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Tuesday, December 8, 2020

 #The Udai -13

08-12 -2020

✍️ दिलीप कुमार उदय 

#कर्मचारी बेफिक्र - उपभोक्ता परेशान

तो कीजिये शिकायत राजस्थान  संपर्क पर ऑनलाइन या 181 पर कॉल करके

या फिर

CMO में करे एक E-mail : writetocm@rajasthan.gov.in

पहले आमजन की परेशानी पर चर्चा फिर परेशानी से निजात पाने हेतु writetocm@rajasthan.gov.in पर भी थोड़ी सी चर्चा

अजमेर विधुत वितरण निगम लिमिटेड - उपखंड पुष्कर, उपखंड कोड  1104330 - AEN (O& M, Pushkar) AVVNL

में किसी भी प्रकार से बिजली बिल /उपभोक्ता प्रति (विधुत उपभोग विपत्र) में त्रुटि, गड़बड़ी या अन्य किसी तरह की समस्या आने पर विधुत विभाग उपखण्ड पुष्कर के कर्मचारी उपभोक्ता को नए वाले सिटी पावर हाउस जाने को कहते है यह सिटी पावर हाउस बीएसनल ऑफिस  के पास ऊंचाई पर स्थित है जहाँ जाने हेतु सकरा कच्चा रोड है वहाँ जाने पर अक्सर ताले लगे होते है कोई भी कर्मचारी वहाँ नही मिलता है

इस तरह से उपभोक्ता को पहले पुराने वाले पावर हाउस फिर नए वाले पावर हाउस ओर फिरसे पुराने वाले पावर हाउस जाना पड़ता है। वहाँ मोजूद कर्मचारी उपभोक्ता को बार बार चक्कर लगवाते है अंततः यह कहते है कि इस समस्या का समाधान जो कर्मचारी करेगा उसकी रिपोर्ट नहीं हो पाई हे या संबंधित कर्मचारी अवकाश पर है या फील्ड में है...  इस तरह के अनुचित व्यवहार के कारण  उपभोक्ता को काफी परेशानी हो रही है। जिससे समस्या का निदान सुचारु रूप से नही हो पा रहा है।

अतः पुष्कर क्षेत्र के जागरूक लोगो से निवेदन है कि विधुत विभाग से या अन्य किसी भी सरकारी विभाग से सम्बंधित समस्या का निवारण नही होने पर राजस्थान संपर्क पोर्टल या writetocm@rajasthan.gov.in पर ईमेल करके सम्बंधित विभाग की शिकायत दर्ज करवाये।

writetocm@rajasthan.gov.in -  राजस्थान की जनता के प्रति पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन के लिए संकल्पित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने जनता को एक ओर बड़ी राहत दी है जनता अपनी समस्याओं के निवारण हेतु सीधे मुख्यमंत्री को ईमेल कर सकते है।  

CMO Rajasthan का ट्वीट- संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह शासन की दशा में CM श्री @ashokgahlot51 तक आमजन अब अपना संदेश, शिकायत या सुझाव ओर सुगमता के साथ पहुँचा सकेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस हेतु एक नई ईमेलआईडी : writetocm@rajasthan.gov.in बनाई गई है। इस पर भेजे गए ई-मेल सीधे मुख्यमंत्री तक पहुँचेंगे।

✍️धन्यवाद

Dilip Kumar Udai
"The Udai"
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Saturday, August 22, 2020

#सांसद औऱ विधायक पर तीर्थ पुरोहितों का आखिरकार ग़ुस्सा फूटा

 #TheUdai -12

22-08-2020

✍️ दिलीप कुमार उदय 


#सांसद औऱ विधायक पर तीर्थ पुरोहितों का आखिरकार ग़ुस्सा फूटा


मेने अपने पिछले ब्लॉग  #TheUdai -10 में लिखा था  *कस्बेवासियों को गुस्सा क्यो नही आता ???*


आज के उक्त गुस्से को लेकर अल्फाज प्रस्तुत है.......


*पुष्कर विधायक जी संत का चोला ओढ़े गांव गांव घूमकर विभिन्न मंदिरों से मिट्टी एकत्रित कर चुके है अब अयोध्या में कूच करेंगे...क्यो कूच करेंगे यह सबको विदित है, इसलिए भाजपा पार्टी से अजमेर जिले के सांसद, पुष्कर  के विधायक, अन्य भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पुष्कर सरोवर में पूजापाठ करने पहुँचे थे पूजापाठ के बाद आज वहाँ मौजूद तीर्थ पुरोहितों ने पुष्कर सरोवर की समस्या को लेकर सांसद भागीरथ जी चौधरी, विधायक सुरेश जी रावत और भाजपा नेताओं के समक्ष पुष्कर की सबसे मुख्य समस्या- पुष्कर सरोवर में सीवरेज (ड्रेनेज सिस्टम) का गंदा पानी जो कि सरोवर में मिलकर सरोवर के पवित्र पानी को मेला कर रहा है। इस समस्या को लेकर इन राजनेताओं को तीर्थपुरोहितों ने ख़रीखोटी सुनाई और  निवेदन भी किया*।


ऐसा गुस्सा और खरीखोटी सभी तीर्थपुरोहितों के साथ साथ सभी पुष्करवासी भी कायम रखे ताकि कुम्भकर्ण की नींद सोए राजनेताओ को बार बार जगाने के काम आ सके। 


तीर्थपुरोहितों द्वारा खरीखोटी सुनाने पर भाजपा नेताओ का रटा रटाया *जवाब अभी कोरोना चल रहा है हमारा सारा फंड कोरोना आपदा में चल गया है यानि कोरोना नही होता तो आज के आज समस्या का निवारण कर देते साहब!*


*दूसरा जवाब - राज्य में अभी हमारी सरकार नही है, यानी कि पिछले कार्यकाल के 5 वर्ष में तो कई तीर मार लिए थे! यानी कि इन नेताओ के अनुसार पुष्कर की उक्त सारी समस्या तो अभी अभी जुम्मे जुम्मे पैदा हुई है मतलब!*


विधायक जी अब कह रहे है कि इस समस्या को लेकर अभियान चलायेंगे आंदोलन करेंगे!!

*काश विधायक जी पिछले 5 वर्ष के कार्यकाल पर नजर डालते जब पुष्कर नगर पालिका, राज्य सरकार वह केंद्र सरकार सभी जगह भाजपा पार्टी एवं भाजपा पार्टी का प्रचंड बहुमत वाली सरकार थी उसके बाद भी पुष्कर सरोवर की समस्या का समाधान नही कर पाए।* समाधान कर देते तो आज ऐसे जनता के सामने आड़े हाथ नही आते ओर ना ही खरी खोटी सुनने को मिलती खेर *राजनेताओं को खरीखोटी सुनने से कोई खास फर्क नही पड़ता! राजनेता खुद को खरा साबित करने के लिए पार्टी में अपनी जाजम मजबूत करने में लगे रहते है। जनता की जाजम से इनको कोई सरोकार नही होता है!*


*जब राजनेता सत्ताधारी पार्टी में होते है तब कहते है समस्याओं के निवारण हेतु योजना सरकार के पास भेज रखी है, जल्द ही निवारण हो जाएगा ऐसा आश्वासन देते हुए कई बार आपने सुना होगा।*


और जब यही *राजनेता जब विपक्ष में होते है तब कहते है हमारी सरकार नही है तो भाई सरकार है किसकी..... ?? समझिए नेताओ के लिए केवल पक्ष और विपक्ष होता है।* 

