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Monday, August 16, 2021

पुष्कर में कांग्रेस पार्टी का दंगल

 #The Udai -21

16 अगस्त 2021
*पुष्कर में कांग्रेस पार्टी का दंगल*
पर व्यंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है।
दिलीप कुमार उदय ✍️
*15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व के दिन सांय 4:00 बजे से ही कांग्रेस के अलग अलग कुनबे युवा काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवासन बी.वी. जी के पुष्कर आगमन पर उनके स्वागत सत्कार के लिए अलग अलग स्थान पर एकत्रित हो रखे थे। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दामोदर जी शर्मा एवं उनका कुनबा ब्रह्मा मंदिर के पास इन्तेजार कर रहा था तो पूर्व मंत्री नसीम जी अख्तर एवं इंसाफ अली के कुनबे ने प्रेम प्रकाश आश्रम में स्वागत सत्कार के आयोजन हेतु जाजम बिछा रखी थी। ब्रह्मा मंदिर के पास दामोदर जी शर्मा के कुनबे वाले पुष्कर कस्बे के सेकड़ो समर्थक एकत्रित होने की खबर जैसे ही इंसाफ कुनबे को लगी तुरन्त आनन फानन में प्रेमप्रकाश आश्रम पर एकत्रित पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से एवं बाहर से आये एवं कुछ स्थानीय समर्थक ब्रह्मा मंदिर पहुंच गये।*
*युवा काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवासन बी.वी. जी के ब्रह्मा मंदिर पहुँचने से 5 मिनिट पूर्व ही दोनों कुनबे में हो गया जोर आजमाइश वाला दंगल*! जिसमे धमाचौकड़ी मच गई कोई *बीच बचाव कर रहा था तो कोई आवेश में आकर शब्दों के वाण छोड़ रहा था तो कोई हाथों से कोई पैरो से पराक्रम दिखा रहा था यह दंगल मीडियाकर्मियों ने एवं अन्य लोगो ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद कर लिया है। पुष्करवासी एवं पुष्कर की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग बार बार वीडियो देखकर अपने अपने कयास लगा रहे है की कौन किस पर भारी पड़ा।*
युवा काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवासन बी.वी. जी को दामोदर जी शर्मा एवं उनके समर्थकों ने ब्रह्मा मंदिर स्वागत के समय एवं प्रेम प्रकाश आश्रम के बाहर.... *अवगत कराकर गंभीर आरोप लगाये कि पुष्कर में पूर्व मंत्री नसीम अख्तर एवं इनके शौहर इंसाफ अली ने कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने,कांग्रेस में गुटबाजी पैदा करने और पुष्कर नगर पालिका बोर्ड में कांग्रेस को हराने जैसे गंभीर आरोप लगाकर कहां की हमारे साथ नगर कांग्रेस अध्यक्ष, सेवादल, पुष्कर युवा कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेस पार्षद एवं पुष्कर के सेकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ता एवं संगठन हमारे साथ है फिर भी हमे तवज्जो न देकर अख्तर दंपति अपनी मनमर्जी करते है और कांग्रेस को कमजोर करने में लगे है। कांग्रेस पार्टी सम्बंधित पुष्कर नगर कांग्रेस संगठन को किसी भी प्रकार की जानकारी नही दी जाती है।*
*दूसरी और अख्तर दम्पति ने इन सबकी परवाह न करते हुए प्रेम प्रकाश आश्रम पुष्कर में पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से आये समर्थकों एवं टीम नसीम अख्तर पुष्कर के कुनबे के साथ युवा काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवासन बी.वी. जी, एवं रिजू झुनझुनवाला आदि का स्वागत सत्कार किया एवं वार्तालाप करके खुद के कुनबे को सर्वश्रेष्ठ बताकर यह जता दिया कि पुष्कर की राजनीति में मेरा दमखम बरकार रहेगा।*
इस दंगल में कोंन किसपे किस तरह हावी रहा यह आप सभी वीडियो क्लिप के माध्यम से तय कर सकते है। वैसे दोनों कुनबे अपने आप को गोल्ड मैडल से नवाज कर अगले दंगल की तैयारी में जुट गए है।
इस दंगल की आग कबसे ही एक दूसरे के खिलाफ सुलग रही थी शायद इन्तेजार था किसी *राष्ट्रीय बड़े नेता के पुष्कर आगमन का सुलगती आग में चिंगारी भड़की और शोले में तब्दील हो गई।*
*वैसे उक्त घटना का मूल कारण अलग अलग गुट के स्वागत के दौरान नसीम कुनबा जबरन दामोदर शर्मा के कुनबे की तरफ आकर पहले स्वागत करने का प्रयास करना चाहते थे इस कारण से दंगल मच गया।*
*पुष्कर की राजनिति में शतरंज की बिसात बिछाकर शह मात के खेल में दोनों गुटों के दिग्गज एवं अन्य कई बड़े नेता बहुत माहिर और शातिर है।*
*खेर राजनीतिक उठापठक का गणित और शतरंज की बिसात के अपने अपने मायने है वैसे नुकसान सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ताओं का ही है। विपक्ष मुस्कुराते हुए इठलाते हुए आनंद ले रहा है।*
वैसे सोशल मीडिया में उक्त घटना से जुड़े वीडियो क्लिप न्यूज़ आदि से उक्त घटना कि खबर प्रदेश भर में फेल गई है। *15 अगस्त के अवकाश के कारण प्रिंट मीडिया में खबर 17 अगस्त को प्रकाशित होगी, प्रिंट मीडिया उक्त घटना को किस करवट बिठाता है?? यह भी मजेदार होगा क्योकि मामला प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं पायलट समर्थक बनाम प्रदेश मुख्यमंत्री समर्थक से भी जुड़ा है।*
लेख में विचार मेरे व्यक्तिगत है।
धन्यवाद🙏🙏
✍️
Dilip Kumar Udai
*B.J., B.A., M.A.*
Independent Journalist,
IT Professional &
Entrepreneur

