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Saturday, August 22, 2020

#सांसद औऱ विधायक पर तीर्थ पुरोहितों का आखिरकार ग़ुस्सा फूटा

 #TheUdai -12

22-08-2020

✍️ दिलीप कुमार उदय 


#सांसद औऱ विधायक पर तीर्थ पुरोहितों का आखिरकार ग़ुस्सा फूटा


मेने अपने पिछले ब्लॉग  #TheUdai -10 में लिखा था  *कस्बेवासियों को गुस्सा क्यो नही आता ???*


आज के उक्त गुस्से को लेकर अल्फाज प्रस्तुत है.......


*पुष्कर विधायक जी संत का चोला ओढ़े गांव गांव घूमकर विभिन्न मंदिरों से मिट्टी एकत्रित कर चुके है अब अयोध्या में कूच करेंगे...क्यो कूच करेंगे यह सबको विदित है, इसलिए भाजपा पार्टी से अजमेर जिले के सांसद, पुष्कर  के विधायक, अन्य भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पुष्कर सरोवर में पूजापाठ करने पहुँचे थे पूजापाठ के बाद आज वहाँ मौजूद तीर्थ पुरोहितों ने पुष्कर सरोवर की समस्या को लेकर सांसद भागीरथ जी चौधरी, विधायक सुरेश जी रावत और भाजपा नेताओं के समक्ष पुष्कर की सबसे मुख्य समस्या- पुष्कर सरोवर में सीवरेज (ड्रेनेज सिस्टम) का गंदा पानी जो कि सरोवर में मिलकर सरोवर के पवित्र पानी को मेला कर रहा है। इस समस्या को लेकर इन राजनेताओं को तीर्थपुरोहितों ने ख़रीखोटी सुनाई और  निवेदन भी किया*।


ऐसा गुस्सा और खरीखोटी सभी तीर्थपुरोहितों के साथ साथ सभी पुष्करवासी भी कायम रखे ताकि कुम्भकर्ण की नींद सोए राजनेताओ को बार बार जगाने के काम आ सके। 


तीर्थपुरोहितों द्वारा खरीखोटी सुनाने पर भाजपा नेताओ का रटा रटाया *जवाब अभी कोरोना चल रहा है हमारा सारा फंड कोरोना आपदा में चल गया है यानि कोरोना नही होता तो आज के आज समस्या का निवारण कर देते साहब!*


*दूसरा जवाब - राज्य में अभी हमारी सरकार नही है, यानी कि पिछले कार्यकाल के 5 वर्ष में तो कई तीर मार लिए थे! यानी कि इन नेताओ के अनुसार पुष्कर की उक्त सारी समस्या तो अभी अभी जुम्मे जुम्मे पैदा हुई है मतलब!*


विधायक जी अब कह रहे है कि इस समस्या को लेकर अभियान चलायेंगे आंदोलन करेंगे!!

*काश विधायक जी पिछले 5 वर्ष के कार्यकाल पर नजर डालते जब पुष्कर नगर पालिका, राज्य सरकार वह केंद्र सरकार सभी जगह भाजपा पार्टी एवं भाजपा पार्टी का प्रचंड बहुमत वाली सरकार थी उसके बाद भी पुष्कर सरोवर की समस्या का समाधान नही कर पाए।* समाधान कर देते तो आज ऐसे जनता के सामने आड़े हाथ नही आते ओर ना ही खरी खोटी सुनने को मिलती खेर *राजनेताओं को खरीखोटी सुनने से कोई खास फर्क नही पड़ता! राजनेता खुद को खरा साबित करने के लिए पार्टी में अपनी जाजम मजबूत करने में लगे रहते है। जनता की जाजम से इनको कोई सरोकार नही होता है!*


*जब राजनेता सत्ताधारी पार्टी में होते है तब कहते है समस्याओं के निवारण हेतु योजना सरकार के पास भेज रखी है, जल्द ही निवारण हो जाएगा ऐसा आश्वासन देते हुए कई बार आपने सुना होगा।*


और जब यही *राजनेता जब विपक्ष में होते है तब कहते है हमारी सरकार नही है तो भाई सरकार है किसकी..... ?? समझिए नेताओ के लिए केवल पक्ष और विपक्ष होता है।* 