सरकार और जनता के बीच की कड़ी को निभाने वाले राजनेता अक्सर इस कड़ी को अलग करके रख देते है जब खुद को फिर से चमकाना हो या सत्ता में अपने नंबर बढ़ाने हो तब यह पुनः इस कड़ी को जोड़ने का प्रयत्न करते रहते है बाकी समय यह कुम्भकर्ण की नींद सोते है। 


इसलिए पुष्कर की विभिन्न समस्याओं का समाधान करने हेतु जनता को ही आगे आकर सचेत होकर एकजुट होकर पार्टीबाजी से निकलकर पुष्कर के हित को देखकर सतर्क होकर समाधान करवाने के प्रयास करने होंगे।


उक्त लेख के विचार मेरे निजी है।

✍️धन्यवाद

Dilip Kumar Udai

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Thursday, August 13, 2020

47 दिन बाद पुष्कर में ढकी हुई अम्बेडकर प्रतिमा से थैली हटी

 #The Udai -11

13-08-2020

✍️ दिलीप कुमार उदय 


#47 दिन बाद पुष्कर में ढकी हुई अम्बेडकर प्रतिमा से थैली हटी


*आखिरकार पूर्व पार्षद चांदमल जी उदय द्वारा राजस्थान संपर्क पोर्टल पर की गई ऑनलाइन शिकायत का असर हुआ और प्रशासन की नींद जागी!*


प्रशासन का कहना रहा कि संविधान निर्माता अम्बेडकर साहब की प्रतिमा स्वतंत्रता दिवस पर ढकी ना रहे इसलिए प्रशासन ने थैली हटाई।


लगता है स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) का पर्व नही होता तो  शायद पता नही ओर कितना इन्तेजार करना पड़ता खेर *देर आये दुरस्त आये।*


*गौरतलब है कि दिनांक 26 जून 2020 को प्रतिमा को अनाधिकृत रूप से बिना किसी प्रशासनिक आदेश वह बिना किसी अधिकार के एक व्यक्ति विशेष ने राजनीति करने की मंशा से अंबेडकर साहब की प्रतिमा को पॉलिथीन के बड़े थैले से ढक दिया और फिर रस्सी से नीचे के भाग को बांध दिया गया तथा सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देकर एक वर्ग विशेष को गुमराह किया गया।*


*उक्त घटना को लेकर पूर्व पार्षद चांदमल जी उदय* ने बताया कि पुलिस थाना पुष्कर, उपखंड अधिकारी पुष्कर,

अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पुष्कर को अम्बेडकर प्रतिमा ढकने वाले व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई एवं उक्त थैली को हटाने का निवेदन भी किया गया था। परन्तु प्रसाशन द्वारा किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नही होने पर *पुनः स्मरण पत्र दिए गए* फिर भी प्रसाशन के द्वारा कोई कार्यवाही नही हुई। केवल  मौखिक वार्तालाप में आश्वासन के अलावा कुछ नही मिलता देख *आखिरकार राजस्थान संपर्क पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की गई।* 


लगता है उक्त शिकायत का ही नतीजा है कि 15 अगस्त से पहले आज बाबा साहेब की प्रतिमा पर लगी हुई थैली हटी एवं प्रतिमा को दुरस्त किया गया।


उक्त घटना को देखते हुए यदि आम व्यक्ति महापुरुषों की प्रतिमा को अपने स्तर पर ही ढककर बंद कर देगा तो इस प्रकार महापुरुषों की प्रतिमाओ का अपमान दिन प्रतिदिन बढ़ता जाएगा आमजन कानून को अपने हाथ में लेने लगेगा जो उचित और न्यायसंगत नहीं है।

 

उक्त लेख मेरे निजी विचार है साथ ही उक्त घटना पर मीडिया में दिये गए बयानों और खबर का विश्लेषण करते हुए लेख को प्रस्तुत किया गया 


✍️धन्यवाद

Dilip Kumar Udai

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Thursday, August 6, 2020

कस्बेवासियों को गुस्सा क्यो नही आता ???

#The Udai -10
06-08-2020
✍️ दिलीप कुमार उदय 

# *कस्बेवासियों को गुस्सा क्यो नही आता ???*

अल्फाज प्रस्तुत है.......
आज जिक्र करते है सुन्दरता से श्रृंगारीत एक बेहतरीन विश्व विख्यात कस्बे की....इस कस्बे की सबसे शानदार खूबी यह है कि इस कस्बे के मध्य में *सरोवर,इर्दगिर्द घने पहाड़, वर्षाकालीन- नदी झरने,पानी,जंगल, रेगिस्तान, हरियाली (ग्रीनबेल्ट) यह सभी एक ही जगह इस कस्बे में एक साथ आसपास मौजूद है।* इन सभी प्राकृतिक सरंचना का एक ही जगह पर एक साथ आसपास उपलब्ध होना बहुत ही बेहतरीन ओर विचित्रता को दर्शता है। *दुनिया मे अमूमन ऐसा स्थान बहुत ही कम देखने को मिलेगा* इस बेहद खूबसूरत कस्बे की सरंचना का जिक्र हिन्दू धर्मिक ग्रन्थो ओर हिन्दू प्राचीन मंदिरों से लेकर मुगलकालीन और जैन धर्म तक के पुरातत्त्व अवशेष का इतिहास सिमटे हुए है। *दुनिया के नक़्शे पर यह अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल एवं तीर्थनगरी पुष्कर है।* 👏👏

पुष्कर क्षेत्र का जो *धार्मिक,आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक ढांचे का जो स्वरूप है* उसमे पुष्कर सरोवर, ब्रह्मा मंदिर एवं अन्य सेकड़ो मंदिर, पर्यटन स्थल, कपड़ा व्यवसाय (एक्सपोर्ट), होटल, धर्मशालायें, गुलाब, गुलकंद, आंवला, जामुन आदि एवं इनसे जुड़े अनेक छोटे ओर बड़े व्यवसाय का प्रमुख स्थान है।

पुष्करराज भृमण हेतु आने वाले लोगो को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है!

*पहले : तीर्थयात्री*
*दूसरे : पर्यटक (देशी और विदेशी)*

तीर्थयात्री :- पुष्कर आने वाले अधिकतर तीर्थयात्री सिर्फ 1 दिन पुष्कर को देते है जिसमे  तीर्थयात्री पुष्कर सरोवर , बह्मा मंदिर ओर कुछ अन्य मंदिर के दर्शन करके  दान, दक्षिणा देकर और कुछ छोटी मोटी खरीददारी करके निकल जाते है।

पर्यटक :- उपरोक्त तीर्थयात्री की  भांति पुनरावर्ती करने के साथ साथ उनकी तमन्ना पुष्कर की प्राकृतिक सरंचना के खूबसूरत पर्यटन स्थलों के दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में समेटने और इन स्थलों के साथ समय बिताने की लालसा इच्छा उनको पुष्कर में रुकने को मजबूर करती है।

उपरोक्त पुष्करराज की विशेषता जिसके बारे में पुष्करवासी भलीभांति जानते है, फिर से जानकर, पढ़कर आपको बहुत अच्छा लग रहा होगा। *परन्तु एक सवाल जो कई सवाल खड़े करता है.....*

*पुष्कर वासियो को कभी गुस्सा क्यो नही आता??*

*पुष्कर क्षेत्र वासियो के लिए पुष्करराज अन्नदाता है तो अन्नदाता को लेकर चिंतित क्यो नहीं है??*

अगर देखा जाए तो पुष्कर क्षेत्र की समस्याओं के निवारण के लिए कुछ समाजसेवी लोग और कुछ संस्थाएं अपने स्तर से सरकार औऱ प्रशासन को आगाह तो करती है पर उससे निजात या *निवारण ना* के बराबर होता है।

