुए कार्यवाही की मांग तक कर डाली है।* पुष्कर सरोवर के लिए बजट घोषणा नही होने पर CM को पत्र भी लिख दिया है। *पुष्कर सरोवर बजट को लेकर अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर चेन से नही बैठूंगी वाला दांव भी लगा दिया है.....अब देखो यह दांव कितना कारगर सिद्ध होता है!!*

🤔सोचनीय विषय यह है कि पुष्कर सरोवर में बरसाती गंदे पानी वाली समस्या तो सालो से है। *राजस्थान का बजट अचानक तो घोषित हुवा नही, तय समयावधि में ही बजट आता है तो उसके अनुसार पूर्व में  तैयारी कर लेनी चाहिए थी इतनी ढिलाई क्यो बरती गई ??*🤔🤔

*वैसे प्रतिष्ठा का दांव तो वर्तमान विधायक श्री सुरेश रावत को भी लगाना चाहिए उन्हें जनता ने 2 बार चुना है आगामी चुनाव तक 10 वर्ष पूरे भी हो जायेंगे। उन्होंने हजारो करोड़ रुपये के विकास कार्य करवाये थे तो पुष्कर सरोवर विकास ओर बरसाती पानी के साथ गंदे पानी की समस्या अछूती कैसे रह गई , इनके पूर्व कार्यकाल के समय केंद्र, राज्य, सांसद एवं विधायक सभी एक पार्टी से थे पूरी चेन थी फिर भी समस्या जस की तस कैसे रह गई। यह जनता हेतु गहन अध्ययन का विषय है।*😉😉

इन्होंने डीपीआर (Detailed Project Report) मामले को लेकर कहां था कि यह राशि *ऊंट के मुंह मे जीरा है, माना कि जीरा है आप आपके विधायक कोष से एवं आपकी पार्टी के सांसद कोष से या केंद्र द्वारा ऊंट के मुंह मे राई* जितना ही कर दिखा दीजिये ना  😊😊

*पुष्कर सरोवर के बरसाती पानी के साथ गंदे पानी वाली समस्या का निवारण बहुत आवश्यक है इसका समाधान सर्वप्रथम होना जरूरी है।* 

🙏🙏

राजस्थान बजट में पर्यटन को लेकर भी महत्वपूर्ण घोषणाएं हुई है जिन्हें जानना भी जरूरी है :- 

*पुष्कर धार्मिक नगरी के साथ साथ अंतराष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी है। राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थलो में पुष्कर का महत्व क्या है सर्वविदित है।*

*पर्यटन, कला एवं संस्कृति* और *आधारभूत संरचना* के तहत *सड़क एवं सुनियोजित विकास हेतु स्वीकृत बजट से भी पुष्कर की कायापलट हो सकती है !!*  

*पर्यटन :-* इस बजट में *1 हजार करोड़* का पर्यटन विकास कोष बनाया गया है।

 *400 करोड़ रुपये प्रदेश की Tourism Destination के रूप में Branding करने, जिसमे Media Plan, Events, Concerts आदि शामिल होंगे*

 तथा *600 करोड़ रुपये पर्यटन स्थलों/ सर्किट से संबंधी आधारभूत संरचना के कार्यो के लिए खर्च किए जायेंगे।*

*साथ ही प्रत्येक जिले में 2-2 पर्यटक स्थलों को चिन्हित कर जन सुविधा संबंधी 100 करोड रुपए के कार्य आगामी वर्ष हाथ में लिए जाना प्रस्तावित है।*

*साहसिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर टूरिज्म प्रमोशन स्कीम लाई जायेगी* 

*पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से 10 करोड रुपए की लागत से एकीकृत ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल मोबाइल एप्स विकसित किए जाएंगे।*

*पर्यटकों की सहायता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों हेतु 500 पर्यटक मित्र भर्ती किये जायेंगे।*