Sunday, August 1, 2021

प्रशासन की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती

 #The Udai -20

01 अगस्त 2021

*दिलीप कुमार उदय*✍️

*प्रशासन की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की सुस्ती*

पर वंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है!

*पुष्कर - अंधेर नगरी चोपट राजा*

*मानसून की पहली अच्छी बारिश  से पुष्कर सरोवर में पानी की आवक से खुशनुमा हुवा माहौल पर साथ ही पुष्कर के विकास की खोखली बाते हुई बेनकाब*

*पुष्कर की बेतरीब भूमिगत विधुत लाइन से आये दिन मूकप्राणियो के करंट लगने से मौत हो जाने की खबरे....जगह जगह टूटी फूटी सडके और गंदगी के अम्बार......रही सही कसर मानसून की पहली बारिश ने विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटक नगरी पुष्कर के करोड़ो रूपये के विकास कार्य की पोल खोलकर रख दी है। बारिश के कारण निचली बस्तियों में हर वर्ष की भांति पानी भरने कि समस्या जस की तस और बारिश के पानी के साथ  सीवरलाइन का दूषित पानी भी सरोवर में जाता है... सरकार और जनप्रतिनिधियों  के दावो में लाखो करोड़ो खर्च होने के बाद भी कोई ठोस समाधान नही।* 

*बेतरीब विधुत लाइन से ऐसा प्रतीत होता है कि जब कोई बड़ा हादसा होगा तब जाके  जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी निद्रासन से बाहर निकलेंगे !!*

*पुष्कर के कई लोगो की जमात अपने आपको जागरूक बहुत अक्लबन्द, होशियार, आधुनिक, ऊपर तक शीर्ष नेताओं तक पहुंच और प्रशासनिक अधिकारियों से सीधा संवाद करने के दावे करने वाली पुष्कर की तमाम जमात केवल खोखली बाते करके इतिश्री करने में माहिर है।*

*यहाँ के जनप्रतिनिधि सत्ता पक्ष या विपक्ष दोनों ही राजनीतिक नफे नुकसान के मुताबिक रुख तय करते हुए हो हल्ला मचाकर जनता को दिखाने के लिए थोड़ा सा विरोध करके इतिश्री कर लेते है पंरतु समस्या जस की तस कोई समाधान नही होता है। जनता समस्याओं को लेकर केवल ढोल पिटती रहेगी।*

पुष्करवासियो का गुस्सा कभी फूटता ही नही है यहाँ के लोग नेताओ और प्रशासनिक अधिकारियों के संग फ़ोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर प्रेषित करने में व्यस्त रहते है। सरकारी अधिकारी, कर्मचारीयो के आने और जाने पर उनके स्वागत -सत्कार- सम्मान के लिए पलक पावड़े बिछाए रहते है। कोंन नया आया कौन गया उसके साथ तालमेल मेलजोल बढ़ाने का सबसे बढ़िया आसान तरीका  स्वागत सम्मान आदि में सबसे आगे होते है। पुष्कर की मूल समस्याओं से कोई सरोकार नही ऐसे ही है पुष्करवासी!!

जय हो पुष्करराज महाराज और पुष्करवासियो की!!

*वार्ड पार्षद की नाक के नीचे गलत  बेतरीब तरीक़े से विधुत लाइन डाल दी जाती है पार्षद मूकदर्शक बनकर खुलकर विरोध करने की हिमाकत भी नही कर सकता। भूमिगत विधुत लाइन सम्बंधित तय नियम की नियमावली क्या है किसी जनप्रतिनिधि पार्षद को शायद पता ही नही होगी। बेतरीब अव्यस्थित धीमी गति से डाली जा रही विधुत लाइन, गंदगी का अंबार और टूटी फूटी सडके साफ नजर आ रही है फिर भी आंख वाले अंधे बने हुए जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को लानत भेजिए इसके अलावा और किया भी क्या जा सकता है।* 

धन्यवाद।🙏

✍️

Dilip Kumar Udai 

*B.J., B.A., M.A.*

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Wednesday, June 30, 2021

पुष्कर के नवीन हॉस्पिटल प्रकरण पर वंग्यात्मक अल्फाज


#TheUdai-19
30 Jun 2021

पुष्कर के नवीन हॉस्पिटल प्रकरण पर वंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है