*पुष्कर की विभिन्न समस्याओं के उचित निवारण हेतु एक बड़े आंदोलन के रूप में सभी पुष्करवासियो को मिलकर डटकर आगे आना होगा, राजनीतिक पार्टीबाजी से बाहर निकल कर धरातल पर कुछ करना होगा, नही किया गया तो .......आगामी वर्षो में पुष्कर सरोवर प्रदूषित होता रहेगा, घाटों की दशा खराब हो रही है, डेजर्ट खत्म हो चुके है जो बचे हुए है वह भी खत्म होने की कगार पर है, पहाड़ो का अवेध खनन हो रहा है,  ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है, पार्क उजड़े हुए  है, अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला क्षेत्र पूरी तरफ भूमाफियाओ की गिरफ्त में आ गया है,  मेला क्षेत्र को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती से मेला क्षेत्र संकुचित हो गया है क्षेत्र संकुचित हो गया है,  मेले क्षेत्र के डेजर्ट खत्म हो गए कभी इन डेजर्ट से सनसेट ओर पुष्कर मेले का नजारा बहुत ही शानदार मनमोहक दृश्य हुआ करता था जो लुप्त सा हो गया है।*

पुष्करवासी कुम्भकर्ण की नींद सोए हुए है, गहरी नींद से जागकर सचेत हो जाइए नही तो सब कुछ उजड़ जाने के बाद हाथ मलते रहोगे पुष्कर के प्राकृतिक अस्तित्व को बचाने का साहस दिखाओ!!

*उक्त लेख के माध्यम से जनप्रतिनिधियों से सरकार से और प्रशासन से आग्रह, अनुरोध, विनती, निवेदन है कि पुष्कर के पर्यटन स्थलों एवं पुष्कर के भौगोलिक प्राकृतिक स्थलों को बचाने संरक्षित करने और उनका भविष्य की तर्ज पर विकास करने हेतु विशेष बजट, योजनाएं आदि को क्रियान्वित करवाने का श्रम करे।

उक्त लेख के विचार मेरे निजी है

✍️धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Wednesday, July 8, 2020

पुष्कर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा से प्लास्टिक थैली कब हटेगी??

#The Udai - 09
08-07-2020

✍️ दिलीप कुमार उदय
 व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है.....

#पुष्कर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा से प्लास्टिक थैली कब हटेगी??

मेने अपने पिछले ब्लॉग #The Udai - 07 के माध्यम से अम्बेडकर साहब की प्रतिमा पर हुए घटनाक्रम पर प्रकाश डाला था। उक्त घटनाक्रम में कई नए मोड़ लोगो को देखने को मिले थे। आरोप प्रत्यारोप को लेकर कुछ ज्ञापन दिए गए, मुकदमा दर्ज करवाया गया था, मीडिया हेडलाइन, ब्रेकिंग न्यूज़ का शोर शराबा रहा उसके बाद से अभी तक उक्त घटना पर मौजूदा हालात पर कोई ठोस निर्णय, कार्यवाही एवं टीका टिप्पणी आदि नही हुए है। सभी लोग चुपचाप बैठकर तमाशबीन बने हुए है!!

उक्त प्रकरण में सबसे अधिक विचार एवं समीक्षा करने वाली बात यह है कि उक्त सूक्ष्म रूप से  अंगुली टूटी प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगाने की मांग और ज्ञापन उपखण्ड़ कार्यालय को पिछले 2-3 वर्षों से दिए जा रहे थे। मांग और ज्ञापन पर कार्यवाही करते हुए, उपखण्ड़ कार्यालय द्वारा प्रतिमा के लिए मौजूदा स्थिति क्या है,मरम्मत करनी है, नई लगानी है आदि की जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रशासन के आग्रह पर मूर्तिकार अम्बेडकर पार्क में भेजे जाते है उसके बाद कुछ लोगो द्वारा विवाद उत्पन्न कर
*उल्टा.... उपखण्ड़ कार्यालय के  कार्मिक ओर तत्कालीन उपखण्ड़ अधिकारी को ही प्रतिमा तुड़वाने का दोषी करार दे दिया जाकर एक व्हाट्सएप्प ग्रुप में भ्रामक, वर्ग विशेष को भड़काने, गुमराह करने वाली पोस्ट की जाती है उसके  बाद मामला ज्यादा तूल पकड़ लेता है। भ्रामक पोस्ट की जानकारी पुलिस प्रशासन को भी होगी!*

मीडिया को दिए गए बयानो के मुताबिक अनाधिकृत रूप से प्रतिमा को थैली से ढकने वाले ने कहाँ था कि.... उपखण्ड़ अधिकारी एवं इनके कार्यालय द्वारा नगर पालिका स्वामित्व वाली अम्बेडकर जी की प्रतिमा के साथ जो भी कुछ किया जा रहा था तो दलित वर्ग के पार्षद, नेता व संघठन को अवगत कराना चाहिए था इन्हें विश्वास में लेना था उसके बाद प्रतिमा के साथ जो भी कुछ करना था करते *यह कितना अजीब और हास्यपद बयान है....उक्त बयान को समझा जाये तो बयान के अनुसार उपखण्ड़ अधिकारी द्वारा अपनी प्रशासनिक गतिविधियो का संचालन करने हेतु क्या कुछ संघठनो ओर कुछ तथाकथित नेताओं से अनुमति लेनी होगी???*

अम्बेडकर जी ने वंचित वर्ग के अधिकारों और हक के लिए जो भी किया यह सबको विदित है एवं इन्होंने अपने जीवनकाल में संवैधानिक,सामाजिक,शैक्षणिक
आर्थिक,राजनीतिक,साहित्यिक, औद्योगिक आदि कई क्षेत्रों में अनगिनत कार्य करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान  निभाया है। दुनिया में करोड़ो लोग  इनके अनुयायी है परन्तु *कुछ नासमझ गुमराह लोगो ने भारत रत्न संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को सिर्फ अपना कॉपीराइट समझ रखा है! ऐसे कुछ लोग खुद के विवेक की जगह सत्ता में भागीदारी मिलने के आश्वासन और विश्वाश में अपने आकाओं के आदेश की अनुपालना करते है चाहे वह सही हो या गलत उस पर तनिक भी सोच विचार विश्लेषण नही करते है।*
यह कुछ लोग *अम्बेडकर जी को जपते है, अम्बेडकर जी को पढ़ते नही है! जिनको अपनी राजनीति चमकानी है वो जपने में विश्वास करते है शेष अपने अधिकारो को जानने के लिए अम्बेडकर जी को पढ़ते हैं* तो अब आप तय कर लीजिए अम्बेडकर जी को जपना है या पढ़ना है।

पूरे घटनाक्रम से जुडे वर्तमान और पूर्व विवाद के प्रकरण के पीछे की राजनीति को देखा जाए तो अम्बेडकर साहब की प्रतिमा की अंगुली टूटने के बाद से
पिछले 2-3 वर्षों में जिन लोगो ने ज्ञापन दिये थे मांग की थी उनमें सिर्फ इस बात पर जोर दिया गया कि प्रतिमा नई लगाई जाए। जबकि सूक्ष्म रूप से टूटी हुई प्रतिमा की मरम्मत रंगरोशन करके दुरस्त करने की बात विवाद उत्पन्न करने वालो में से किसी ने नही की साथ ही इन्होंने पार्क में फैली अव्यवस्था खराब कृत्रिम झरने से भरा हुआ गंदा पानी आदि फैली अव्यवस्था को दुरस्त करने  एवं सौंदर्य, पेड़पौधे, मरम्मत की बात को पीछे धकेल दिया गया है। यानी केवल प्रतिमा के नाम पर कुछ लोगो ने अपनी राजनीति चमकाने ओर एक वर्ग विशेष के लोगो के साथ सहानुभूति प्राप्त की है। ओर इस मांग को लेकर अभी हाल ही में तूल देकर विवाद उत्पन्न हो गया उसके पीछे की राजनीति क्या थी क्या मंशा थी यह अगर जानने की जिसकी प्रबल इच्छा है वह इसके लिए पुष्कर के हाल ही के ओर कुछ पहले के अन्य प्रकरण और घटनाओं का विश्लेषण करते हुए स्वयं समझ सकते है।