*आधारभूत संरचना के तहत* :-

नाथद्वारा -राजसमंद, *पुष्कर- अजमेर*, पिलानी -झुंझुनू ,एवं माउंट आबू -सिरोही में  *₹160 करोड़* की लागत से सौंदर्यीकरण अन्य आधारभूत कार्य करवाये जायेंगे।

*(160 करोड़ में से पुष्कर हेतु कितने करोड़ का सौंदर्यीकरण  होगा ??)*

*राजस्थान के बजट में पर्यटन को खासा महत्व दिया गया है उस लिहाज से देखा जाए तो पुष्कर के विकास को पंख लगने चाहिए!!*

 *राजनीति महत्वकांशा एवं गुटबाजी पंख को कतरने का प्रयास न करे तो विकास नामी पंख की उड़ान पुष्कर के लिए शानदार हो सकती है।*

*कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के  एवं राजनीतिक वर्चस्व की उठापटक के कारण पुष्कर में नवीन 100 बेड के हॉस्पिटल की राजनीति देख चुके है। हॉस्पिटल मुद्दा अभी शांत है, अभी सरोवर मुद्दे का शोर है राजनेता शोर मचाकर जनता को गुमराह करने में माहिर होते है जनता समझ ही नही पाती आखिर राजनेता चाहते क्या है।*

खेर वर्तमान मुद्दे की बात की जाए *राजनीतिक प्रतिष्ठा किसकी बरकरार रहती है यह आगामी समय ही बताएगा क्योकि पर्यटन के लिहाज से पुष्कर का पर्यटक की दृष्टि से विकास अब RTDC चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ के हाथों में भी आ गया है।* आगामी विधानसभा चुनाव से पहले RTDC चेयरमैन पुष्कर की काया पलटने में कितनी रुचि रखते है और रुचि धरातल पर कब आएगी यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा।

*पर्यटन विकास कोष से या अन्य विकास कोष से पुष्कर सरोवर हेतु भरपूर आवश्यक पूरा कोष या ऊंट के मुंह में जीरा जितना या ऊंट के मुंह में राई जितना कितना कोष मिलता यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा।*🤨🤨

स्थानीय निकाय, अजमेर विकास प्राधिकरण, पर्यटन विभाग, संबंधित अन्य विभाग  एवं राजनेता सब मिलकर पुष्कर की काया पलट सकते है!! यदि इनकी इच्छाशक्ति प्रबल रूप से कार्य करे तो।

राजस्थान बजट की पूरे देश मे विपक्ष को छोड़कर सभी तारीफ कर रहे है और *पुष्कर में बजट को लेकर राजनीति वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई जिसे मीडिया बड़े मजे से भुना रहा है*😊😊

लेख में प्रयुक्त विचार मेरे निजी है।

धन्यवाद🙏🙏


✍️ Dilip Kumar Udai 
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Thursday, February 24, 2022

 #The Udai -23

24 फरवरी 2022

✍️दिलीप कुमार उदय

 

राजस्थान के बजट की पूरे देश में चर्चा 

विपक्ष को नहीं भाया बजट

बजट को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का विवादित बयान भी सुर्खियों में


राज्य बजट के राजकोषीय संकेतक :-

👉 वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों में ₹ 2 लाख 14 हजार 977 करोड़ 23 लाख की राजस्व प्राप्तियां

👉 वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों में ₹2 लाख 38 हजार 465 करोड़ 79 लाख का राजस्व व्यय

👉 वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों में राजस्व घाटा ₹ 23 हजार 488 करोड़ 56 लाख

👉 वर्ष 2022-23 का राजकोषीय घाटा ₹ 58 हजार 211 करोड़ 55 लाख जो GSDP का 4.36 प्रतिशत है

