#Theudai18
03-06-2021
ओब्लाइज
पुष्कर में अव्यवस्थित भूमिगत विधुत केबल और उधड़ी सड़के।
दिलीप कुमार उदय
पुष्कर में व्याप्त अव्यवस्था पर व्यंग्यात्मक अल्फाज पेश है:-
पुष्कर में अव्यवस्थित बेतरीब, अकुशल तरीके से सड़को पर एवं संकरी गलियों मे भूमिगत विधुत केबल को जगह -जगह पर ऐसे ही खुला छोड़ रखा है। केबल के गुच्छे नालियों में पडे हुए है। आधे अधूरे अव्यवस्थित तरीके से केबल को घरों पर लगे मीटर तक छोड़ दिया गया है। अव्यवस्थित भूमिगत केबल हादसे के लिए खुला निमंत्रण दे रही है फिर भी.........
पुष्कर के जनप्रतिनिधि - सत्ता पक्ष एवं विपक्ष और जिम्मेदार प्रशासन सबने चुप्पी साध रखी है।
सच को सच कहने में सार्वजनिक रूप से लोग भी हिचकिचा रहे है जनता के हित से बढ़कर राजनीतिक पार्टी और व्यवसायिक नजरिये वाली विचारधारा को महत्ता दी जा रही है।
पुष्कर के हर क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने का दावा करने वाले पक्ष और विपक्ष के शीर्ष नेता अपना स्वयं का प्रचार प्रसार करवाके ढोल पीटने में लगे हुए है। विकास के नाम पर ज्ञापनो और पत्रों की बौछार करके सोशल मीडिया में सुर्खिया बटोरकर अपना कद बढ़ाने में लगे हुए है। असल मुद्दे असल परेशानी क्या है उसका कोई सरोकार नही है।
अभी हाल ही में पुष्कर में बनने वाले हॉस्पिटल के लिए चिन्हित भूमि को लेकर बड़ा जोर शोर से तकरार करके प्रिंट मीडिया से लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध की गूंज को सरकार के कान तक पहुचाँने का कार्य किया गया था उसका परिणाम क्या होगा वो एक अलग बात है एक अलग विषय है!! पर विरोध तो किया गया .........
क्या ऐसा ही विरोध ... अव्यवस्थित भूमिगत विधुत केबल को दूरस्त एवं सुरक्षित करने के लिए नही किया जा सकता???
जागरूक तबके को यह सोचना होगा कि केवल नाराजगी एवं खेद प्रकट करके इतिश्री करने से कुछ नही होगा, एक्शन लीजिये।
पिछले दिनों अव्यवस्थित भूमिगत केबल की चपेट में आने से दो गायों की मौत हो गई थी। उक्त अव्यवस्था के संदर्भ में गो सेवकों ने एसडीएम साहब को ज्ञापन भी दिया था। यह लोग धन्यवाद के पात्र है। प्रशासन को जगाया तो सही आखिर, जिसकी जानकारी समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में प्रकाशित भी हुई थी।
पुष्कर के हर गली मोहल्ले की तंग सड़के सब उधड़ी पड़ी है, नई तो बनने से रही मरम्मत को ही तरस रही है। यह सड़के भूमिगत विधुत केबल के लिए खोद दी गई विधुत केबल डालने एवं घरों पर लगे मीटर तक केबल लगाने के सरकारी टेंडर में तय नियम कायदे कानून को साइड में रखकर मनमर्जी से अव्यवस्थित, अकुशल तरीके से धीमी गति से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
उक्त समस्या को लेकर जिम्मेदार लोगों का चुपचाप मोन रहना क्या संकेत देता है??
संकेत :- शायद ओब्लाइज कुनबा आपस मे एक दूसरे को ओब्लाइज कर रहा है, इसके आगे की गणित एवं कहानी जनता स्वयं समझ जाएं।
कुछ फोटो भी सलंग्न पेश कर रहा हूँ , फ़ोटो में जो दृश्य है ऐसा ही दृश्य पुष्कर के अन्य जगहों पर भी देखने को मिल जाएगा।
धन्यवाद।
लेख में प्रयुक्त विचार मेरे निजी है।
Dilip Kumar Udai
B.J., B.A., M.A.
Independent Journalist,
IT Professional &
Entrepreneur
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