नगर पालिका पुष्कर के स्वामित्व वाली जगह पर यह सब कुछ हुवा फिर भी नगर पालिका प्रशासन
किसी प्रकार का एक्शन लेने की हिम्मत नही जुटा पा रहा है साथ ही राज्य में जिस पार्टी की सत्ता है उसकी विपक्ष पार्टी की नगर पालिका पुष्कर में सत्ता है, यह सत्ता भी साहस नही कर पा रही है की क्या किया जाए *पता नही किसकी किसके पास किस तरह से नस दबी हुई है।*

अब बात करते है पुलिस प्रशासन की पुलिस के पास बहुत अच्छा और संतुष्ट करने वाला जवाब हमेशा होता है की जांच चल रही है, अब देखना यह है की जांच कब तक पूरी होती है?

विशेष सोचने वाली बात यह है की कोई प्रतिमा जर्जर हो गई हो खराब हो गई हो तो नई प्रतिमा की मांग जायज है। यदि सूक्ष्म रूप से प्रतिमा टूटी हुई है तो आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रतिमा की मरम्मत की जा सकती है। अब यदि सूक्ष्म रूप से टूटी हुई प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगाने की परिपाटी शुरू हो गई तो, जब भी किसी कारणवश या राजनीतिक मंशा या षडयंत्र द्वारा प्रतिमा के सूक्ष्म खंडित होने पर लोग नई नई प्रतिमाओ की मांग करना शुरू कर देंगे जिससे माहौल खराब होंगे साथ ही नई राजनीतिक बहस शुरू हो सकती है।

*पुष्कर के अन्य पार्क में स्थित भारत के प्रथम प्रधानमंत्री  जवाहरलाल जी नेहरू एवं महात्मा गांधी जी की भी कई सालों से प्रतिमा खंडित है, परन्तु कुछ तथाकथित लोगो का ध्यान केवल अम्बेडकर जी पर ही जाता है क्योंकि अम्बेडकर जी के नाम पर इनकी राजनीति जल्दी चमकती है।*

*इसलिए में ब्लॉग के माध्यम से प्रशासन से निवेदन अनुरोध करता हूं कि अम्बेडकर पार्क पुष्कर में अंगुली टूटी प्रतिमा से थैली हटाकर उसे दुरस्त किया जाए। दुरस्त कैसे करना है किस प्रकार करना है ताकि माहौल शांतिपूर्वक रहे यह नगर पालिका पुष्कर एवं सम्बंधित प्रशासन पर निर्भर करता है।*

उक्त घटना पर मीडिया में दिये गए बयानों और खबरो का विश्लेषण करते हुए लेख को प्रस्तुत किया गया है। लेख के विचार मेरे निजी है।

✍️धन्यवाद
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Sunday, July 5, 2020

उदय कन्सट्रक्शन एवं आर्किटेक्चर" वर्क ऑफिस का भव्य शुभारंभ

#08 The Udai
05-07-2020

भागचंद जी उदय का *उदय कन्सट्रक्शन एवं आर्किटेक्चर" वर्क ऑफिस का भव्य शुभारंभ*

*पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्नीदेवी उदय एवं पूर्व पार्षद चांदमल जी उदय द्वारा ऑफिस का किया गया उद्घाटन

इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दामोदर जी शर्मा,  टीकम जी शर्मा, गोपाल जी चौधरी पार्षद, सुभाष जी, जगदीश जी चौधरी पूर्व पार्षद,रणछोड़ जी राठी, श्याम जी पाराशर (वकील), नंदकिशोर जी बाकोलिया, प्यारेलाल जी कुर्डिया, महेश पाल जी कुर्डिया, पृथ्वीराज जी उदय, वीरकरन (सुनील)जी बाघ, प्रेम बिहारी जी मंत्री, पप्पू जी जोशी, राजीव (गोदु) जी शर्मा,अमरचंद जी सेन, राधा मोहन जी मंत्री, शेखर जी गोयल, मखन जी, गोपजी जी, पूरन जी, बन्ना सिंह जी रावत, गंगाराम जी उदय,राकेश जी फुलवारी,
 रामप्रसाद जी धौलपुरिया, घनश्याम जी धौलपुरिया, महेश जी बाकोलिया, पुष्कर जी सेरस्या,प्यारेलाल जी उदय, रमेश जी बाकोलिया, जगदीश जी सवासिया, हेमन्त बाघ, दिलीप उदय, राजेश उदय आदि कई  गणमान्य लोग मौजूद थे।

उदय कन्सट्रक्शन एवं आर्किटेक्चर वर्क द्वारा मकान, प्लाट, बिल्डिंग आदि के नक़्शे (ब्ल्यू प्रिंट), एस्टिमेट, वेल्युएशन सम्बंधित आर्किटेक्चर वर्क एवं भवन निर्माण (कन्सट्रक्शन) वर्क, भवन निर्माण सामग्री सप्लाई आदि कार्य किया जाएगा।
संपर्क सूत्र :-
भागचंद उदय - 9414667210
*उदय कन्सट्रक्शन एवं आर्किटेक्चर वर्क*
श्यामा बाघ हॉस्पिटल के पास पुष्कर-305022 (अजमेर)


✍️धन्यवाद
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Saturday, June 27, 2020

#बाबा साहेब की प्रतिमा पर राजनीतिक घमासान

#07 The Udai

पुष्कर में बाबा साहेब की प्रतिमा को प्लास्टिक थैली से ढक दिया गया! प्लास्टिक थैली को हटाने के लिए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्नी देवी उदय के नेतृत्व में दलित समुदाय द्वारा सोमवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों को दिया जाएगा ज्ञापन।

✍️दिलीप कुमार उदय

करीबन 2-3 वर्ष पूर्व असामाजिक तत्वों द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर साहब की प्रतिमा की अंगुली को तोड़ दिया गया तब टूटी हुई अंगुली का प्राथमिक उपचार कर दिया गया यानी टूटी अंगुली को चिपका दिया गया। परन्तु अंगुली तोड़ने वाले किस मानसिकता या किस उद्देश्य से  कोन लोग थे जिन्होंने यह घिनोना कृत्य किया उसकी जांच कहा तक पहुँची या नही हुई इस पर फिर से जांच प्रक्रियाधीन है।

घटनाक्रम पर एक नजर...

अंबेडकर सर्किल पुष्कर में स्थित भीमराव अंबेडकर साहब की प्रतिमा की मरम्मत को लेकर हुए विवाद के बाद प्रतिमा को प्लास्टिक की थैली से ढक दिया है। प्रशासन के आग्रह पर आए मूर्तिकारों का दलित लोगो द्वारा घेराव किया गया जिस कारण फिर से विवाद उत्पन्न हो गया कुछ दलित लोग खंडित प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगाने हेतु बार बार ज्ञापन ओर विरोध दर्ज करवाकर बाबा साहेब की प्रतिमा को हटाकर नई प्रतिमा लगाने की गुजारिश प्रशासन से कर रहे है , अब प्रशासन ने लोगो की गुजारिश पर कार्यवाही करते हुए मौजूदा स्थिति क्या है किस तरह से है यह जानने हेतु प्रशासनिक दिशानिर्देश दिए गए उसके बाद मूर्तिकार अम्बेडकर सर्कल पर आये थे। मूर्तिकार अवलोकन करने आये थे या उस टूटी अंगुली को फिर से दुरस्त करने आये या कुछ और करने आये विवाद के बाद जांच का विषय बन गया है!