सर्वाधिक चर्चा के मुख्य बिंदु :-

👉 राज्य का प्रथम कृषि बजट

👉 "सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल

👉 चिरंजीवी योजना में पंजीकृत 1.33 करोड़ महिलाओं को मुफ्त मोबाइल साथ मे डेटा भी

👉 1 लाख युवाओं को रोजगार

👉 समस्त 118 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत-100 यूनिट तक प्रतिमाह उपभोग करने वालों को 50 यूनिट बिजली निःशुल्क, 150 यूनिट तक 3 रुपये प्रति यूनिट का अनुदान तथा 150 से 300 यूनिट तक के उपभोग पर 2 रुपये प्रति यूनिट अनुदान

👉 चिरंजीवी योजना में  प्रति परिवार 10 लाख रुपये का सालाना चिकित्सा बीमा (पहले 5 लाख था अब 10 लाख) साथ ही 5 लाख का निःशुल्क दुर्घटना बीमा कवर भी। सभी श्रेणी के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध Outdoor (OPD) एवं Indoor (IPD) सुविधाएं समस्त प्रदेशवासियों के लिए पूर्णतः निःशुल्क

 👉 टूरिज्म को इंडस्ट्री का दर्जा एवं राजस्थान रूरल टूरिज्म स्कीम, ₹ 1000 करोड़  का पर्यटन विकास कोष

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने राज्य का सालाना बजट पेश किया सरकार के समर्थक बजट को बेहतरीन बताकर प्रशंसा कर रहे हैं वही विपक्ष में बैठे लोग विरोध करते हुए जनता से छलावा बता रहे है उसी कड़ी में अब विवादित बयान का जिक्र कर लेते है:-

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए BJP के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा था कि यह बजट लीपापोती वाला बजट है ऐसा लग रहा है कि किसी काली दुल्हन को ब्यूटीपार्लर में ले जाकर उसका अच्छे से शृंगार करके पेश कर दिया गया हो इससे ज्यादा इस बजट में मुझे कुछ नहीं लगता.....

उक्त अटपटे विवादित बयान के बाद कांग्रेस के निशाने पर आ गए पुनिया :- कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने विवादित बयान  को अभद्र और गैरजिम्मेदाराना बताया है और कहां की ऐसी टिप्पणियों से न सिर्फ महिलाओं का अपमान किया है, बल्कि महिलाओं की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई है।

कांग्रेस की महिला इकाई ने भी राजस्थान के वार्षिक बजट पर BJP के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की कथित विवादित टिप्पणी को लेकर आरोप लगाया है कि महिला विरोधी मानसिकता भाजपा के डीएनए में है।

काली दुल्हन वाले विवादित बयान से चौतरफा घिरने के बाद पुनिया ने माफी मांगी

बोले मेरे कहे शब्दो से किसी को ठेस लगी हो भावनाएं आहत हुई तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं।

राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने कहा कि पुनिया की टिप्पणी नस्लभेदी एवं अपमानजनक है, पुनिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने हेतु विधानसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा नोटिस ......

उक्त विवाद से राजस्थान का सियासी माहौल हुवा गर्म

 मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी द्वारा बजट भाषण में प्रस्तुत कुछ पंक्तियाँ जो हर व्यक्तित्व को निर्देशित करती है ब्लॉग के द्वारा आपके समक्ष प्रस्तुत है :-

🌻 "युवा पीढ़ी सिंह की भांति सभी समस्याओं से लड़ सकती है।

🌻 "न थके अभी पैर, ना अभी हिम्मत हारी है। हौसला है जिंदगी में कुछ कर दिखाने का, इस लिए अभी भी सफर जारी है।।

🌻 'अपने पैसे पर भरोसा मत करो बल्कि अपने पैसे को भरोसे में रखो ' 

🌻 ना पूछो मेरी मंजिल कहाँ है, अभी तो सफर का इरादा किया है। ना हारूंगा हौसला उम्र भर, ये मैंने किसी से नहीं खुद से वादा किया है।।


धन्यवाद।🙏

✍️

Dilip Kumar Udai 

B.J., B.A., M.A.