सरकार और जनता के बीच की कड़ी को निभाने वाले राजनेता अक्सर इस कड़ी को अलग करके रख देते है जब खुद को फिर से चमकाना हो या सत्ता में अपने नंबर बढ़ाने हो तब यह पुनः इस कड़ी को जोड़ने का प्रयत्न करते रहते है बाकी समय यह कुम्भकर्ण की नींद सोते है। 


इसलिए पुष्कर की विभिन्न समस्याओं का समाधान करने हेतु जनता को ही आगे आकर सचेत होकर एकजुट होकर पार्टीबाजी से निकलकर पुष्कर के हित को देखकर सतर्क होकर समाधान करवाने के प्रयास करने होंगे।


उक्त लेख के विचार मेरे निजी है।

✍️धन्यवाद

Dilip Kumar Udai

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Thursday, August 13, 2020

47 दिन बाद पुष्कर में ढकी हुई अम्बेडकर प्रतिमा से थैली हटी

 #The Udai -11

13-08-2020

✍️ दिलीप कुमार उदय 


#47 दिन बाद पुष्कर में ढकी हुई अम्बेडकर प्रतिमा से थैली हटी


*आखिरकार पूर्व पार्षद चांदमल जी उदय द्वारा राजस्थान संपर्क पोर्टल पर की गई ऑनलाइन शिकायत का असर हुआ और प्रशासन की नींद जागी!*


प्रशासन का कहना रहा कि संविधान निर्माता अम्बेडकर साहब की प्रतिमा स्वतंत्रता दिवस पर ढकी ना रहे इसलिए प्रशासन ने थैली हटाई।


लगता है स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) का पर्व नही होता तो  शायद पता नही ओर कितना इन्तेजार करना पड़ता खेर *देर आये दुरस्त आये।*


*गौरतलब है कि दिनांक 26 जून 2020 को प्रतिमा को अनाधिकृत रूप से बिना किसी प्रशासनिक आदेश वह बिना किसी अधिकार के एक व्यक्ति विशेष ने राजनीति करने की मंशा से अंबेडकर साहब की प्रतिमा को पॉलिथीन के बड़े थैले से ढक दिया और फिर रस्सी से नीचे के भाग को बांध दिया गया तथा सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देकर एक वर्ग विशेष को गुमराह किया गया।*


*उक्त घटना को लेकर पूर्व पार्षद चांदमल जी उदय* ने बताया कि पुलिस थाना पुष्कर, उपखंड अधिकारी पुष्कर,

अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पुष्कर को अम्बेडकर प्रतिमा ढकने वाले व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई एवं उक्त थैली को हटाने का निवेदन भी किया गया था। परन्तु प्रसाशन द्वारा किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नही होने पर *पुनः स्मरण पत्र दिए गए* फिर भी प्रसाशन के द्वारा कोई कार्यवाही नही हुई। केवल  मौखिक वार्तालाप में आश्वासन के अलावा कुछ नही मिलता देख *आखिरकार राजस्थान संपर्क पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की गई।* 


लगता है उक्त शिकायत का ही नतीजा है कि 15 अगस्त से पहले आज बाबा साहेब की प्रतिमा पर लगी हुई थैली हटी एवं प्रतिमा को दुरस्त किया गया।


उक्त घटना को देखते हुए यदि आम व्यक्ति महापुरुषों की प्रतिमा को अपने स्तर पर ही ढककर बंद कर देगा तो इस प्रकार महापुरुषों की प्रतिमाओ का अपमान दिन प्रतिदिन बढ़ता जाएगा आमजन कानून को अपने हाथ में लेने लगेगा जो उचित और न्यायसंगत नहीं है।

 

उक्त लेख मेरे निजी विचार है साथ ही उक्त घटना पर मीडिया में दिये गए बयानों और खबर का विश्लेषण करते हुए लेख को प्रस्तुत किया गया 


✍️धन्यवाद

Dilip Kumar Udai

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Thursday, August 6, 2020

कस्बेवासियों को गुस्सा क्यो नही आता ???