अम्बेडकर सर्कल पर अम्बेडकर प्रतिमा का अनावरण 14 अप्रैल 2000 को तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अन्नी देवी उदय की अध्यक्षता में किया गया था। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्नी देवी जी उदय एवं इनके पति चाँदमल जी उदय भी तत्कालीन समय नगर पालिका बोर्ड में पार्षद थे।
जब दोनों से हुई मेरी वार्ता से उन्होंने मुझे कुछ तथ्यों से अवगत कराया है। ब्लॉग के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत है....

उक्त घटनाक्रम के बाद बाबा साहेब की प्रतिमा को प्लास्टिक थैली से ढक दिया गया है, प्रतिमा को अभी किस कारणवश ढक दिया गया जब की प्रतिमा तो पिछले 2-3 वर्षों  से खंडित है, अभी क्यो ढका गया है? उक्त प्लास्टिक थैली को हटाने के लिए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्नी देवी उदय के नेतृत्व में दलित समुदाय द्वारा प्रशाशनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा साथ ही यह भी कहा है कि नगर पालिका पुष्कर के स्वामित्व में कई वर्षों से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की प्रतिमा भी खंडित है एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ज़ी की भी प्रतिमा भी खंडित है क्या बाबा साहब अंबेडकर जी की प्रतिमा को जिस प्रकार ढका गया है इसी प्रकार अन्य दोनों खंडित प्रतिमाओं को भी प्रशासन द्वारा ढका जाएगा क्या?

फ़ोटो ब्लॉग में सलंग्न है



धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Saturday, June 6, 2020

#06 The Udai
#कोरोना भय / डर

पहले डराया फिर पुचकारा फिर  आत्मनिर्भर......

व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है......

दिलीप कुमार उदय

आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी अनुसार दिनांक 6 जून 2020 प्रातः 9:00 बजे तक 45,24,317 कोरोनावायरस सैंपल टेस्ट हो चुके है। 24 घंटे में सेम्पल टेस्ट की संख्या 1,37,938 है।

दिनांक 6 जून 2020 - मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी अनुसार पूरे देश में

एक्टिव केस - 115942
ठीक हो गए/डिस्चार्ज - 114072
टोटल कन्फर्म केस - 236657
*मृत्यु - 6642
**(more than 70% cases due to comorbidities)

अब थोड़ा गणित का जितना जिसको ज्ञान है उसके मुताबिक गणना कीजिये कि पूरे देश का कोरोना वायरस टेस्ट करना हो तो कितने दिन या माह या वर्ष लग सकते है जिस रफ्तार से टेस्ट हुए है या हो रहे है या होंगे??

गणना कीजिये उपलब्ध डेटा अनुसार कोरोना वायरस से मृत्यु दर कितनी है??

उक्त गणना हेतु जानकारी जो सभी को पता है : देश की आबादी लगभग एक अरब 37 करोड़ है

कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु से थोड़ा सा ध्यान हटाकर हम देखे तो उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक दशक में ही भारत मे लगभग 13 से 14 लाख के बीच लोग सड़क दुर्घटना में मारे गए है। एवं लगभग 50 लाख से अधिक गंभीर घायल हुए है। कोरोना बीमारी के बाद से सरकारी डंडा यानी चालान ओर बीमारी के संक्रमित होने के डर से लोग मास्क पहन रहे है। वाहन चलाते समय भी मास्क पहन रहे है परन्तु दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने में अभी भी दिलचस्पी नही दिखाते है। सोचिए डर का प्रतिशत सर्वाधिक कहाँ है ??

फिर से कोरोना पर आते है :- तमाम सूचना तंत्र और उनको क्रियान्वित करने वाली मीडिया और सरकार बार बार आगाह ओर सतर्क कर रही थी और कर रही है कि कोरोना वायरस महामारी है। उक्त महामारी से पूरी दुनिया मे डर का माहौल पैदा हो गया इसलिए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया लोगो को 68 दिन घरों में कैद रहना पड़ा। स्वास्थ्य की दृष्टि से सामाजिक प्राणी को सामाजिक दूरी का पाठ पढ़ाया गया। मास्क परम्परा को ईजाद कर दिया गया जिसका सर्वाधिक व्यंग्यात्मक समर्थन रूढ़िवादिता की मज़बूरी से ग्रसित महिलायें कर रही है और कह रही हैं की हमारा तो पूरा जीवन ही घूंघट/बुर्के में निकलता है और आप लोग इतने से मास्क से क्यो हाय तौबा मचा रहे हो !!

प्रथम लॉकडाउन में प्रधानसेवक जी ने महाभारत युद्ध का जिक्र करते हुए कहा था कि महाभारत युद्ध 18 दिन में जीता गया था जिसमे श्री कृष्ण युद्ध में सारथी थे और इस कोरोना युद्ध में हम सभी 130 करोड़ लोग कोरोना से जंग लड़ेंगे हमारा प्रयास रहेगा कि 21 दिन में  कोरोना को हरा देंगे। उक्त संदर्भ से प्रधानसेवक जी ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं को श्री कृष्ण/अर्जुन से सुशोभित करना चाहा था। वर्तमान हालात में श्री....जी की छत्र छाया में सारी जनता बर्बाद हो गई हैअब स्थितियां हर तरह से ज्यादा बिगड़ गई तो अब श्री...... जी कह रहे हैकहलाया जा रहा है की कोरोना वायरस बीमारी के साथ जीना सीखना होगा ! यानी कोरोना के साथ ही जिओ ओर मरो !

तमाम घटनाक्रम के फलस्वरुप परिणाम यह आया कि पहले से ही चरमराई देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार और अधिक हो गया। उद्योग धंधे सब चौपट हो गए मजदूरों का एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन हो गया हे हो रहा हे,  मजदुर सरकार एवं मीडिया के लिए प्रवासी और -गेर प्रवासी हो गए हे। केंद्र और राज्य के आपसी समन्वय की कमी के कारण कई मजदूरों की जिंदगियां तबाह हो गई अकाल मृत्यु हो गई। करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए। पढ़े लिखे नौजवान को मनरेगा में मजदूरी करनी पड़ रही है। जबकि दूसरी ओर देश के सबसे बड़े उद्योगपति को हजारों करोड़ का विदेशी निवेश मिल गया ओर अन्य बड़े उद्योगपतियो को देश के सरकारी संसाधनो में भागीदारी मिलने का ओर अधिक सुनहरा मौका मिल गया तो कई राजनेताओ को राजनीतिक रोटिया सेखने का मौका मिल गया।

देश के गरीब तबके को थोड़ा सा राशन थोड़ी सी सहानुभूति मिली!

मिडलक्लास को श्री..... जी का लच्छेदार भाषण मिला !!