#TheUdai-19

30 Jun 2021

पुष्कर के नवीन हॉस्पिटल प्रकरण पर वंग्यात्मक अल्फाज प्रस्तुत है

✍️ दिलीप कुमार उदय

राज्य सरकार द्वारा धार्मिक एवं पर्यटक नगरी पुष्कर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की सुविधार्थ नवीन हॉस्पिटल की सौगात प्रदान की गई है। उसके लिये सरकार का धन्यवाद।🙏🙏

पिछले 1-2 माह से नवीन हॉस्पिटल निर्माण को लेकर भूमि आवंटन के समर्थन और विरोध में ज्ञापनों की बौछार और सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक रोज कुछ न कुछ गर्मजोशी से भूमि विरोध को लेकर ज्यादा खबरे प्रेषित हो रही है इन खबरों को मीडिया बखूबी कवरेज भी कर रहा है।

सारे विरोध, किंतु -परन्तु, आदि को दरकिनार करते हुए खरेखडी मार्ग पुष्कर पर नवीन हॉस्पिटल निर्माण हेतु आवश्यक प्रशासनिक एवं सरकारी आदेशानुसार कार्यवाही को अंजाम दे दिया गया है। जल्द ही निर्माण प्रक्रिया शुरू होने की कगार पर है।

उक्त नवीन हॉस्पिटल भूमि आवंटन को लेकर उपजे विवाद पर रुख/नजरिये को टटोलने का थोड़ा सा प्रयास करते है.........

🧐🧐

1. जनता का रुख:- 

पुष्कर की अधिकांश जनता असमंजस (कंफ्यूज) में रहती है। खुलकर विरोध या समर्थन की बात परोक्ष रूप से नही करती है। 

पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियो/टीम लीडर द्वारा जनता को जैसे कोई हिलोरे खिलाये वैसे खा लेते है, झूम लेते है। पुष्कर की जनता इसी तर्ज से चिंतित होती है।

असल मे पुष्कर सरोवर को लेकर पुष्करवासी और जनप्रतिनिधि कितने चिंतित व्यथित है स्वयं अपनी अंतरात्मा से पूछ सकते है।

जनता को पिछले 1-2 माह से विभिन्न सूचना तंत्रों (अख़बार, सोशल मीडिया आदि) द्वारा यह अहसास दिला दिया गया है कि यह मुद्दा पुष्कर सरोवर, राजनीतिक प्रतिष्ठा, गुटबाजी, भू -कारोबारी व्यवसायिक नजरिये वाला है, शायद इसलिए यह मामला इतना तूल पकड़ता गया है। वैसे किसी भी मुद्दे को किस करवट मोड़ना है यह मीडिया एवं राजनीतिज्ञ बखूबी जानते है। 

2. जनप्रतिनिधियो का रुख:-

पुष्कर नगरी के विकास हेतु बहुत अधिक चिंतित रहते है। इनकी तो बात ही निराली है यह चाहे तो पुष्कर की हवा का रुख बदल दे!! 🤨🤨

कहने को तो जनप्रतिनिधि होते है असल मे पार्टीप्रतिनिधि होते है।😉😉 

खेर इनकी अपनी मजबूरी इनके हाथ राजनीतिक पार्टियों ने बांध रखे है। 

( राजा बोला रात है

रानी बोली रात है

मंत्री बोला रात है

संतरी बोला रात है

सब बोले रात है


यह सुबह सुबह की बात है...)🤔🤔

इसी तर्ज पर राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं की अनुपालना में कटिबद्ध रहते है। 

आप गलत न समझे देखिए शीर्ष नेता है तो सही निर्णय ही लिया होगा ना उसी तर्ज पर कटिबद्ध रहते है। 😊😊

प्रायः जनप्रतिनिधि टीम के जो सदस्य होते है वे वर्तमान और भविष्य में होने वाली राजनीतिक नियुक्ति एवं भागीदारी के लिए अपने शीर्षस्थ नेताओं के एक इशारे या आश्वासन पर यह अपना रुख तय करके चिंतित होते है।

यदि स्थानीय निकाय और राज्य में विपरीत पार्टियां नेतृत्व में होती है तब स्थानीय सत्तारूढ़ पार्टी अपनी दाल अच्छे से नही गला पाती है........तो इसके आगे की बात आप समझ सकते है!

🙂🙂 यह नेतृत्व उसी हिसाब से चिंतित रहता है।

3. प्रशासन का  रुख 

इनका तो मिजाज बड़ा ही निराला है साहब यह सरकार के आदेश की पालना में पलक पाँवड़े बिछाए रहते हैं। इधर आदेश उधर कार्यवाही खेर यह एक अलग विषय है कि आदेश की पालना में कार्यवाही तुरंत प्रभाव से करनी है या फिर...........आप समझ गए होंगे। 

वैसे इनका रुख जबरदस्त होता है ....बनी बनाई हवा का रुख मोड़ने का दमखम रखते है। क्योकि इनके पास नियमावली का बस्ता भरा हुआ है। बस्ते का प्रयोग कब कैसे किस तरह करना है यह बखूबी जानते है। 📖🔍🖋️  यह जनता के हित हेतु पुष्कर नगरी को लेकर सदैव चिंतित रहते है!!