#The Udai -10
06-08-2020
✍️ दिलीप कुमार उदय 

# *कस्बेवासियों को गुस्सा क्यो नही आता ???*

अल्फाज प्रस्तुत है.......
आज जिक्र करते है सुन्दरता से श्रृंगारीत एक बेहतरीन विश्व विख्यात कस्बे की....इस कस्बे की सबसे शानदार खूबी यह है कि इस कस्बे के मध्य में *सरोवर,इर्दगिर्द घने पहाड़, वर्षाकालीन- नदी झरने,पानी,जंगल, रेगिस्तान, हरियाली (ग्रीनबेल्ट) यह सभी एक ही जगह इस कस्बे में एक साथ आसपास मौजूद है।* इन सभी प्राकृतिक सरंचना का एक ही जगह पर एक साथ आसपास उपलब्ध होना बहुत ही बेहतरीन ओर विचित्रता को दर्शता है। *दुनिया मे अमूमन ऐसा स्थान बहुत ही कम देखने को मिलेगा* इस बेहद खूबसूरत कस्बे की सरंचना का जिक्र हिन्दू धर्मिक ग्रन्थो ओर हिन्दू प्राचीन मंदिरों से लेकर मुगलकालीन और जैन धर्म तक के पुरातत्त्व अवशेष का इतिहास सिमटे हुए है। *दुनिया के नक़्शे पर यह अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल एवं तीर्थनगरी पुष्कर है।* 👏👏

पुष्कर क्षेत्र का जो *धार्मिक,आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक ढांचे का जो स्वरूप है* उसमे पुष्कर सरोवर, ब्रह्मा मंदिर एवं अन्य सेकड़ो मंदिर, पर्यटन स्थल, कपड़ा व्यवसाय (एक्सपोर्ट), होटल, धर्मशालायें, गुलाब, गुलकंद, आंवला, जामुन आदि एवं इनसे जुड़े अनेक छोटे ओर बड़े व्यवसाय का प्रमुख स्थान है।

पुष्करराज भृमण हेतु आने वाले लोगो को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है!

*पहले : तीर्थयात्री*
*दूसरे : पर्यटक (देशी और विदेशी)*

तीर्थयात्री :- पुष्कर आने वाले अधिकतर तीर्थयात्री सिर्फ 1 दिन पुष्कर को देते है जिसमे  तीर्थयात्री पुष्कर सरोवर , बह्मा मंदिर ओर कुछ अन्य मंदिर के दर्शन करके  दान, दक्षिणा देकर और कुछ छोटी मोटी खरीददारी करके निकल जाते है।

पर्यटक :- उपरोक्त तीर्थयात्री की  भांति पुनरावर्ती करने के साथ साथ उनकी तमन्ना पुष्कर की प्राकृतिक सरंचना के खूबसूरत पर्यटन स्थलों के दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में समेटने और इन स्थलों के साथ समय बिताने की लालसा इच्छा उनको पुष्कर में रुकने को मजबूर करती है।

उपरोक्त पुष्करराज की विशेषता जिसके बारे में पुष्करवासी भलीभांति जानते है, फिर से जानकर, पढ़कर आपको बहुत अच्छा लग रहा होगा। *परन्तु एक सवाल जो कई सवाल खड़े करता है.....*

*पुष्कर वासियो को कभी गुस्सा क्यो नही आता??*

*पुष्कर क्षेत्र वासियो के लिए पुष्करराज अन्नदाता है तो अन्नदाता को लेकर चिंतित क्यो नहीं है??*

अगर देखा जाए तो पुष्कर क्षेत्र की समस्याओं के निवारण के लिए कुछ समाजसेवी लोग और कुछ संस्थाएं अपने स्तर से सरकार औऱ प्रशासन को आगाह तो करती है पर उससे निजात या *निवारण ना* के बराबर होता है।

*पुष्कर की विभिन्न समस्याओं के उचित निवारण हेतु एक बड़े आंदोलन के रूप में सभी पुष्करवासियो को मिलकर डटकर आगे आना होगा, राजनीतिक पार्टीबाजी से बाहर निकल कर धरातल पर कुछ करना होगा, नही किया गया तो .......आगामी वर्षो में पुष्कर सरोवर प्रदूषित होता रहेगा, घाटों की दशा खराब हो रही है, डेजर्ट खत्म हो चुके है जो बचे हुए है वह भी खत्म होने की कगार पर है, पहाड़ो का अवेध खनन हो रहा है,  ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है, पार्क उजड़े हुए  है, अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला क्षेत्र पूरी तरफ भूमाफियाओ की गिरफ्त में आ गया है,  मेला क्षेत्र को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती से मेला क्षेत्र संकुचित हो गया है क्षेत्र संकुचित हो गया है,  मेले क्षेत्र के डेजर्ट खत्म हो गए कभी इन डेजर्ट से सनसेट ओर पुष्कर मेले का नजारा बहुत ही शानदार मनमोहक दृश्य हुआ करता था जो लुप्त सा हो गया है।*