सभी तबके को इस त्रासद्दी से राहत प्रदान करने हेतु पहले से चल रही कुछ योजनाओं को शामिल करते हुए 20 लाख करोड़ का झुनझुना मिल गया जिसे मिडलक्लास रोज झुनझुनाकर आत्मनिर्भर बनकर अपना जीवन यापन करेगा।

पहले कार्यकाल में मेक इन इंडिया अभियान सफल नही हुआ इसलिए अब दूसरे कार्यकाल में मेक इन इंडिया का हिंदी अनुवाद स्वदेशी अभियान के तहत आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान। वेसे भारत सरकार की स्वयं की कई आत्मनिर्भर इकाइयां है जिन्हें अब श्री....... जी के कुछ चेहते आत्मनिर्भर उद्योगपति अपने मुताबिक फिर से आत्मनिर्भर बनाएंगे।

कोरोना से डरे नहीं मुकाबला करेसतर्क रहे साथ ही तार्किक बनकर सोचे और समझे।

कोरोना कहर के दौरान स्वास्थ्यकर्मीपुलिसकर्मीसफाईकर्मी एवं तमाम प्रशासन के अधिकारीकर्मचारीसेवाभावी लोग संघठन आदि आप अपने कर्त्यव ओर जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे है आप सभी का आभार और धन्यवाद।

स्वस्थ रहिये। मस्त रहिये।

उक्त व्यंग्यात्मक लेख मेरे निजी विचार है।

धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Tuesday, May 19, 2020

#05 The Udai

आज प्यार और स्नेह के अल्फाज प्रस्तुत है......
दिलीप कुमार उदय
19-05-2020

क्वारंटाइन सेंटर में पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स ने बच्ची का जन्मदिन मनाकर बच्चो के प्रति प्यार और स्नेह  के खास अंदाज से जीत लिया लोगो का दिल 

कोरोना  त्रासदी  की जंग में लॉकडाउन की  व्यवस्था की जिम्मेदारी को संभालने  की बात हो या जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने  की बात हो अपनी जिन्दगी दांव पर लगाकर पुलिसकर्मी अहम भूमिका निभा रहे  है।
इस  कोरोना त्रासदी से बचाव के लिए दिनरात हमारे लिए सुरक्षा कवच बनकर अपना कर्त्यव्य को बखूबी निभाने वाले तमाम  डॉक्टर्स , पुलिसकर्मी, नर्सिंगकर्मी, सफाईकर्मी, प्रशाशनिक अधिकारी, कर्मचारी एवं कोरोना वालेंटियर आप सभी के अथक प्रयास से हम इस कोरोना जंग को जितने में कामयाब हो जायेंगे ।


इन सबके बीच पुष्कर पुलिस थाना अधिकारी राजेश जी मीणा एवं चिकित्साधिकारी अभिजीत जी सोनी ने लोगों का दिल जीतने वाला काम किया है इन्होने बच्चो के प्रति प्यार और स्नेह के खास अंदाज की सोगात पेश की ।

पिछले दिनों राजश्री होटल के पीछे पाए गए कोरोना पोजेटिव युवक के सम्पर्क में आने के कारण 8 वर्षीय राधिका की जाँच की गई जाँच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद  क्वारंटीन सेन्टर  - जाट विश्राम स्थली पुष्कर में यह बच्ची अपने मातापिता के साथ रह रही हे इस बच्ची के जन्मदिन के बारे में थाना अधिकारी राजेश जी मीणा को पता चलने पर इस छोटी बच्ची के लिए प्यार , स्नेह एवं मानवता की मिसाल पेश करते हुए क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना वाली सोशल डिस्टेंसिंग (फिजिकल डिस्टेंसिंग) की पालना करते हुए  8 वर्षीय बच्ची राधिका का जन्मदिन  केक काटकर मनाया गया  बच्ची को चोकलेट दी गयी, बच्ची की दीर्घायु की कामना के साथ बर्थडे विश किया तो बच्ची और उसके पिता की  खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

बच्ची के पिता ने थाना अधिकारी राजेश जी  मीणा एवं चिकत्साधिकारी  अभिजीत जी सोनी  एवं साथी पुलिसकर्मी एवं स्टाफ का आभार व्यक्त किया और धन्यवाद प्रेषित किया।

स्वस्थ रहिये। मस्त रहिये। 
धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Saturday, May 9, 2020

UICT IT Gyan Kendra, Pushkar - 13th Anniversary 09-05-2020

UICT IT Gyan Kendra, Pushkar - 13th Anniversary 09-05-2020
ब्रह्मनगरी पुष्करराज की असीम कृपा से पुष्करवासियों और आसपास के गांववासियों के प्यार, स्नेह, विश्वास, और आशीर्वाद से UICT IT Gyan Kendra, Pushkar ने पूरे किये 13 वर्ष.........केंद्र पर लगभग 6000 स्टूडेंट्स ने जताया भरोसा और प्राप्त किया कंप्यूटर व आई टी ज्ञान, इनमें से कई स्टूडेंट्स पुष्कर व आसपास के गाँवों में और अन्य शहरो में कर रहे हे स्वयं का व्यवसाय, जॉब्स और ईमित्र का संचालन, समस्त UICT Students केंद्र के निदेशक दिलीप कुमार उदय आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।

पुष्कर के सभी जनप्रतिनिधि, गणमान्य लोग, समस्त पत्रकार एवं समस्त मित्रों आप सभी का भी UICT IT Gyan Kendra आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करता है।
वर्ष 2007 से हमारे ज्ञान केंद्र पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार के कई सरकारी संघटनों (RKCL , NIELIT, CSC, Emitra , NSDC, Skill India, Digital India, ) के साथ मिलकर आईटी और कंप्यूटर के क्षेत्र में Digital Literacy Course, Certificate & Diploma Course, Skill Course & Short Term Course (Offline & Online Course) आदि के साथ-साथ भारत सरकार और राज्य सरकार की डिजिटल सेवायें भी आमजन तक दी जा रही हें।
हमारे केंद्र में आधुनिक वातानुकूलित लेब जिसमें 35 कंप्यूटर सिस्टम सहित सभी सुविधायें उपलब्ध है। ई लर्निंग से घर बेठे ऑनलाइन कोर्स की भी सुविधा उपलब्ध है
निदेशक - दिलीप कुमार उदय
उप-निदेशक - मयंक उदय
केंद्र के मार्ग निर्देशन व सलाहकार :-
चाँदमल उदय - पूर्व पार्षद, पुष्कर, अन्नी देवी उदय - पूर्व अध्यक्ष, नगर पालिका पुष्कर, स्व. श्री केलाशचंद उदय, भागचंद उदय, हेमलता उदय, हेमन्त बाघ एवं उदय परिवार।
हमें मिलकर *COVID -19* (नोवल कोरोना वायरस रोग) से लड़ना है। फिलहाल घर पर रहे और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखे।
लॉकडाउन में अपने कीमती समय का उपयोग UICT IT Gyan Kendra के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन कंटेंट के साथ RS-CIT व अन्य IT कोर्स हेतु संपर्क करे।
Dilip Kumar Udai
UICT IT Gyan Kendra
Opp. Govt. Hospital, Pushkar - 305022 (Ajmer)
M: 9828782469
Ph. 0145 -2773717
E-mail : uictpushkar@gmail.com
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Wednesday, May 6, 2020

#04 The Udai
व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है......

कोरोना त्रासदी में मध्यमवर्गीय परिवार का जीर्णोद्धार होगा??

🔏  दिलीप कुमार उदय

इस कोरोना त्रासदी से होने वाले परिदृश्य की विवेचना विश्लेषण को व्यंग्यात्मक तरीके से थोड़ा सा समझने की कोशिश करते है :-

वर्ष 2020 इस साल मे कोरोना वायरस की त्रासदी ने पूरी दुनिया के लोगो को घरों में बंद कर दिया हैं। सामाजिक प्राणी को सामाजिक दूरी का पाठ पढ़ा दिया गया है। इस कोरोना त्रासदी ने ऐसा कोहराम मचाया है जिसने सारी मानव जाति को लपेटे में ले लिया है। सभी लोग इस संकट के दौर में संघर्षरत है। मजदूर से लेकर उद्योगपति तक और आम से खास तक तमाम लोगो को आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक,  धार्मिक आदि क्रियाकलाप करने के तौरतरीकों के नए विकल्प तलाशने पड़ेंगे!