4.व्यवसायी नजरिये वाले लोगो का रुख

इनका प्रथम उद्देश्य प्रोफिट (लाभ) अर्जित करना है इनको जहां लाभ नजर आएगा उसी अनुरूप समर्थन या विरोध का तालमेल बिठाकर दोनों हाथों में लड्डू लेने की फिराक में रहते हैं।उसी तर्ज पर यह पुष्कर नगरी के लिए चिंतित रहते है।

5. सामाजिक संगठनो का रुख :- सामाजिक संगठन

 समाज के लिए बेहतर कार्य करते है परंतु अक्सर इनके पीछे अदृश्य रूप से एवं प्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक और आर्थिक ताकतो का समर्थन मौजूद रहता है। यह इनके मुताबिक संगठन

हितार्थ अपना रुख मोड़ लेते है या थाम लेते है। उसी तर्ज से यह भी पुष्कर नगरी के लिए बहुत चिंतित है।

 6. सामाजिक कार्यकर्ताओं का रुख:-समाज सेवा और सहायता में इनका योगदान भी अहम होता है परंतु सामाजिक कार्यकर्ता स्वयं को वर्तमान एवं भावी राजनीति में अहम हिस्सेदारी की मंशा सदैव रखता है इसमें कोई शक या अतिशयोक्ति नही है। सामाजिक कार्यकर्ता बनने की पीछे मूल भावना सामाजिक सेवा के साथ साथ राजनीतिक पद या प्रतिष्ठित पद प्राप्त करना इनके उद्देश्य में निहित होता है तो यह अपना रुख समर्थित जनता की भावनाओ और मौजूदा परिस्थितियों को भाप कर अपना रुख तय कर लेते है।

यह सर्वाधिक रूप से पुष्कर नगरी हेतु चिंतित रहते है।

उपरोक्त बताये गए रुख अनुरूप आप समझ सकते है कौन किस रुख मुताबिक...... पुष्कर नगरी हेतु चिंतित है।

वैसे लोकतंत्र व्यवस्था में किसी विषय पर असहमति/विरोध या समर्थन करने का उचित अधिकार संविधान ने सभी लोगो को प्रदान किया है। इस पूरे घटनाक्रम में पुष्कर के आसपास के सभी गांव एवं पुष्कर कस्बे के सभी जनप्रतिनिधियों से लेकर अनेक 

संगठन एवं कार्यकर्ताओ ने हिस्सा लेकर ज्ञापन,आपत्तियां, विरोध एवं समर्थन आदि के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई परन्तु इन सबमे सर्वाधिक चर्चा सामाजिक कार्यकर्ता अरुण जी पाराशर एवं रवि बाबा पार्षद के विरोध की रही है। मीडिया ने भी इनको भरपूर तरिके से कवरेज प्रदान किया है।

सामाजिक कार्यकर्ता अरुण जी पाराशर ने भूमि आवंटन विरोध के लिए प्रयुक्त हो सकने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज, RTI दस्तावेज, पत्र, नक्शे, न्यायालय फैसले आदि एवं अपने तर्को को सोशल मीडिया पर लगातार प्रस्तुत कर रहे है इसलिए लोगो मे इस मुद्दे को लेकर बहुत चर्चित हो रहे है।

दूसरी और समर्थन करने वालो का कुनबा बहुत बड़ा है कुछ जनप्रतिनिधियों को छोड़कर कांग्रेस और भाजपा के सभी जनप्रतिनिधि खरेखडी रोड पर बनने वाले हॉस्पिटल पर सहमति प्रदान कर चुके है।

इस तमाम प्रकरण एवं अन्य  माध्यम से एवं सुनने में आया है की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र जी राठौड़ का पुष्कर की राजनीति में नया प्रवेश हो गया है। नवीन हॉस्पिटल भूमि आवंटन से लेकर निर्माण तक कि कार्यवाही में इनका अहम योगदान बताया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी में दमखम एवं मुख्यमंत्री तक अपना संवाद तुरंत प्रभाव से पहुचाँने का दम रखते है।

उक्त लेख में प्रयुक्त विचार/अल्फाज मेरे निजी है।


धन्यवाद🙏🙏

✍️

Dilip Kumar Udai
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Thursday, June 3, 2021