पुष्करवासी कुम्भकर्ण की नींद सोए हुए है, गहरी नींद से जागकर सचेत हो जाइए नही तो सब कुछ उजड़ जाने के बाद हाथ मलते रहोगे पुष्कर के प्राकृतिक अस्तित्व को बचाने का साहस दिखाओ!!

*उक्त लेख के माध्यम से जनप्रतिनिधियों से सरकार से और प्रशासन से आग्रह, अनुरोध, विनती, निवेदन है कि पुष्कर के पर्यटन स्थलों एवं पुष्कर के भौगोलिक प्राकृतिक स्थलों को बचाने संरक्षित करने और उनका भविष्य की तर्ज पर विकास करने हेतु विशेष बजट, योजनाएं आदि को क्रियान्वित करवाने का श्रम करे।

उक्त लेख के विचार मेरे निजी है

✍️धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Wednesday, July 8, 2020

पुष्कर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा से प्लास्टिक थैली कब हटेगी??

#The Udai - 09
08-07-2020

✍️ दिलीप कुमार उदय
 व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है.....

#पुष्कर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा से प्लास्टिक थैली कब हटेगी??

मेने अपने पिछले ब्लॉग #The Udai - 07 के माध्यम से अम्बेडकर साहब की प्रतिमा पर हुए घटनाक्रम पर प्रकाश डाला था। उक्त घटनाक्रम में कई नए मोड़ लोगो को देखने को मिले थे। आरोप प्रत्यारोप को लेकर कुछ ज्ञापन दिए गए, मुकदमा दर्ज करवाया गया था, मीडिया हेडलाइन, ब्रेकिंग न्यूज़ का शोर शराबा रहा उसके बाद से अभी तक उक्त घटना पर मौजूदा हालात पर कोई ठोस निर्णय, कार्यवाही एवं टीका टिप्पणी आदि नही हुए है। सभी लोग चुपचाप बैठकर तमाशबीन बने हुए है!!

उक्त प्रकरण में सबसे अधिक विचार एवं समीक्षा करने वाली बात यह है कि उक्त सूक्ष्म रूप से  अंगुली टूटी प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगाने की मांग और ज्ञापन उपखण्ड़ कार्यालय को पिछले 2-3 वर्षों से दिए जा रहे थे। मांग और ज्ञापन पर कार्यवाही करते हुए, उपखण्ड़ कार्यालय द्वारा प्रतिमा के लिए मौजूदा स्थिति क्या है,मरम्मत करनी है, नई लगानी है आदि की जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रशासन के आग्रह पर मूर्तिकार अम्बेडकर पार्क में भेजे जाते है उसके बाद कुछ लोगो द्वारा विवाद उत्पन्न कर
*उल्टा.... उपखण्ड़ कार्यालय के  कार्मिक ओर तत्कालीन उपखण्ड़ अधिकारी को ही प्रतिमा तुड़वाने का दोषी करार दे दिया जाकर एक व्हाट्सएप्प ग्रुप में भ्रामक, वर्ग विशेष को भड़काने, गुमराह करने वाली पोस्ट की जाती है उसके  बाद मामला ज्यादा तूल पकड़ लेता है। भ्रामक पोस्ट की जानकारी पुलिस प्रशासन को भी होगी!*

मीडिया को दिए गए बयानो के मुताबिक अनाधिकृत रूप से प्रतिमा को थैली से ढकने वाले ने कहाँ था कि.... उपखण्ड़ अधिकारी एवं इनके कार्यालय द्वारा नगर पालिका स्वामित्व वाली अम्बेडकर जी की प्रतिमा के साथ जो भी कुछ किया जा रहा था तो दलित वर्ग के पार्षद, नेता व संघठन को अवगत कराना चाहिए था इन्हें विश्वास में लेना था उसके बाद प्रतिमा के साथ जो भी कुछ करना था करते *यह कितना अजीब और हास्यपद बयान है....उक्त बयान को समझा जाये तो बयान के अनुसार उपखण्ड़ अधिकारी द्वारा अपनी प्रशासनिक गतिविधियो का संचालन करने हेतु क्या कुछ संघठनो ओर कुछ तथाकथित नेताओं से अनुमति लेनी होगी???*