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Monday, August 16, 2021

पुष्कर में कांग्रेस पार्टी का दंगल

 #The Udai -21

16 अगस्त 2021
*पुष्कर में कांग्रेस पार्टी का दंगल*
पर व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है।
दिलीप कुमार उदय ✍️
*15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व के दिन सांय 4:00 बजे से ही कांग्रेस के अलग अलग कुनबे युवा काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवासन बी.वी. जी के पुष्कर आगमन पर उनके स्वागत सत्कार के लिए अलग अलग स्थान पर एकत्रित हो रखे थे। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दामोदर जी शर्मा एवं उनका कुनबा ब्रह्मा मंदिर के पास इन्तेजार कर रहा था तो पूर्व मंत्री नसीम जी अख्तर एवं इंसाफ अली के कुनबे ने प्रेम प्रकाश आश्रम में स्वागत सत्कार के आयोजन हेतु जाजम बिछा रखी थी। ब्रह्मा मंदिर के पास दामोदर जी शर्मा के कुनबे वाले पुष्कर कस्बे के सेकड़ो समर्थक एकत्रित होने की खबर जैसे ही इंसाफ कुनबे को लगी तुरन्त आनन फानन में प्रेमप्रकाश आश्रम पर एकत्रित पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से एवं बाहर से आये एवं कुछ स्थानीय समर्थक ब्रह्मा मंदिर पहुंच गये।*
*युवा काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवासन बी.वी. जी के ब्रह्मा मंदिर पहुँचने से 5 मिनिट पूर्व ही दोनों कुनबे में हो गया जोर आजमाइश वाला दंगल*! जिसमे धमाचौकड़ी मच गई कोई *बीच बचाव कर रहा था तो कोई आवेश में आकर शब्दों के वाण छोड़ रहा था तो कोई हाथों से कोई पैरो से पराक्रम दिखा रहा था यह दंगल मीडियाकर्मियों ने एवं अन्य लोगो ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद कर लिया है। पुष्करवासी एवं पुष्कर की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग बार बार वीडियो देखकर अपने अपने कयास लगा रहे है की कौन किस पर भारी पड़ा।*
युवा काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवासन बी.वी. जी को दामोदर जी शर्मा एवं उनके समर्थकों ने ब्रह्मा मंदिर स्वागत के समय एवं प्रेम प्रकाश आश्रम के बाहर.... *अवगत कराकर गंभीर आरोप लगाये कि पुष्कर में पूर्व मंत्री नसीम अख्तर एवं इनके शौहर इंसाफ अली ने कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने,कांग्रेस में गुटबाजी पैदा करने और पुष्कर नगर पालिका बोर्ड में कांग्रेस को हराने जैसे गंभीर आरोप लगाकर कहां की हमारे साथ नगर कांग्रेस अध्यक्ष, सेवादल, पुष्कर युवा कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेस पार्षद एवं पुष्कर के सेकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ता एवं संगठन हमारे साथ है फिर भी हमे तवज्जो न देकर अख्तर दंपति अपनी मनमर्जी करते है और कांग्रेस को कमजोर करने में लगे है। कांग्रेस पार्टी सम्बंधित पुष्कर नगर कांग्रेस संगठन को किसी भी प्रकार की जानकारी नही दी जाती है।*
*दूसरी और अख्तर दम्पति ने इन सबकी परवाह न करते हुए प्रेम प्रकाश आश्रम पुष्कर में पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से आये समर्थकों एवं टीम नसीम अख्तर पुष्कर के कुनबे के साथ युवा काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवासन बी.वी. जी, एवं रिजू झुनझुनवाला आदि का स्वागत सत्कार किया एवं वार्तालाप करके खुद के कुनबे को सर्वश्रेष्ठ बताकर यह जता दिया कि पुष्कर की राजनीति में मेरा दमखम बरकार रहेगा।*
इस दंगल में कोंन किसपे किस तरह हावी रहा यह आप सभी वीडियो क्लिप के माध्यम से तय कर सकते है। वैसे दोनों कुनबे अपने आप को गोल्ड मैडल से नवाज कर अगले दंगल की तैयारी में जुट गए है।
इस दंगल की आग कबसे ही एक दूसरे के खिलाफ सुलग रही थी शायद इन्तेजार था किसी *राष्ट्रीय बड़े नेता के पुष्कर आगमन का सुलगती आग में चिंगारी भड़की और शोले में तब्दील हो गई।*
*वैसे उक्त घटना का मूल कारण अलग अलग गुट के स्वागत के दौरान नसीम कुनबा जबरन दामोदर शर्मा के कुनबे की तरफ आकर पहले स्वागत करने का प्रयास करना चाहते थे इस कारण से दंगल मच गया।*
*पुष्कर की राजनिति में शतरंज की बिसात बिछाकर शह मात के खेल में दोनों गुटों के दिग्गज एवं अन्य कई बड़े नेता बहुत माहिर और शातिर है।*
*खेर राजनीतिक उठापठक का गणित और शतरंज की बिसात के अपने अपने मायने है वैसे नुकसान सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ताओं का ही है। विपक्ष मुस्कुराते हुए इठलाते हुए आनंद ले रहा है।*
वैसे सोशल मीडिया में उक्त घटना से जुड़े वीडियो क्लिप न्यूज़ आदि से उक्त घटना कि खबर प्रदेश भर में फेल गई है। *15 अगस्त के अवकाश के कारण प्रिंट मीडिया में खबर 17 अगस्त को प्रकाशित होगी, प्रिंट मीडिया उक्त घटना को किस करवट बिठाता है?? यह भी मजेदार होगा क्योकि मामला प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं पायलट समर्थक बनाम प्रदेश मुख्यमंत्री समर्थक से भी जुड़ा है।*
लेख में विचार मेरे व्यक्तिगत है।
धन्यवाद🙏🙏
✍️
Dilip Kumar Udai
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Sunday, August 1, 2021