पुष्कर में अव्यवस्थित भूमिगत विधुत केबल और उधड़ी सड़के।

#Theudai18
03-06-2021
ओब्लाइज
😷😷😷👇

पुष्कर में अव्यवस्थित भूमिगत विधुत केबल और उधड़ी सड़के।
दिलीप कुमार उदय
✍️
पुष्कर में व्याप्त अव्यवस्था पर व्यंग्यात्मक अल्फाज पेश है:-
पुष्कर में अव्यवस्थित बेतरीब, अकुशल तरीके से सड़को पर एवं संकरी गलियों मे भूमिगत विधुत केबल को जगह -जगह पर ऐसे ही खुला छोड़ रखा है। केबल के गुच्छे नालियों में पडे हुए है। आधे अधूरे अव्यवस्थित तरीके से केबल को घरों पर लगे मीटर तक छोड़ दिया गया है। अव्यवस्थित भूमिगत केबल हादसे के लिए खुला निमंत्रण दे रही है फिर भी.........
पुष्कर के जनप्रतिनिधि - सत्ता पक्ष एवं विपक्ष और जिम्मेदार प्रशासन सबने चुप्पी साध रखी है। 😷😷
सच को सच कहने में सार्वजनिक रूप से लोग भी हिचकिचा रहे है जनता के हित से बढ़कर राजनीतिक पार्टी और व्यवसायिक नजरिये वाली विचारधारा को महत्ता दी जा रही है।
पुष्कर के हर क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने का दावा करने वाले पक्ष और विपक्ष के शीर्ष नेता अपना स्वयं का प्रचार प्रसार करवाके ढोल पीटने में लगे हुए है। विकास के नाम पर ज्ञापनो और पत्रों की बौछार करके सोशल मीडिया में सुर्खिया बटोरकर अपना कद बढ़ाने में लगे हुए है। असल मुद्दे असल परेशानी क्या है उसका कोई सरोकार नही है।
अभी हाल ही में पुष्कर में बनने वाले हॉस्पिटल के लिए चिन्हित भूमि को लेकर बड़ा जोर शोर से तकरार करके प्रिंट मीडिया से लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध की गूंज को सरकार के कान तक पहुचाँने का कार्य किया गया था उसका परिणाम क्या होगा वो एक अलग बात है एक अलग विषय है!! पर विरोध तो किया गया .........
क्या ऐसा ही विरोध ... अव्यवस्थित भूमिगत विधुत केबल को दूरस्त एवं सुरक्षित करने के लिए नही किया जा सकता???
जागरूक तबके को यह सोचना होगा कि केवल नाराजगी एवं खेद प्रकट करके इतिश्री करने से कुछ नही होगा, एक्शन लीजिये।
पिछले दिनों अव्यवस्थित भूमिगत केबल की चपेट में आने से दो गायों की मौत हो गई थी। उक्त अव्यवस्था के संदर्भ में गो सेवकों ने एसडीएम साहब को ज्ञापन भी दिया था। यह लोग धन्यवाद के पात्र है। प्रशासन को जगाया तो सही आखिर, जिसकी जानकारी समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में प्रकाशित भी हुई थी।
पुष्कर के हर गली मोहल्ले की तंग सड़के सब उधड़ी पड़ी है, नई तो बनने से रही मरम्मत को ही तरस रही है। यह सड़के भूमिगत विधुत केबल के लिए खोद दी गई विधुत केबल डालने एवं घरों पर लगे मीटर तक केबल लगाने के सरकारी टेंडर में तय नियम कायदे कानून को साइड में रखकर मनमर्जी से अव्यवस्थित, अकुशल तरीके से धीमी गति से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
उक्त समस्या को लेकर जिम्मेदार लोगों का चुपचाप मोन रहना क्या संकेत देता है??
संकेत :- शायद ओब्लाइज कुनबा आपस मे एक दूसरे को ओब्लाइज कर रहा है, इसके आगे की गणित एवं कहानी जनता स्वयं समझ जाएं।
कुछ फोटो भी सलंग्न पेश कर रहा हूँ , फ़ोटो में जो दृश्य है ऐसा ही दृश्य पुष्कर के अन्य जगहों पर भी देखने को मिल जाएगा।
धन्यवाद।🙏
लेख में प्रयुक्त विचार मेरे निजी है।
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Dilip Kumar Udai
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Wednesday, June 2, 2021

ऑब्लाइज

TheUdai -17
02-06-2021
*ओब्लाइज*

*दिलीप कुमार उदय*
✍️
चलो आज *ओब्लाइज* पर कुछ व्यंग्यात्मक अल्फाज पेश करते है:-

ओब्लाइज (Oblige) जिसका हिंदी में भावार्थ है :- *उपकृत (एहसानमंद, कृतज्ञ), आभारी, अनुगृहित आदि* हिंदी वाला रहने देते है, इंग्लिश वाला ही प्रयुक्त कर लेते है यह कुछ ज्यादा प्रचलन में है - *ओब्लाइज*

गांव, कस्बे, शहर, प्रदेश क्या पूरे देश में यह शब्द बहुत ही प्रचलित है यह एक ऐसा शब्द है जिसके द्वारा बरसो से रुके काम हो या अन्य कोई जटिल या सामान्य कार्य हो, किसी योजना, सेवा आदि का तुरंत लाभ प्राप्त करना हो या लागू करना हो आदि आदि.......इन सबके लिए *ओब्लाइज एक ऐसा शब्द है जिसमे इतनी ताकत है की सारे अटके एवं मनमर्जी वाले कार्य तुरंत प्रभाव से हो जाते है।* बशर्ते ऑब्लाइज होने और करने वाली पोजिशन की केटेगरी में आप आते हो तो यह ताकत बखूबी काम करती है।