अम्बेडकर जी ने वंचित वर्ग के अधिकारों और हक के लिए जो भी किया यह सबको विदित है एवं इन्होंने अपने जीवनकाल में संवैधानिक,सामाजिक,शैक्षणिक
आर्थिक,राजनीतिक,साहित्यिक, औद्योगिक आदि कई क्षेत्रों में अनगिनत कार्य करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान  निभाया है। दुनिया में करोड़ो लोग  इनके अनुयायी है परन्तु *कुछ नासमझ गुमराह लोगो ने भारत रत्न संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को सिर्फ अपना कॉपीराइट समझ रखा है! ऐसे कुछ लोग खुद के विवेक की जगह सत्ता में भागीदारी मिलने के आश्वासन और विश्वाश में अपने आकाओं के आदेश की अनुपालना करते है चाहे वह सही हो या गलत उस पर तनिक भी सोच विचार विश्लेषण नही करते है।*
यह कुछ लोग *अम्बेडकर जी को जपते है, अम्बेडकर जी को पढ़ते नही है! जिनको अपनी राजनीति चमकानी है वो जपने में विश्वास करते है शेष अपने अधिकारो को जानने के लिए अम्बेडकर जी को पढ़ते हैं* तो अब आप तय कर लीजिए अम्बेडकर जी को जपना है या पढ़ना है।

पूरे घटनाक्रम से जुडे वर्तमान और पूर्व विवाद के प्रकरण के पीछे की राजनीति को देखा जाए तो अम्बेडकर साहब की प्रतिमा की अंगुली टूटने के बाद से
पिछले 2-3 वर्षों में जिन लोगो ने ज्ञापन दिये थे मांग की थी उनमें सिर्फ इस बात पर जोर दिया गया कि प्रतिमा नई लगाई जाए। जबकि सूक्ष्म रूप से टूटी हुई प्रतिमा की मरम्मत रंगरोशन करके दुरस्त करने की बात विवाद उत्पन्न करने वालो में से किसी ने नही की साथ ही इन्होंने पार्क में फैली अव्यवस्था खराब कृत्रिम झरने से भरा हुआ गंदा पानी आदि फैली अव्यवस्था को दुरस्त करने  एवं सौंदर्य, पेड़पौधे, मरम्मत की बात को पीछे धकेल दिया गया है। यानी केवल प्रतिमा के नाम पर कुछ लोगो ने अपनी राजनीति चमकाने ओर एक वर्ग विशेष के लोगो के साथ सहानुभूति प्राप्त की है। ओर इस मांग को लेकर अभी हाल ही में तूल देकर विवाद उत्पन्न हो गया उसके पीछे की राजनीति क्या थी क्या मंशा थी यह अगर जानने की जिसकी प्रबल इच्छा है वह इसके लिए पुष्कर के हाल ही के ओर कुछ पहले के अन्य प्रकरण और घटनाओं का विश्लेषण करते हुए स्वयं समझ सकते है।

नगर पालिका पुष्कर के स्वामित्व वाली जगह पर यह सब कुछ हुवा फिर भी नगर पालिका प्रशासन
किसी प्रकार का एक्शन लेने की हिम्मत नही जुटा पा रहा है साथ ही राज्य में जिस पार्टी की सत्ता है उसकी विपक्ष पार्टी की नगर पालिका पुष्कर में सत्ता है, यह सत्ता भी साहस नही कर पा रही है की क्या किया जाए *पता नही किसकी किसके पास किस तरह से नस दबी हुई है।*

अब बात करते है पुलिस प्रशासन की पुलिस के पास बहुत अच्छा और संतुष्ट करने वाला जवाब हमेशा होता है की जांच चल रही है, अब देखना यह है की जांच कब तक पूरी होती है?

