#The Udai -10
06-08-2020
✍️ दिलीप कुमार उदय
# *कस्बेवासियों को गुस्सा क्यो नही आता ???*
अल्फाज प्रस्तुत है.......
आज जिक्र करते है सुन्दरता से श्रृंगारीत एक बेहतरीन विश्व विख्यात कस्बे की....इस कस्बे की सबसे शानदार खूबी यह है कि इस कस्बे के मध्य में *सरोवर,इर्दगिर्द घने पहाड़, वर्षाकालीन- नदी झरने,पानी,जंगल, रेगिस्तान, हरियाली (ग्रीनबेल्ट) यह सभी एक ही जगह इस कस्बे में एक साथ आसपास मौजूद है।* इन सभी प्राकृतिक सरंचना का एक ही जगह पर एक साथ आसपास उपलब्ध होना बहुत ही बेहतरीन ओर विचित्रता को दर्शता है। *दुनिया मे अमूमन ऐसा स्थान बहुत ही कम देखने को मिलेगा* इस बेहद खूबसूरत कस्बे की सरंचना का जिक्र हिन्दू धर्मिक ग्रन्थो ओर हिन्दू प्राचीन मंदिरों से लेकर मुगलकालीन और जैन धर्म तक के पुरातत्त्व अवशेष का इतिहास सिमटे हुए है। *दुनिया के नक़्शे पर यह अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल एवं तीर्थनगरी पुष्कर है।* 👏👏
पुष्कर क्षेत्र का जो *धार्मिक,आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक ढांचे का जो स्वरूप है* उसमे पुष्कर सरोवर, ब्रह्मा मंदिर एवं अन्य सेकड़ो मंदिर, पर्यटन स्थल, कपड़ा व्यवसाय (एक्सपोर्ट), होटल, धर्मशालायें, गुलाब, गुलकंद, आंवला, जामुन आदि एवं इनसे जुड़े अनेक छोटे ओर बड़े व्यवसाय का प्रमुख स्थान है।
पुष्करराज भृमण हेतु आने वाले लोगो को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है!
*पहले : तीर्थयात्री*
*दूसरे : पर्यटक (देशी और विदेशी)*
तीर्थयात्री :- पुष्कर आने वाले अधिकतर तीर्थयात्री सिर्फ 1 दिन पुष्कर को देते है जिसमे तीर्थयात्री पुष्कर सरोवर , बह्मा मंदिर ओर कुछ अन्य मंदिर के दर्शन करके दान, दक्षिणा देकर और कुछ छोटी मोटी खरीददारी करके निकल जाते है।
पर्यटक :- उपरोक्त तीर्थयात्री की भांति पुनरावर्ती करने के साथ साथ उनकी तमन्ना पुष्कर की प्राकृतिक सरंचना के खूबसूरत पर्यटन स्थलों के दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में समेटने और इन स्थलों के साथ समय बिताने की लालसा इच्छा उनको पुष्कर में रुकने को मजबूर करती है।
उपरोक्त पुष्करराज की विशेषता जिसके बारे में पुष्करवासी भलीभांति जानते है, फिर से जानकर, पढ़कर आपको बहुत अच्छा लग रहा होगा। *परन्तु एक सवाल जो कई सवाल खड़े करता है.....*
*पुष्कर वासियो को कभी गुस्सा क्यो नही आता??*
*पुष्कर क्षेत्र वासियो के लिए पुष्करराज अन्नदाता है तो अन्नदाता को लेकर चिंतित क्यो नहीं है??*
अगर देखा जाए तो पुष्कर क्षेत्र की समस्याओं के निवारण के लिए कुछ समाजसेवी लोग और कुछ संस्थाएं अपने स्तर से सरकार औऱ प्रशासन को आगाह तो करती है पर उससे निजात या *निवारण ना* के बराबर होता है।
*पुष्कर की विभिन्न समस्याओं के उचित निवारण हेतु एक बड़े आंदोलन के रूप में सभी पुष्करवासियो को मिलकर डटकर आगे आना होगा, राजनीतिक पार्टीबाजी से बाहर निकल कर धरातल पर कुछ करना होगा, नही किया गया तो .......आगामी वर्षो में पुष्कर सरोवर प्रदूषित होता रहेगा, घाटों की दशा खराब हो रही है, डेजर्ट खत्म हो चुके है जो बचे हुए है वह भी खत्म होने की कगार पर है, पहाड़ो का अवेध खनन हो रहा है, ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है, पार्क उजड़े हुए है, अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला क्षेत्र पूरी तरफ भूमाफियाओ की गिरफ्त में आ गया है, मेला क्षेत्र को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती से मेला क्षेत्र संकुचित हो गया है क्षेत्र संकुचित हो गया है, मेले क्षेत्र के डेजर्ट खत्म हो गए कभी इन डेजर्ट से सनसेट ओर पुष्कर मेले का नजारा बहुत ही शानदार मनमोहक दृश्य हुआ करता था जो लुप्त सा हो गया है।*
पुष्करवासी कुम्भकर्ण की नींद सोए हुए है, गहरी नींद से जागकर सचेत हो जाइए नही तो सब कुछ उजड़ जाने के बाद हाथ मलते रहोगे पुष्कर के प्राकृतिक अस्तित्व को बचाने का साहस दिखाओ!!
*उक्त लेख के माध्यम से जनप्रतिनिधियों से सरकार से और प्रशासन से आग्रह, अनुरोध, विनती, निवेदन है कि पुष्कर के पर्यटन स्थलों एवं पुष्कर के भौगोलिक प्राकृतिक स्थलों को बचाने संरक्षित करने और उनका भविष्य की तर्ज पर विकास करने हेतु विशेष बजट, योजनाएं आदि को क्रियान्वित करवाने का श्रम करे।
उक्त लेख के विचार मेरे निजी है
✍️धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
*"The Udai"*
Pushkar
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