जब हम चारो और नजरे दौड़ाते है देखते है तो ऐसा *प्रतीत होता है कि प्रभावशाली ऑब्लाइज कुनबा बड़े प्यार और ठाट से आपस मे एक दूसरे को अपने -अपने क्षेत्र अनुरूप ओब्लाइज करते है।* देर सवेर इन सभी को आपस मे बहुत काम पड़ता रहता है ....एक दूसरे से!! क्योकि  *पता नही किसने किसकी किस तरह नब्ज दबा रखी है* नब्ज छोड़ते ही ऑक्सिजन का प्रवाह कम हो जाता है ऒर ऑक्सीजन की कमी से क्या हो जाता है, सब जानते हो कितना भयंकर है।

*कहने का तात्पर्य यह है कि सरकार के माध्यम से आमजन (जनता) तक पहुँचने वाली सेवायें/ योजनाए आदि के तय नियम जिससे सरकार एवं जनता के मध्य विश्वाश ओर समर्थन की कड़ी जुड़ी होती है उस कड़ी को तोड़ने -मरोड़ने ओर मसलने का कृत्य ऑब्लाइज कुनबा अपने मुताबिक नियमो  की अवहेलना करके, जनता को अंगूठा दिखा कर, जनता को यह अहसास दिलाते है कि हमे ओब्लाइज करना पड़ता है! क्या करे ??*

अब आप सोच रहे होंगे कि ऑब्लाइज कुनबा क्या बला है तो आप थोडा सा दिमाग पर जोर लगाए आपको पता चल जाएगा कि यह ऑब्लाइज कुनबा कोंन है......????

*यदि आप खास प्रभावशाली ऑब्लाइज कुनबे की श्रेणी में आप आते हो तो ऑब्लाइज कुनबा आमजन (जनता) को साइड में करके आपको पहले प्राथमिकता देगा!!* यह वर्तमान सिस्टम की एक  हकीकत है!!

इस ओब्लाइज के चक्रव्यूह में *आमजन -असहाय, मजबूर, विवश, निराश, हताश* - (जितने भी ऐसे शब्द है उन सभी को स्मरण करते हुए निरन्तर पढ़ सकते है) होकर सबकुछ सहकर आगामी चुनाव की तारीख को टटोलने में लग जाता है कहता फिरता है चुनाव आने दो *मजा चखा दूंगा अब आमजन मजा केवल चुनाव में ही चखा सकता है बाकी समय उसकी इतनी औकात कहाँ है!*

कई बार तो असली हकदार को मिलने वाला लाभ/ सेवा/योजना का हक कोई और पहले प्राप्त करके चला जाता है, इस प्रका से *हक मारना मानवीय मूल्यों के विपरीत है।*

*कलम की ताकत से सच का दृश्य दिखाने पर तिलमिलाहट तो मचेगी, गुस्सा भी आएगा। तिलमिलाहट और गुस्से का जवाब कलम से प्रस्तुत होता रहेगा :-*

उक्त व्यंग्य में कही गई बात मौजूदा सिस्टम का हिस्सा बन चुकी है! व्यंग्य के माध्यम से पुनः रिफ्रेश किया गया है। व्यंग्य को कोई भी व्यक्तिगत रूप से न ले, यदि कोई लेना चाहे तो फिर उसकी इच्छा।😊😊 

धन्यवाद।🙏
लेख में प्रयुक्त विचार मेरे निजी है।

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Friday, May 28, 2021

पुष्कर में नए चिकित्सालय को आवंटित भूमि पर तकरार......बरकरार

 #The Udai -16

28-05-21

पुष्कर में नए चिकित्सालय को आवंटित भूमि पर तकरार......बरकरार

दिलीप कुमार उदय✍️

राजस्थान सरकार ने पुष्करवासियो की मांग एवं जरूरत को देखते हुए नए हॉस्पिटल बनाने की संकल्पना को साकार करने हेतु स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंजूरी प्रदान करते हुए पुष्कर नगर पालिका के स्वामित्व की भूमि पर हॉस्पिटल बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। उक्त हॉस्पिटल की भूमि हेतु विवाद उत्पन्न हो गया है। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पूर्व में चिन्हित भूमि जो पुष्कर तहसील कार्यलय के पास, पुष्कर शहर के मध्य एवं आमजन की सुविधार्थ है इसलिए पूर्व चिन्हित भूमि को उपयोगी एवं सही बताया जा रहा है! जबकि  नगर पालिका पुष्कर द्वारा वर्तमान में खरेखड़ी रोड पर चिन्हित भूमि पर हॉस्पिटल बनाने  की नगर पालिका पुष्कर के कार्यक्षेत्र वाली प्रशासनिक कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है, कांग्रेसजनो द्वारा इस भूमि को अनुपयोगी ओर पुष्कर के जनमानस के खिलाफ बताया जा रहा है।

अंतिम निर्णय क्या होगा यह तो शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी और राज्य सरकार ही जाने।

इसी संदर्भ में पूर्व पार्षद, वरिष्ठ कांग्रेस नेता चांदमल जी उदय एवं अध्यक्ष रेगरान पंचायत समिति पुष्कर ने भी अपने तर्क और विचार व्यक्त किये है.......जो ब्लॉग के माध्यम से प्रस्तुत है :-......