विशेष सोचने वाली बात यह है की कोई प्रतिमा जर्जर हो गई हो खराब हो गई हो तो नई प्रतिमा की मांग जायज है। यदि सूक्ष्म रूप से प्रतिमा टूटी हुई है तो आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रतिमा की मरम्मत की जा सकती है। अब यदि सूक्ष्म रूप से टूटी हुई प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगाने की परिपाटी शुरू हो गई तो, जब भी किसी कारणवश या राजनीतिक मंशा या षडयंत्र द्वारा प्रतिमा के सूक्ष्म खंडित होने पर लोग नई नई प्रतिमाओ की मांग करना शुरू कर देंगे जिससे माहौल खराब होंगे साथ ही नई राजनीतिक बहस शुरू हो सकती है।

*पुष्कर के अन्य पार्क में स्थित भारत के प्रथम प्रधानमंत्री  जवाहरलाल जी नेहरू एवं महात्मा गांधी जी की भी कई सालों से प्रतिमा खंडित है, परन्तु कुछ तथाकथित लोगो का ध्यान केवल अम्बेडकर जी पर ही जाता है क्योंकि अम्बेडकर जी के नाम पर इनकी राजनीति जल्दी चमकती है।*

*इसलिए में ब्लॉग के माध्यम से प्रशासन से निवेदन अनुरोध करता हूं कि अम्बेडकर पार्क पुष्कर में अंगुली टूटी प्रतिमा से थैली हटाकर उसे दुरस्त किया जाए। दुरस्त कैसे करना है किस प्रकार करना है ताकि माहौल शांतिपूर्वक रहे यह नगर पालिका पुष्कर एवं सम्बंधित प्रशासन पर निर्भर करता है।*

उक्त घटना पर मीडिया में दिये गए बयानों और खबरो का विश्लेषण करते हुए लेख को प्रस्तुत किया गया है। लेख के विचार मेरे निजी है।

✍️धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Sunday, July 5, 2020

उदय कन्सट्रक्शन एवं आर्किटेक्चर" वर्क ऑफिस का भव्य शुभारंभ

#08 The Udai
05-07-2020

भागचंद जी उदय का *उदय कन्सट्रक्शन एवं आर्किटेक्चर" वर्क ऑफिस का भव्य शुभारंभ*

*पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्नीदेवी उदय एवं पूर्व पार्षद चांदमल जी उदय द्वारा ऑफिस का किया गया उद्घाटन

इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दामोदर जी शर्मा,  टीकम जी शर्मा, गोपाल जी चौधरी पार्षद, सुभाष जी, जगदीश जी चौधरी पूर्व पार्षद,रणछोड़ जी राठी, श्याम जी पाराशर (वकील), नंदकिशोर जी बाकोलिया, प्यारेलाल जी कुर्डिया, महेश पाल जी कुर्डिया, पृथ्वीराज जी उदय, वीरकरन (सुनील)जी बाघ, प्रेम बिहारी जी मंत्री, पप्पू जी जोशी, राजीव (गोदु) जी शर्मा,अमरचंद जी सेन, राधा मोहन जी मंत्री, शेखर जी गोयल, मखन जी, गोपजी जी, पूरन जी, बन्ना सिंह जी रावत, गंगाराम जी उदय,राकेश जी फुलवारी,
 रामप्रसाद जी धौलपुरिया, घनश्याम जी धौलपुरिया, महेश जी बाकोलिया, पुष्कर जी सेरस्या,प्यारेलाल जी उदय, रमेश जी बाकोलिया, जगदीश जी सवासिया, हेमन्त बाघ, दिलीप उदय, राजेश उदय आदि कई  गणमान्य लोग मौजूद थे।

उदय कन्सट्रक्शन एवं आर्किटेक्चर वर्क द्वारा मकान, प्लाट, बिल्डिंग आदि के नक़्शे (ब्ल्यू प्रिंट), एस्टिमेट, वेल्युएशन सम्बंधित आर्किटेक्चर वर्क एवं भवन निर्माण (कन्सट्रक्शन) वर्क, भवन निर्माण सामग्री सप्लाई आदि कार्य किया जाएगा।
संपर्क सूत्र :-
भागचंद उदय - 9414667210
*उदय कन्सट्रक्शन एवं आर्किटेक्चर वर्क*
श्यामा बाघ हॉस्पिटल के पास पुष्कर-305022 (अजमेर)


✍️धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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#The Udai News -34 21 अगस्त 2024 ✍️ दिलीप कुमार उदय धार्मिक एवं पर्यटन स्थल पुष्कर में भारत बंद का दिखा सफल असर आरक्षण में उप-वर्गीकरण के फै...