प्रशासन की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती

 #The Udai -20

01 अगस्त 2021

*दिलीप कुमार उदय*✍️

*प्रशासन की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती*

पर वंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है!

*पुष्कर - अंधेर नगरी चोपट राजा*

*मानसून की पहली अच्छी बारिश  से पुष्कर सरोवर में पानी की आवक से खुशनुमा हुवा माहौल पर साथ ही पुष्कर के विकास की खोखली बाते हुई बेनकाब*

*पुष्कर की बेतरीब भूमिगत विधुत लाइन से आये दिन मूकप्राणियो के करंट लगने से मौत हो जाने की खबरे....जगह जगह टूटी फूटी सडके और गंदगी के अम्बार......रही सही कसर मानसून की पहली बारिश ने विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटक नगरी पुष्कर के करोड़ो रूपये के विकास कार्य की पोल खोलकर रख दी है। बारिश के कारण निचली बस्तियों में हर वर्ष की भांति पानी भरने कि समस्या जस की तस और बारिश के पानी के साथ  सीवरलाइन का दूषित पानी भी सरोवर में जाता है... सरकार और जनप्रतिनिधियों  के दावो में लाखो करोड़ो खर्च होने के बाद भी कोई ठोस समाधान नही।* 

*बेतरीब विधुत लाइन से ऐसा प्रतीत होता है कि जब कोई बड़ा हादसा होगा तब जाके  जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी निद्रासन से बाहर निकलेंगे !!*

*पुष्कर के कई लोगो की जमात अपने आपको जागरूक बहुत अक्लबन्द, होशियार, आधुनिक, ऊपर तक शीर्ष नेताओं तक पहुंच और प्रशासनिक अधिकारियों से सीधा संवाद करने के दावे करने वाली पुष्कर की तमाम जमात केवल खोखली बाते करके इतिश्री करने में माहिर है।*