पुष्कर में जो नया हॉस्पिटल बनने जा रहा है उसके लिए आवंटित भूमि ऐसी जगह पर हो जहाँ आधुनिक हॉस्पिटल के साथ साथ भविष्य में  मेडिकल कॉलेज/ नर्सिंग कॉलेज, मेडिकल होस्टल, ऑक्सीजन प्लांट, मेडिकल से जुडे तमाम संसाधन एवं आधुनिक सुख सुविधाओ का बहुत सुगम ओर आसान तरीके से भविष्य में विस्तार सही ढंग से एक ही जगह पर हो सके उसके लिए चिन्हित भूमि का क्षेत्रफल का दायरा बढ़ाना पड़े तो उसे भी बढ़ाये साथ ही चिन्हित भूमि आमजन हेतु सुविधाजनक, एवं अन्य सभी आवश्यक पहलुओं का ध्यान रखते हुए उपयोगी सिद्ध हो ऐसे स्थान पर हॉस्पिटल बनना चाहिये।

हॉस्पिटल बनने जा रहा है कोई अस्थाई समारोह स्थल नही की वर्तमान सुविधाओ को मध्यनजर रखते हुए  फैसला किया जाए , दुर्गामी भविष्य का चिंतन मनन करके फैसला लेना होगा जो जनता एवं सरकार के लिए हितकारी हो।

क्योकि पूर्व में भी आवंटित नया बस स्टैंड काफी ऊंचाई पर बना हुआ है जो पुष्करवासी एवं तीर्थयात्री, पर्यटको के लिए अनुपयोगी सिद्ध हो रहा है यह एक हकीकत है।

उसी प्रकार नया हॉस्पिटल ऐसी जगह बने जहाँ पहुँचने में सुविधाजनक आवगमन, परिवहन हेतु उचित संसाधनों को प्रयुक्त किया जा सके। चिन्हित भूमि के दोनों पहलुओं पर विचार करे सकारात्मक और नकारात्मक केवल एक पहलू से वर्तमान परिस्थितियों को देखकर विरोध या समर्थन नही करना चाहिए।

यदि पूर्व चिन्हित तहसील के पास वाली भूमि सभी दृष्टिकोण से उचित एवं उपयोगी है तो इस पर भी दोनो पहलुओं से चर्चा होनी चाहिए....!!

पुष्कर के भविष्य में होने वाले विस्तार की तर्ज पर देखकर भूमि को चिन्हित किया जाए।

यदि नगर पालिका स्वामित्व वाली भूमि में से उचित भूमि नही मिल पा रही है तो राज्य सरकार पुष्कर में भटवाय गणेश मंदिर से आगे जयपुर रोड पर जो वन विभाग की भूमि है उसे अधिग्रहण (Acquire) कर हॉस्पिटल हेतु चिन्हित की जा सकती है। जो सबसे उपयुक्त रहेगी। उक्त चिन्हित भूमि पर परिवहन कि सारी सुविधाएं सुगमता से मिल सकती है, भविष्य में विस्तार भी आसानी से हो सकता है।

समाचार पत्रों ओर सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ कि पुरानी आरटीडीसी वाली भूमि को भी उचित बताया जा रहा है हॉस्पिटल हेतु। यह शहर और गांवों के नजदीक मध्य में होने से उक्त भूमि को उचित कहा जा सकता है परंतु उक्त भूमि का दूसरा पहलू यह है कि रेलवे लाइन ने भूमि को दो भागों में बांट दिया है रेलवे के भविष्य विस्तार और वर्तमान रेलवे लाइन के कारण यह भूमि मेरे मुताबिक तो बिल्कुल भी उचित नही हो सकती है।

अंत मे यही कहूंगा कि हॉस्पिटल की भूमि के सारे पहलुओं के साथ साथ भविष्य को मध्यनजर रखते हुए जनमानस की भावना सुविधा का ख्याल रखते हुए उचित स्थान पर आधुनिक मजबूत सुंदर हॉस्पिटल का जल्द से जल्द निर्माण प्रकिया शुरू की जाए।



राज्य सरकार का बहुत बहुत आभार धन्यवाद की पुष्कर को नए हॉस्पिटल की सौगात मिलने वाली है।

चांदमल उदय पूर्व पार्षद पुष्कर
धन्यवाद।🙏


Dilip Kumar Udai
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Thursday, May 20, 2021

पूर्व मुख्यमंत्री पहाड़िया के निधन से राजस्थान में शोक की लहर

 #The Udai -15

20-05-2021



*पूर्व मुख्यमंत्री पहाड़िया के निधन से राजस्थान में शोक की लहर*


राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री, दिग्गज कांग्रेस नेता, पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया का दिनांक 19 मई 2021 (बुधवार) को कोरोना से निधन हो गया। 