अपना भारत विभिन्न संस्कृति, धर्म, नस्ल, भाषा का देश है और यही हमारी विविधता में एकता है। जो हमे भारतीय कहलाने का गौरव प्रदान करती है। प्रायः भारतीय समाज को निम्न तीन वर्गों में बांटा जाकर देखा जाता है।
1 उच्च वर्ग
2 मध्यम वर्ग
3 निम्न वर्ग
इस कोरोना त्रासदी ने इन तीनो वर्गों को ऐसी चोट (घाव,जख्म) दिया है जिस पर मरहम का फिलहाल कोई खास असर दिखाई नही पड़ रहा है। जबकि उच्च वर्ग के पास जो आर्थिक साम्राज्य है उसमें से वह अपने सामाजिक, राजनीतिक हितार्थ ओर पहुंच से वह अपने स्तर से मरहम बना लेगा और इस कोरोना त्रासदी वाले घाव का उपचार भी कर लेगा।

परन्तु मध्यमवर्गीय परिवार और निम्नवर्गीय परिवार पर यह कोरोना त्रासदी वाला जो घाव है, बहुत गहरा, दुखदाई है इस घाव पर दोनों वर्ग कितनी भी मरहम लगा ले यह धीरे धीरे समय लगाएगा सब कुछ ठीकठाक होने में क्योकि इनके पास उच्च वर्ग जैसा आर्थिक साम्राज्य नही है।

त्रासदी,आपदा या कोई भी दौर हो हम सरकारो पर भरोसा,विश्वास और उम्मीद लगाए इसी आशा में रहते है कि सरकार मध्यवर्गीय  परिवार के लोगो के लिए इस बार तो कुछ बेहतर करेगी परन्तु हर बार की तरह छलावा, बेबसी ओर निराशा ही नजर आती दिख रही है।

इस बेबसी, निराशा और छलावे के बावजूद मध्यमवर्गीय परिवार के पालनहार आशावादी छवि के कारण सेतु के रूप में तटस्थ, अडिग और निर्भीक खड़े है जिसकी नीव ओर स्तम्भ बहुत शक्तिशाली तो है लेकिन साथ ही समय समय पर मरम्मत और रखरखाव की भी परम आवश्यकता पड़ती रहती है। मध्यमवर्गीय सेतु पर जो मार्ग है यह आवक जावक का व्यस्तम मार्ग है इस मार्ग पर सरकारे ओर जनप्रीतिनिधि आदि लोग बड़ी रफ्तार से निकलते हैं। इनकी रफ्तार केवल चुनावी मौसम में जरूर थोड़ी धीमी होती है, तब यह लोग मार्ग पर रुकना पसंद करते है और विकास की गंगा बहा देने का आश्वासन देकर चलते बनते है। फिर से आएंगे और विकास की गंगा बहायेंगे तब तक 5 वर्ष पूर्ण हो जाते है।

ऐसा नही है कि सरकार कुछ नही कर रही है कर रही है बहुत कुछ कर रही है करोड़ो रूपये के राहत की घोषणा के साथ उसका कुछ प्रतिशत खर्च भी कर रही है जो निम्न वर्ग के कुछ तबके तक राहत भी प्रदान कर रहा है जो उनके लिए भी नाकाफी है।

कोरोना राहत पैकेज और सहायता के नाम पर सभी सरकारे ढिंढोरा पिट कर अपनी अपनी पीठ थपथपा रहे है, सोशल मीडिया के सहयोग से एवं पार्टी के नुमाइंदों और आईटी सेल से भविष्य की चुनावी चौसर वाली राजनीति को मजबूत करने में लगे हुए है। खेर यह सब तो होता रहेगा इनके बिना इनकी गाड़ी आगे सरकती भी नही है।

उक्त व्यंग्यात्मक लेख से सरकार से सिर्फ इतनी सी गुजारिश है कि मध्यम वर्गीय परिवार जिसे मिडलक्लास कहा जाता है उनका भी जीर्णोद्धार करने का श्रम करे ताकि इस मिडिल क्लास की हाइक्लास तक पहुँचने की लालसा बरकरार रह सके।

एक छोटी सी गुजारिश :-
सोशल डिस्टेंसिंग.....
भविष्य में यह अवधारणा बरक़रार न रहे और न ही मजबूत हो इसलिए मेरा यह निजी विचार हे की हमें सोशल डिस्टेंसिंग की जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए!

स्वस्थ रहिये। फिलहाल घर मे व्यस्त रहिये। मस्त रहिये।

उपरोक्त व्यंग्यात्मक लेख मेरे निजी विचार है।

धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Sunday, April 19, 2020

#कोरोना - सोशल डिस्टेंसिंग या फिजिकल डिडिस्टेंसिंग........

#03 The Udai
कुछ अल्फाज प्रस्तुत है......

दिलीप कुमार उदय
start using the phrase "physical distancing" instead of "social distancing

सोशल डिस्टेंसिंग या फिजिकल डिडिस्टेंसिंग........
दोनों में से अगर एक शब्द को चुनना हो तो क्या चुनोगे ??

तमाम आधुनिक सूचना तंत्र के  माध्यम से एवं मौखिक वार्तालाप, चर्चा आदि द्वारा मन की तेज गति से भी त्वरित पूरा भारत सोशल डिस्टेंसिंग रखने का संदेश दे रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग रखकर ही कोरोना जेसी संक्रमित बीमारी पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

इन दिनों 'सोशल डिस्टेंसिंग' शब्द काफी प्रचलित हो रहा है इसका प्रयोग प्रधानमंत्री से लेकर तमाम जनप्रतिनिधि अपने बयानों में और भाषणों में कर रहे हे, स्वास्थ्य मंत्रालय भी इसी शब्द का इस्तेमाल अपने दिशा निर्देशों में कर रहा है।

बेशक पूरे भारत के सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग की बात कर रहे है तो लोग सोशल डिस्टेंसिंग शब्द को ही चुनेंगे। क्योकि भारतीय व्यक्ति अपने आपको एक सामाजिक प्राणी कहना पसंद करता है समाज मे लोगो के साथ कुछ ज्यादा ही मेलजोल रखता है। सामाजिक रीतिरिवाजो और सामाजिक परम्पराओं का निर्वाह करता है जिसका प्रतिशत गांव कस्बे में कही अधिक है और शहरों में थोड़ा कम। जैसे ही कोरेना बीमारी ने भारत मे प्रवेश किया और लोगो को संक्रमित करना शुरू किया चारो ओर से ध्वनि गुंजित होने लगी कि सोशल डिस्टेंसिंग रखकर हम इस संक्रमित बीमारी की जंग को लड़कर हरा सकते है तब से सरकार, संस्थायें एवं जागरूक लोग सोशल डिस्टेंसिंग बरकार रखने का भरसक प्रयास कर रहे है।

देखा जाए तो हम सोशल डिस्टेंसिंग रखकर भी हम सोशल कनेक्टेड है क्योंकि हमारे पास एक बेहतर तकनीक इंटरनेट है। इंटरनेट से संचालित तमाम सोशल प्लेटफार्म से हम अपने घरों में रहकर भी सोशल कनेक्टेड है साथ ही पूरी दुनिया मे क्या हो रहा है उसकी हर पल की खबरों को लेकर हम सोशल रूप से चर्चा कर रहे है।