*यहाँ के जनप्रतिनिधि सत्ता पक्ष या विपक्ष दोनों ही राजनीतिक नफे नुकसान के मुताबिक रुख तय करते हुए हो हल्ला मचाकर जनता को दिखाने के लिए थोड़ा सा विरोध करके इतिश्री कर लेते है पंरतु समस्या जस की तस कोई समाधान नही होता है। जनता समस्याओं को लेकर केवल ढोल पिटती रहेगी।*

पुष्करवासियो का गुस्सा कभी फूटता ही नही है यहाँ के लोग नेताओ और प्रशासनिक अधिकारियों के संग फ़ोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर प्रेषित करने में व्यस्त रहते है। सरकारी अधिकारी, कर्मचारीयो के आने और जाने पर उनके स्वागत -सत्कार- सम्मान के लिए पलक पावड़े बिछाए रहते है। कोंन नया आया कौन गया उसके साथ तालमेल मेलजोल बढ़ाने का सबसे बढ़िया आसान तरीका  स्वागत सम्मान आदि में सबसे आगे होते है। पुष्कर की मूल समस्याओं से कोई सरोकार नही ऐसे ही है पुष्करवासी!!

जय हो पुष्करराज महाराज और पुष्करवासियो की!!

*वार्ड पार्षद की नाक के नीचे गलत  बेतरीब तरीक़े से विधुत लाइन डाल दी जाती है पार्षद मूकदर्शक बनकर खुलकर विरोध करने की हिमाकत भी नही कर सकता। भूमिगत विधुत लाइन सम्बंधित तय नियम की नियमावली क्या है किसी जनप्रतिनिधि पार्षद को शायद पता ही नही होगी। बेतरीब अव्यस्थित धीमी गति से डाली जा रही विधुत लाइन, गंदगी का अंबार और टूटी फूटी सडके साफ नजर आ रही है फिर भी आंख वाले अंधे बने हुए जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को लानत भेजिए इसके अलावा और किया भी क्या जा सकता है।* 

धन्यवाद।🙏

✍️

Dilip Kumar Udai 

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Wednesday, June 30, 2021

पुष्कर के नवीन हॉस्पिटल प्रकरण पर वंग्यात्मक अल्फाज


#TheUdai-19
30 Jun 2021

पुष्कर के नवीन हॉस्पिटल प्रकरण पर वंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है

#TheUdai-19

30 Jun 2021

पुष्कर के नवीन हॉस्पिटल प्रकरण पर वंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है

✍️ दिलीप कुमार उदय

राज्य सरकार द्वारा धार्मिक एवं पर्यटक नगरी पुष्कर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की सुविधार्थ नवीन हॉस्पिटल की सौगात प्रदान की गई है। उसके लिये सरकार का धन्यवाद।🙏🙏

पिछले 1-2 माह से नवीन हॉस्पिटल निर्माण को लेकर भूमि आवंटन के समर्थन और विरोध में ज्ञापनों की बौछार और सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक रोज कुछ न कुछ गर्मजोशी से भूमि विरोध को लेकर ज्यादा खबरे प्रेषित हो रही है इन खबरों को मीडिया बखूबी कवरेज भी कर रहा है।

सारे विरोध, किंतु -परन्तु, आदि को दरकिनार करते हुए खरेखडी मार्ग पुष्कर पर नवीन हॉस्पिटल निर्माण हेतु आवश्यक प्रशासनिक एवं सरकारी आदेशानुसार कार्यवाही को अंजाम दे दिया गया है। जल्द ही निर्माण प्रक्रिया शुरू होने की कगार पर है।

उक्त नवीन हॉस्पिटल भूमि आवंटन को लेकर उपजे विवाद पर रुख/नजरिये को टटोलने का थोड़ा सा प्रयास करते है.........