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, दिग्गज कांग्रेस नेताओ सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने पहाड़िया के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

पहाड़िया के निधन से राजनीतिक जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है।


पुष्कर में भी पहाड़िया के निधन पर पूर्व नगर पालिका पुष्कर चेयरमैन अन्नी देवी उदय एवं पूर्व पार्षद एवं अध्यक्ष रेगरान पंचायत समिति पुष्कर चांदमल उदय ने एवं दलित- वंचित समुदाय ने, दलित एवं कॉंग्रेस नेताओ ने जताया दुःख एवं गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

दिवगंत पहाड़िया के सम्मान में प्रदेश में एक दिन का राजकीय शोक है।

पहाड़िया राजस्थान के एक मात्र दलित मुख्यमंत्री रहे है। उनसे पहले ओर उनके बाद कोई भी दलित नेता राजस्थान में मुख्यमंत्री नही बना है।

राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री जिन्होंने प्रदेश में संपूर्ण शराबबंदी लागू की थी।

पहाड़िया जी ने मुख्यमंत्री के रूप में राज्यपाल के रूप में केंद्रीय मंत्री के रूप में सांसद के रूप में विधायक के रुप में देश की सेवा में इनका अहम योगदान रहा है। 

1957, 1967, 1971, 1980 में चार बार सांसद रहे वही 1980, 1985, 1990, और 2003 में  विधायक भी चुने गए थे। पहाड़िया को महज 25 साल 3 माह की उम्र में ही सांसद बनने का अवसर मिल गया था।

पहाड़िया इंद्रा गांधी केबिनेट में मंत्री भी रहे थे, उनके पास वित्त,उद्योग, श्रम, कृषि जैसे विभाग थे। 1989 से 1990 तक बिहार और 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रह चुके थे।

ईश्वर से प्रार्थना है दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

🙏🙏🙏🙏

✍️

Dilip Kumar Udai 

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Monday, May 17, 2021

एसडीम कार्यालय पुष्कर 18 to 45 वर्ष वालो के लगी वेक्सीन

#The Udai -14

17-05-2021

✍️ दिलीप कुमार उदय 

एसडीम कार्यालय पुष्कर 18 - 45 वर्ष वालो के लगी वेक्सीन

16 मई 2021 को सोशल मीडिया की खबर अनुसार ..........कोरोना प्रबंधन में लगे हुए सभी कार्मिक जैसे शिक्षा विभाग के कार्मिक,  बिजली एवं जलदाय विभाग के कार्मिक , वन विभाग के कार्मिक , DOIT के कार्मिक और इसके बाद में भी यदि पर्याप्त संख्या में डोज उपलब्ध रहेंगे तो e-mitra संचालक , राशन डीलर , पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कार्मिक , दवा की दुकानों में काम करने वाले कार्मिक सभी सम्मिलित होंगे हमे 120 वेक्सीन डोज ही उपलब्ध हुए है.......उसी संदर्भ में आज एसडीम कार्यालय का दृश्य इस प्रकार था........

120 डोज (वेक्सीन) में से 70-80 वेक्सीन कार्मिको के लगने के बाद पर्याप्त डोज बचने के बाद भी पुष्कर के ईमित्र संचालको को वापिस भेज दिया यह कहकर की कल यदि वेक्सीन उपलब्ध हो जाती है तो सूचित कर दिया जाएगा। बेचारे ईमित्र सुबह 10 बजे से 2 बजे तक इन्तेजार करते रहे अंततः मायूस होकर लोट गए जबकि यह ईमित्र संचालक सरकार की सभी योजनाओं के पंजीकरण ओर ईगवर्नेस के तहत डिजिटल सेवाएं जनता तक कोरोनकाल मे भी सुलभता से दे रहे है। 

उसके बाद का दृश्य..........यदि आप sdm कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के मिलने वाले हो, पार्षद हो , प्रभावशाली हो या वेस्किन व्यवस्था में लगे कर्मचारी से जानपहचान रखते हो तो सोशल मीडिया में दी गई कार्मिको की सूचनार्थ श्रेणी में नही आते हो तो भी आपके वेस्किन लग जायेगी। अंततः बची हुई वेक्सीन उनके लगी जो उक्त श्रेणी में नही आते थे। बचे हुए लोग वेक्सीन उपलब्धता का इन्तेजार करे या फिर check  your nearest  vaccination center and slot availability करते रहिए आपकी किस्मत अच्छी हुई तो लग जायेगी तब तक सतर्क रहै घर में रहे सुरक्षित रहे कोरोना गाइडलाइन की पालना करते रहे।

✍️धन्यवाद

Dilip Kumar Udai

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#The Udai News -34 21 अगस्त 2024 ✍️ दिलीप कुमार उदय धार्मिक एवं पर्यटन स्थल पुष्कर में भारत बंद का दिखा सफल असर आरक्षण में उप-वर्गीकरण के फै...