दया, करुणा, मित्रता और भाईचारा की बदोलत इस बीमारी से ग्रसित संकट की घडी में लोग एक- दूसरे की मदद, भूखे लोगो को भोजन आदि की व्यवस्था करके अपना *सामजिक कर्त्यव्य निभा रहे है, हकीकत ओर गहराई से देखा जाए तो यह सब कुछ सोशल डिस्टेंसिंग रखते नही फिजिकल डिस्टेंसिंग रखते हुए हम कर रहे है।

इधर World Health Organization : WHO (डब्ल्यूएचओ) ने भी लोगो का भ्रम दूर करते हुए कहा है कि नोवेल कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए सोशल नही फिजिकल डिस्टेंसिंग की बात कही है। शारिरिक दूरी शब्द का उपयोग करना चाहिए क्योकी सोशल कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बहुत सोच विचार के बाद सोशल डिस्टेंसिंग शब्द के प्रयोग की जगह  सावधानी बरते हुए फिजिकल डिस्टेंसिंग शब्द का इस्तेमाल कर रहा हे।

एक नजर इधर भी .....कोरोना वायरस की महामारी के कारण भारत में कोरेना लॉकडाउन से देश मे गरीब, श्रमिक, मजदूर वर्ग ऐसा है जिसे सिर्फ भूख, गरीबी, बेबसी और लाचारी समझ में आ रही है इस कारण उसे कोरेना जैसी बीमारी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग या फिजिकल डिडिस्टेंसिंग जैसे शब्द और सरकार द्वारा उनके लिए की की जा रही हरसम्भव व्यवस्था के बावजूद सरकार द्वारा किये गए लॉकडाउन से बेफिक्र पैदल ही पलायन करना चाहता है, किसी भी तरह अपने गांव शहर तक पहुँचना चाहता है।

आप सोचिये कि जिस देश में जाति, धर्म, लिंग, आर्थिक स्थिति आदि के आधार पर सामाजिक दूरी बनती रही है और बना ली जाती है, वहाँ पर उन सभी लोगों को सामाजिक रूप से जोड़ने का और एक साथ एक जगह रखने का विश्वास एवं अधिकार हमें हमारा भारतीय संविधान देता हे परन्तु  इस महामारी के कारण इसके बचाव का रामबाण इलाज बताया गया हे वह हे सोशल डिस्टेंसिंग.....
भविष्य में यह अवधारणा बरक़रार न रहे और न ही मजबूत हो इसलिए मेरा यह निजी विचार हे की हमें सोशल डिस्टेंसिंग की जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए!

खेर शब्दों के झोलमझाल में ना उलझे सोशल डिस्टेंसिंग या फिजिकल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन जिन्हें जो शब्द समझ आये उसकी पालना करे

देश की समस्त सरकारे, मेडिकल स्टाफ, प्रशासन, पुलिसकर्मी ,सफाई कर्मी, कोरोना वोलियंटरर्स एवं अन्य सभी लोग इस प्राणघातक कोरोना बीमारी के होते हुए भी लोगो की सेवा में जी जान से जुटे हुए है उनके जज्बे ओर साहस को तहे दिल से सलाम

इस बीमारी से निजात पाने में हम होंगे कामयाब बहुत जल्द....मन में है विश्वाश पूरा है विश्वास होगी चहलकदमी फिर से एक बार।

स्वस्थ रहिये। फिलहाल घर मे व्यस्त रहिये। मस्त रहिये।

धन्यवाद
Dilip Kumar Udai
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Friday, February 14, 2020

UICT IT Gyan Kendra, Pushkar द्वारा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पुष्कर एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पुष्कर में UICT के निदेशक दिलीप कुमार उदय ने छात्र-छत्राओं को कंप्यूटर, डिजिटल साक्षरता, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी,सायबर सिक्योरटी अवेर्नेस के साथ राजस्थान सरकार द्वारा संचालित RS-CIT कोर्स एवं UICT IT Gyan Kendra के द्वारा संचालित अन्य कॉर्स के बारे में भी अवगत कराया गया साथ ही छात्र-छात्राओं को स्मार्ट डिजिटल सिटीजन बनकर राजस्थान का गौरव बढ़ाए इसके लिए जागरूक और प्रोत्साहित करने हेतु विद्यालय परिसर में सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार की अनुमति देने हेतु राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पुष्कर एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पुष्कर के प्रिंसिपल महोदया का बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद।
(वर्ष 2007 से संचालित पुष्कर का एक मात्र अनुभवी, कंप्यूटर और सूचना तकनीकी शिक्षा का ज्ञान केन्द्र
(Modern Classroom and Lab) हमारे UICT IT Gyan Kendra पर लगभग 5000 से अधिक स्टूडेंट्स ने जताया है भरोसा।)
Dilip Kumar Udai
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Wednesday, January 15, 2020

The Udai #02 
15-1-2020
चलो आज फिर विकास की गंगा बहा देने का दावा करने वाले की थोड़ी सी पुरानी याद ताजा करते है।

अभी हाल ही में विकास की गंगा बहाने वाले महाशय एक युवा जनप्रतिनिधि है जो पिछले कार्यकाल में पुष्कर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे और वर्तमान में भी कर रहे है, सत्ताधारी राजस्थान सरकार में विपक्ष पार्टी से तालुख रखते है.....और हाल ही में पुष्कर नगर पालिका बोर्ड गठन में हुई उठा-पठक में बाजी मार कर पार्टी में अपनी सक्रियता का दमखम दिखाने वाले नेता जी है.... मुझे पूरी उम्मीद है कि आप पहचान गए होंगे में किसकी बात कर रहा हूं।

हमारे देश के प्रधानसेवक जी अपने मन की बात करते है - हम आज पुष्कर की जनता के मन की बात करते है जो कई दिनों से दबी हुई मुरझाई हुई पड़ी है उसे फिर से तरोताजा करते है।

जनता के मन की बात !!
साहेब ने अपने पूर्व कार्यकाल के लगभग अंतिम वर्ष के तत्कालीन समय में सूचना के विभिन्न आयामों के माध्यम से पार्टी स्तर से एवं मुखप्रचार के द्वारा विकास की गाथाए, जानकारियां ऒर सूचनाएं आमजन तक पहुँचाई गई थी की पुष्कर क्षेत्र की तमाम समस्याओं का निवारण कर दिया गया है, विभिन्न योजनाओं ओर विकास का हवाला देते हुए 2000 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य पुष्कर क्षेत्र में किए गए है यह जानकारी दी गई थी। 2000 करोड़ रु. से ज्यादा के विकास की गंगा बहा दी गई थी इसके लिए बाकायदा बड़े-बड़े आंकड़े,दावे भी प्रस्तुत किए गए थे, पत्रकारो से वार्ता और चर्चाए भी की  गई थी। उसी बात पर जनता के मन की बात !!
की इतनी बड़ी रकम हाल ही में पुष्कर क्षेत्र में खर्च की गई थी फिर भी पुष्कर की जनता कह रही है की पुष्कर सरोवर और पुष्कर की अन्य समस्याएं जस की तस है ???? 
उक्त जनता के मन की बात बेहद सोचनीय और विचारणीय है !

खेर जनता बहुत समझदार है।
राजनेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेखने में मशगूल है, जनता सोच रही है, इन्तेजार कर रही है की इस बार तो हमें रूखी, जली हुई, आधी कच्ची-पक्की विकास की रोटियो की जगह बटर लगी हुई विकास की रोटियां परोसी जाएगी।
धन्यवाद
स्वस्थ रहिये। व्यस्त रहिये। मस्त रहिये।


Dilip Kumar Udai
"The Udai"
Pushkar
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