🧐🧐

1. जनता का रुख:- 

पुष्कर की अधिकांश जनता असमंजस (कंफ्यूज) में रहती है। खुलकर विरोध या समर्थन की बात परोक्ष रूप से नही करती है। 

पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियो/टीम लीडर द्वारा जनता को जैसे कोई हिलोरे खिलाये वैसे खा लेते है, झूम लेते है। पुष्कर की जनता इसी तर्ज से चिंतित होती है।

असल मे पुष्कर सरोवर को लेकर पुष्करवासी और जनप्रतिनिधि कितने चिंतित व्यथित है स्वयं अपनी अंतरात्मा से पूछ सकते है।

जनता को पिछले 1-2 माह से विभिन्न सूचना तंत्रों (अख़बार, सोशल मीडिया आदि) द्वारा यह अहसास दिला दिया गया है कि यह मुद्दा पुष्कर सरोवर, राजनीतिक प्रतिष्ठा, गुटबाजी, भू -कारोबारी व्यवसायिक नजरिये वाला है, शायद इसलिए यह मामला इतना तूल पकड़ता गया है। वैसे किसी भी मुद्दे को किस करवट मोड़ना है यह मीडिया एवं राजनीतिज्ञ बखूबी जानते है। 

2. जनप्रतिनिधियो का रुख:-

पुष्कर नगरी के विकास हेतु बहुत अधिक चिंतित रहते है। इनकी तो बात ही निराली है यह चाहे तो पुष्कर की हवा का रुख बदल दे!! 🤨🤨

कहने को तो जनप्रतिनिधि होते है असल मे पार्टीप्रतिनिधि होते है।😉😉 

खेर इनकी अपनी मजबूरी इनके हाथ राजनीतिक पार्टियों ने बांध रखे है। 

( राजा बोला रात है

रानी बोली रात है

मंत्री बोला रात है

संतरी बोला रात है

सब बोले रात है


यह सुबह सुबह की बात है...)🤔🤔

इसी तर्ज पर राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं की अनुपालना में कटिबद्ध रहते है। 

आप गलत न समझे देखिए शीर्ष नेता है तो सही निर्णय ही लिया होगा ना उसी तर्ज पर कटिबद्ध रहते है। 😊😊

प्रायः जनप्रतिनिधि टीम के जो सदस्य होते है वे वर्तमान और भविष्य में होने वाली राजनीतिक नियुक्ति एवं भागीदारी के लिए अपने शीर्षस्थ नेताओं के एक इशारे या आश्वासन पर यह अपना रुख तय करके चिंतित होते है।

यदि स्थानीय निकाय और राज्य में विपरीत पार्टियां नेतृत्व में होती है तब स्थानीय सत्तारूढ़ पार्टी अपनी दाल अच्छे से नही गला पाती है........तो इसके आगे की बात आप समझ सकते है!

🙂🙂 यह नेतृत्व उसी हिसाब से चिंतित रहता है।

3. प्रशासन का  रुख 

इनका तो मिजाज बड़ा ही निराला है साहब यह सरकार के आदेश की पालना में पलक पाँवड़े बिछाए रहते हैं। इधर आदेश उधर कार्यवाही खेर यह एक अलग विषय है कि आदेश की पालना में कार्यवाही तुरंत प्रभाव से करनी है या फिर...........आप समझ गए होंगे। 

वैसे इनका रुख जबरदस्त होता है ....बनी बनाई हवा का रुख मोड़ने का दमखम रखते है। क्योकि इनके पास नियमावली का बस्ता भरा हुआ है। बस्ते का प्रयोग कब कैसे किस तरह करना है यह बखूबी जानते है। 📖🔍🖋️  यह जनता के हित हेतु पुष्कर नगरी को लेकर सदैव चिंतित रहते है!!


4.व्यवसायी नजरिये वाले लोगो का रुख

इनका प्रथम उद्देश्य प्रोफिट (लाभ) अर्जित करना है इनको जहां लाभ नजर आएगा उसी अनुरूप समर्थन या विरोध का तालमेल बिठाकर दोनों हाथों में लड्डू लेने की फिराक में रहते हैं।उसी तर्ज पर यह पुष्कर नगरी के लिए चिंतित रहते है।

5. सामाजिक संगठनो का रुख :- सामाजिक संगठन

 समाज के लिए बेहतर कार्य करते है परंतु अक्सर इनके पीछे अदृश्य रूप से एवं प्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक और आर्थिक ताकतो का समर्थन मौजूद रहता है। यह इनके मुताबिक संगठन

हितार्थ अपना रुख मोड़ लेते है या थाम लेते है। उसी तर्ज से यह भी पुष्कर नगरी के लिए बहुत चिंतित है।

 6. सामाजिक कार्यकर्ताओं का रुख:-समाज सेवा और सहायता में इनका योगदान भी अहम होता है परंतु सामाजिक कार्यकर्ता स्वयं को वर्तमान एवं भावी राजनीति में अहम हिस्सेदारी की मंशा सदैव रखता है इसमें कोई शक या अतिशयोक्ति नही है। सामाजिक कार्यकर्ता बनने की पीछे मूल भावना सामाजिक सेवा के साथ साथ राजनीतिक पद या प्रतिष्ठित पद प्राप्त करना इनके उद्देश्य में निहित होता है तो यह अपना रुख समर्थित जनता की भावनाओ और मौजूदा परिस्थितियों को भाप कर अपना रुख तय कर लेते है।

यह सर्वाधिक रूप से पुष्कर नगरी हेतु चिंतित रहते है।

उपरोक्त बताये गए रुख अनुरूप आप समझ सकते है कौन किस रुख मुताबिक...... पुष्कर नगरी हेतु चिंतित है।

वैसे लोकतंत्र व्यवस्था में किसी विषय पर असहमति/विरोध या समर्थन करने का उचित अधिकार संविधान ने सभी लोगो को प्रदान किया है। इस पूरे घटनाक्रम में पुष्कर के आसपास के सभी गांव एवं पुष्कर कस्बे के सभी जनप्रतिनिधियों से लेकर अनेक 

संगठन एवं कार्यकर्ताओ ने हिस्सा लेकर ज्ञापन,आपत्तियां, विरोध एवं समर्थन आदि के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई परन्तु इन सबमे सर्वाधिक चर्चा सामाजिक कार्यकर्ता अरुण जी पाराशर एवं रवि बाबा पार्षद के विरोध की रही है। मीडिया ने भी इनको भरपूर तरिके से कवरेज प्रदान किया है।

सामाजिक कार्यकर्ता अरुण जी पाराशर ने भूमि आवंटन विरोध के लिए प्रयुक्त हो सकने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज, RTI दस्तावेज, पत्र, नक्शे, न्यायालय फैसले आदि एवं अपने तर्को को सोशल मीडिया पर लगातार प्रस्तुत कर रहे है इसलिए लोगो मे इस मुद्दे को लेकर बहुत चर्चित हो रहे है।

दूसरी और समर्थन करने वालो का कुनबा बहुत बड़ा है कुछ जनप्रतिनिधियों को छोड़कर कांग्रेस और भाजपा के सभी जनप्रतिनिधि खरेखडी रोड पर बनने वाले हॉस्पिटल पर सहमति प्रदान कर चुके है।

इस तमाम प्रकरण एवं अन्य  माध्यम से एवं सुनने में आया है की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र जी राठौड़ का पुष्कर की राजनीति में नया प्रवेश हो गया है। नवीन हॉस्पिटल भूमि आवंटन से लेकर निर्माण तक कि कार्यवाही में इनका अहम योगदान बताया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी में दमखम एवं मुख्यमंत्री तक अपना संवाद तुरंत प्रभाव से पहुचाँने का दम रखते है।

उक्त लेख में प्रयुक्त विचार/अल्फाज मेरे निजी है।


धन्यवाद🙏🙏

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Dilip Kumar Udai
B.J., B.A., M.A.
Independent Journalist,
IT Professional &
Entrepreneur

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